डिजीटल इंडिया-पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम के तहत जिला की पंचायतें होंगी वाई-फाई, दिए जाएंगे 1500 कनैक्शन

ग्रामीण विकास से सम्बंधित अधूरे कार्य मनरेगा से होंगे पूरे- डीसी निशांत कुमार यादव

मनोज त्यागी करनाल 23 जुलाई:

                डिजीटल इंडिया-पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम के तहत आगामी 15 अगस्त तक जिला की सभी ग्राम पंचायतों में स्थित 5-5 सरकारी भवनो में वाई-फाई कनैक्शन दिए जाएंगे। यह कार्य कॉमन सर्विस सेंटर- ई-गवर्नेंस सर्विसिज़ इंडिया लिमिटेड एजेंसी की ओर से किया जा रहा है, जिसमें कुल 1500 कनैक्शन दिए जाएंगे। गुरूवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला विकास समन्वय व निगरानी समिति (दिशा) को लेकर आयोजित तिमाही बैठक में केन्द्रीय प्रायोजित स्कीमो की समीक्षा के दौरान उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने यह जानकारी दी। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अशोक बंसल की ओर से प्रस्तुत करीब दो दर्जन स्कीमो पर रिव्यू किया गया।

                   बैठक में उपायुक्त ने ग्रामीण विकास विभाग, शिक्षा, बिजली, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, प्रधानमंत्री आवास योजना, फसल बीमा योजना, जल जीवन योजना, स्वच्छ भारत मिशन तथा मनरेगा जैसे विभागों से जुड़े कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि एम.पी. लैड के तहत जितने भी कार्य हैं, उनके यूटिलाईजेशन सर्टिफिकेट भिजवाएं, जो कार्य अधूरे हैं, उन्हें जल्द से जल्द पूरा करें, कोई भी कार्य अधूरा ना छोड़ा जाए। सीईओ जिला परिषद व पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवो में जो कार्य अधूरे पड़े हैं, उन्हें मनरेगा के तहत पूरे करवाएं। गांवो में खेल के मैदान, व्यायामशाला और उनमें पार्कों के कामों को प्राथमिकता पर लें। पौंड यानि तालाबों की मेन्टेनेन्स सुनिश्चित हो। जिन गांवो में सेनीटरी कॉम्पलैक्स बने हुए हैं, उनके रख-रखाव के लिए ग्राम पंचायतें सफाईकर्ताओं से सफाई करवाना सुनिश्चित करें।

                उन्होंने जिला राजस्व अधिकारी से कहा कि डिजीटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉड्रनाईजेशन प्रोग्राम के तहत ऑफलाईन जमाबंदियों को ऑनलाईन करने का कार्य चल रहा है, जो काम अभी पेंडिंग है, उसे पूरा करें। म्यूटेशन यानि इंतकाल के सभी पेंडिंग कार्यों को भी पूरा कर लिया जाए। इसी प्रकार जिन गांवो में ग्राम सचिवालयों के अंदर वी.एल.ई. नही हैं, वहां विलेज लेवल एंटरप्रोन्योर को बिठाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उप कृषि निदेशक से कहा कि फसल बीमा योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए। सरकार ने अब किसानो के लिए योजना में वैकल्पिक सुविधा दी है, इसके तहत जिन किसानो ने बैंको में अपनी लिमिट बना रखी है और वे बीमा नहीं करवाना चाहते, वे बैंको में लिखकर दे दें, उनकी लिमिट से धन राशि नही कटेगी।

                 स्वास्थ्य विभाग से सम्बंधित स्कीम की समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन ने बताया कि जिला में एम्बूलेटिड लाईफ स्पोर्ट वैन की आवश्यकता है, इस पर उपायुक्त ने बताया कि वे एम.पी. लैड स्कीम से इसकी व्यवस्था करवाएंगे। महिला एवं बाल विकास विभाग की स्कीमो की समीक्षा के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जिला में 1479 आंगनवाडियों के जरिए जून मास का गेहूँ, चावल जैसा सूखा राशन 6 महीने से 6 वर्ष तक आयु के बच्चों, गर्भवती तथा दूध पिलाने वाली माताओं के लिए वितरित किया गया। जुलाई मास में भी एक पखवाड़े का राशन उपरोक्त सभी को घर-घर जाकर वितरित किया जा चुका है, जबकि मास के दूसरे पखवाड़े का राशन वितरित किया जा रहा है। इसमें 56 हजार 276 बच्चे, 9 हजार 324 गर्भवती महिलाएं तथा 9 हजार 109 स्तनपान कराने वाली महिलाएं शामिल हैं।

                 जल-जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान जन स्वास्थ्य विभाग के अधीक्षण अभियंता ने उपायुक्त को बताया कि इस मिशन के तहत जिला के ग्रामीण क्षेत्रो में जिन घरों के अंदर पानी के कनैक्शन नही हैं, उन्हें कनैक्शन मुहैया करवाए जाएंगे। प्रथम चरण में पानी के कनैक्शन दिए जाएंगे, उनके एस्टीमेट बनाए जा चुके हैं। इनमें 10 प्रतिशत हिस्सा सम्बंधित ग्राम पंचायत की ओर से दिया जाएगा। द्वितीय फेस में जहां-जहां पाईप लाईन की जरूरत होगी, वहां पाईप लाईन डाली जाएगी। तृतीय चरण में जहां नलकूपों की जरूरत होगी, वहां नलकूप लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की समीक्षा के दौरान नगरीय परियोजना अधिकारी ने उपायुक्त को बताया कि इस योजना के तहत जिला में कुल 15 हजार 968 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से बी.एल.सी. यानि लाभार्थी नेतृत्व निर्माण के तहत प्राप्त आवेदनो में से 4488 आवेदनो को अढाई लाख रूपये तक की निर्माण राशि वितरित की जाएगी, शेष लाभार्थियों को केन्द्र सरकार की ओर से सीधे राशि मिलेगी। इस योजना के तहत जिला में प्राप्त करीब 21 करोड़ रूपये की राशि में से 11 करोड़ 48 लाख रूपये की राशि खर्च की जा चुकी है। इसमें 1090 लाभार्थियों को मकान निर्माण के स्वीकृति पत्र दे दिए गए हैं।

                समीक्षा बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त के अलावा सीईओ जिला परिषद विजया मलिक, सिविल सर्जन तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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