जिला स्तरीय सतर्कता और निगरानी कमेटी की बैठक का आयोजन

अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज केसों में पीडि़तों को जल्द से जल्द  मिले न्याय उपायुक्त निशान्त कुमार यादव 

  मनोज त्यागी करनाल 23 जुलाई:

अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 की परिपालना के लिए जिला स्तरीय सतर्कता और निगरानी कमेटी की बैठक का आयोजन वीरवार को लघु सचिवालय के सभागार में किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने की। इस मौके पर विधायक नीलोखेड़ी एवं वन निगम हरियाणा के चेयरमैन धर्मपाल गोंदर सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज केसों में पीडि़तों को जल्द से जल्द न्याय मिले और सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता राशि समय पर मिले इसके लिए केसों को समयबद्घ तरीके से उपायुक्त कार्यालय में प्रस्तुत करें।

मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत पात्र को दी जाती है 51 हजार रूपये की अनुदान राशि।उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े  वर्ग कल्याण विभाग हरियाणा की ओर से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51 हजार रूपये की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े  वर्ग कल्याण विभाग की ओर से सभी वर्गों/समाज के व्यक्तियों की लड़कियों की शादी में  मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के अंतर्गत अनुदान राशि प्रदान की जाती है। यह राशि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों/विमुक्त जाति  जिनका नाम बीपीएल सूची में दर्ज है को 51 हजार रूपये की राशि प्रदान की जाती है तथा  अनुसूचित जाति को छोड़कर सभी वर्गों (बीपीएल परिवार और सामान्य) को 11 हजार रूपये व सभी वर्ग (एससी, बीसी सहित) जिनके पास अढ़ाई एकड़ से कम भूमि हो एवं एक लाख रूपये वार्षिक आय से अधिक  ना हो को 11 हजार रूपये राशि दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि विधवा किसी भी जाति की हो, उनकी बेटी की शादी के मौके पर भी सरकार की ओर से 51 हजार रूपये की राशि शगुन के रूप में दी जाती है, बशर्ते उनके पास अढ़ाई एकड़ से अधिक कृषि भूमि ना हो एवं एक लाख रूपये से अधिक वार्षिक आय न हो।

उपायुक्त ने यह भी कहा कि उपायुक्त कार्यालय से स्वीकृति के बाद इन केसों को विभाग के मुख्यालय में भी निर्धारित समय सीमा के अंदर भिजवाना सुनिश्चित करें ताकि पीडि़तों की हरसंभव मदद समय पर हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग के मुख्यालय स्तर पर होने वाली देरी के बारे में भी अवगत करवाएं ताकि इस संबंध में मुख्यालय से समन्वय स्थापित किया जा सके।  अधिनियम की पालना दृढ़ता से हो इसके लिए मौके पर मौजूद विधायक नीलोखेड़ी ने उपायुक्त निशांत कुमार यादव को अपने सुझाव भी दिए। बैठक में पिछले तीन महीने के अंतराल में उक्त अधिनियम के तहत जिले में दर्ज हुए मामलों की समीक्षा की गई जिसमें जिला कल्याण अधिकारी रेणू सिसोदिया ने बताया कि गत मार्च माह में 1, अप्रैल महीने में 3 तथा मई महीने में 2 मुकदमे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 2 मुकदमों में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है जबकि एक मुकदमा खारिज हुआ है। इस मौके पर पुलिस प्रशासन की ओर से डीएसपी जगदीप सिंह ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत 3 मामलों में जांच जारी है। इसके अतिरिक्त जिला कल्याण अधिकारी रेणू सिसोदिया ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत सरकार द्वारा पीडि़तों को सहायता राशि उपलब्ध करवाई जाती है। कार्यालय को मुख्यालय द्वारा कुल 11 मामलों के लिए 28 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं जिसमें से 7 लाख 57 हजार रुपये की राशि स्वीकृत करके वित्त विभाग के पास स्वीकृति के लिए भेजे जा चुके हैं। स्वीकृति मिलते ही पीडि़तों के बैंक खाते में राशि भेज दी जाएगी। शेष राशि के द्वारा भी पीडि़तों की सहायता शीघ्र सुनिश्चित कर दी जाएगी। इस मौके पर तहसील कल्याण अधिकारी होशियार सिंह, एडीए बृज मोहन सहित सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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