प्रशांत भूषण के खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दर्ज
अपने ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा था, “जब भविष्य में इतिहासकार वापस मुड़कर देखेंगे कि किस तरह से पिछले 6 वर्षों में औपचारिक आपातकाल के बिना ही भारत में लोकतंत्र को नष्ट किया गया है, तो वे विशेष रूप से इस विनाश में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका को चिह्नित करेंगे, और पिछले 4 CJI की भूमिका को और भी अधिक विशेष रूप से।”
- प्रशांत भूषण के खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दर्ज
- सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मामले की सुनवाई
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए प्रशांत भूषण के खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दर्ज किया है. सर्वोच्च अदालत ने प्रशांत भूषण के साथ-साथ ट्विटर इंडिया पर भी केस दर्ज किया है. मामले की सुनवाई बुधवार (22 जुलाई) को होगी.
विवादास्पद ट्वीट करने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण और ट्विटर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू की है. जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच कल मामले की सुनवाई करेगी.
हालांकि, फिलहाल प्रशांत भूषण को खुद इस बात की जानकारी नहीं है कि कौन से ट्वीट पर कोर्ट ने स्वत:संज्ञान लिया है. वैसे प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक और अवमानना की कार्यवाही का मामला लंबित है. उस मामले में पिछली बार 2012 में सुनवाई हुई थी. उसके बाद से अब तक मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं हुआ.
बता दें कि प्रशांत भूषण कई मौके पर सुप्रीम कोर्ट की आलोचना कर चुके हैं. हाल ही में, उन्होंने कोरोना महामारी के बीच प्रवासी श्रमिकों से संबंधित मामलों को संभालने के लिए शीर्ष अदालत की खुले तौर पर आलोचना की थी. इसके अलावा उन्होंने भीम-कोरेगांव मामले में आरोपी सुधा भारद्वाज को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी.
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