संपत्‍ति कर नोटिसों की जांच होगी विधान सभा अध्‍यक्ष ने दिखाई सख्‍ती, अफसरों को तलब कर दिए जांच के आदेश

पंचकूला, 30 जुलाई:

पंचकूला वासियों को अनाप शनाप आ रहे संपत्‍ति कर के नोटिसों पर हरियाणा विधान सभा अध्‍यक्ष ज्ञान चंद गुप्‍ता ने सख्‍ती दिखाई है। बृहस्‍पतिवार को उन्‍होंने शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल को विधान सभा सचिवालय बुलाया और मामला उनके संज्ञान में लाया। गुप्‍ता ने कहा कि संपत्‍ति कर की अदायगी के बावजूद शहरवासियों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। यह मामला गंभीर अनियमितताओं की ओर से संकेत करता है, जिसकी उपयुक्‍त अधिकारियों से जांच करवाई जाए। इसके साथ ही उन्‍होंने संपत्‍ति कर की अदायगी में दो माह की छूट और देने के निर्देश दिए। बैठक में नगर निगम का राजस्‍व बढ़ाने के लिए सार्वजनिक स्‍थानों के लिए विज्ञापन दरें संशोधित करने के आदेश भी दिए।

काउटंर पर नकदी जमा करवाने वालों को ज्‍यादा दिक्‍कत

शहरी निकाय विभाग को संपत्‍ति कर की अदायगी तीन प्रकार से की जाती हैं। ज्‍यादातर लोग विभाग के कार्यालय में नकदी या बैंक में कर की राशि जमा करवाते हैं। अब कुछ लोगों ने ऑनलाइन पेमेंट करनी भी शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि दिक्‍कत विभाग के कार्यालय में नगदी जमा करवाने वालों को ज्‍यादा हो रही है। आशंका है कि वहां मौजूद कर्मचारियों ने नगदी लेने के बाद उसका रिकॉर्ड नहीं संभाला। इस वजह से लोगों को दोबारा नोटिस दिए जा रहे हैं।

हरियाणा विधान सभा अध्‍यक्ष एवं पंचकूला से विधायक ज्ञान चंद गुप्‍ता ने बताया कि शहरवासियों से शिकायत मिली है कि शहरी निकाय विभाग की ओर से संपत्‍ति कर की अदायगी के बावजूद लोगों को नोटिस थमाए जा रहे हैं। अनेक ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें संपत्‍ति मालिक अदायगी की रसीद लेकर विभाग के कार्यालय जाते हैं तो वहां कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता। कर्मचारी इस पर कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाते।

गुप्‍ता ने कहा कि आशियाना फ्लैट में रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को भी संपत्‍ति कर के नोटिस थमाए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने 50 वर्ग गज तक की संपत्‍ति को करमुक्‍त किया है। ऐसे में 30 गज के फ्लैट में रहने वाले लोगों से संपत्‍ति कर मांगना, विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है।

कंपनी की कार्यशैली पर संदेह, जांच के आदेश

पंचकूला में संपत्‍ति कर के संग्रहण के लिए शहरी निकाय विभाग ने एक कंपनी से अनुबंध किया था। इसके बदले विभाग कंपनी को मोटी अदायगी भी कर चुका है। अब विधान सभा अध्‍यक्ष का कहना है कि कंपनी के काम में इतनी खामी थी तो उसे अदायगी कैसे कर दी गई। उन्‍होंने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। गुप्‍ता का कहना है कि इससे जहां लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है, वहीं आर्थिक नुकसान का भी अंदेशा है। उन्‍होंने कहा कि पंचकूला में बड़ी संख्‍या में वरिष्‍ठ नागरिक रहते हैं और कर्मचारियों की इस प्रकार की कार्यशैली से उन्‍हें काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ रहा है।

गुप्‍ता ने शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक अमित अग्रवाल को शहर के सार्वजनिक स्‍थानों पर लगने वाले विज्ञापन की दरों में संशोधन करने को भी कहा। उन्‍होंने कहा है विज्ञापन की दरें ज्यादा होने के कारण कारोबारी इनमें रूचि नहीं ले रहे, जिस कारण अधिकतर स्थान खाली पड़े हैं। उन्होंने कहा कि पंचकूला में विज्ञापन की दरें दिल्ली और गुरुग्राम जैसे मेट्रोपॉलिटन शहरों की तर्ज पर निर्धारित की गई है, जो तर्कसंगत नहीं है। विज्ञापन दरें तर्कसंगत की जानी चाहिए, जिससे कि नगर निगम को आमदनी हो सके।

0 replies

Leave a Reply

Want to join the discussion?
Feel free to contribute!

Leave a Reply