इस तरह चल रहा है योगी का आपरेशन क्लीन

चंडीगढ़ (ब्यूरो):

ऑपरेशन क्लीन हर दिन औंधे मुँह गिर रहा है क्योंकि ऐसा पड़ता है उत्तर प्रदेश पुलिस से काम लेना मुख्यमंत्री योगी के बस में नहीं। बरसों से दबंगों का साथ देते देते यूपी पुलिस को कानून व्यवस्था को ताक पर रख कर काम करने की आदत हो गई है। अरे अरे विकास दुबे की बात न करो वो किस्सा अलग है दबंग पुलिस नेताओं के रिश्तों का किस्सा।

शिकायतों पर काम होने की बजाए प्रदेश में आरोपियों को बच निकलने या शिकायतकर्ता को आड़े हाथों लेने का पूरा मौका देती है। गाज़ियाबाद के पत्रकार विक्रम जोशी की सरे आम हत्या वो भी तब जबकि हत्यारों की छेड़छाड़ के मामले में स्थानीय थाने में शिकायत दी जा चुकी थी। समय पर काम नहीं करती पुलिस और संरक्षण देती है बदमाशों को।

राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पागल दास

मथुरा के नगला ब्राह्मण गाँव के राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पागल दास को मुस्लिम समुदाय के दबंग युवकों द्वारा लाउडस्पीकर न चलाने की चेतावनी दी और ऐसा न करने पर जान से मार देने और बोरी में सील कर के फेंक देने की धमकी दी गई । जिसके बाद घटना के विरोध में और मामले का समाधान ढूँढने के लिए उनके साथ भारी तादाद में कार्यकर्ताओं की भीड़ गाँव में पहुँची और मंदिर पर बैठक की। इसी बीच प्रशासन की गाड़ी आ गई और उन्होंने वहीं उनकी रिपोर्ट भी लिखी। रिपोर्ट में बाबा के साथ हुई बदसलूकी का उल्लेख किया गया और आरोपितों में गाँव में रहने वाले बनी पुत्र असगर, इरफान, अंसार, आजाद, इब्राहिम, मो रफीक आदि मुस्लिम समुदाय के दबंगों का नाम लिखवाया।

मामले की गंभीरता को देखते हुए मीडिया ने जब पुलिस की कार्रवाई जानने की कोशिश की। पुलिस का कहना है कि मामले में एफआईआर हो गई है। एक गिरफ्तार हो गया। हालाँकि, जब गिरफ्तार युवक का नाम पूछना चाहा तो पुलिस ने हमसे बाद में संपर्क करने को कहा और उसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो पाया। गाँव वालों का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में हिंदू पक्ष के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया। दबंगों की ओर से अभी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

लैब असिस्टेंट संजीत यादब की बहन

कानपुर लैब असिस्टेंट संजीत यादब का बदमाशों ने अपहरण कर लिया और उसे छोड़ने के बदले में तीस लाख रुपये मांगे। फिरौती के लिए परिवार ने गहने बेच कर पैसे का इंतज़ाम किया एरिया पुलिस प्रभारी रणजीतसिंह और उसके साथियों के हाथ संजीत यादब के अपहरणकर्ताओं तक फिरौती पहुंचाने के लिए दिए जिससे कि संजीत को छुड़वाया जा सके लेकिन फिरौती की रकम बदमाशों के पास न पहुंचने की वजह से संजीत की हत्या कर दी गई। परिवार ने स्थानीय पुलिस पर आरोप लगाया कि केवल पुलिस ही जानती है पैसे कहां गए।

इस मामले में भी मुख्यमंत्री कह रहे हैं दबंगों को बख्शा नहीं जाएगा लेकिन पुलिस की भूमिका को जाँचने के कोई आदेश नहीं दिए गए। यह तो मात्र दो तीन घटनाएँ हैं ऐसी कई घटनाएँ तो मीडिया इत्यादि के संज्ञान में भी नहीं आती।

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