मनोज त्यागी, करनाल/चण्डीगढ़,20जुलाई :
करनाल के पत्रकार द्वारा सोशल मीडिया पर हरियाणा सरकार द्वारा लगाए बैन को हटाए जाने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार के इस तालीबानी फ़रमान पर करारा प्रहार करते हुए इस बैन को हटा दिया है।
हाईकोर्ट ने सरकार को करारी फटकार लगाते हुए कहा कि सरकार ने तो सोशल मीडिया पर बैन लगा सकती है और न ही जनता की आवाज को दबा सकती है। यदि सरकार सोशल मीडिया पर कोई नियम कायदे बनाना चाहती है तो बनाए, लेकिन उस से पहले बैन लगाना संविधानिक नहीं है। ज्ञात रहे कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश के लगभग छह जिलों में सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया है और करनाल के डीसी निशांत कुमार यादव ने दस जुलाई 20 को करनाल में सोशल मीडिया पर 15 दिन का बैन लगा दिया था।
इस बैन के विरोध में समाचार पत्र के निदेशक अनिल लाम्बा ने हाईकोर्ट का दरवाजा सीनियर अधिवक्ता अक्षय भान, वरिष्ठ अधिवक्ता विरेंद्र सिंह राठौर और अधिवक्ता अमनदीप तलवार के माध्यम से इस तालीबानी फ़रमान को चुनौती दी। आज इस केस की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस बैन को हटाकर हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाई। उल्लेखनीय है कि इस मामले की सुनवाई वर्चुअल हियरिंग के माध्यम से की। अब इस ऐतिहासिक फैसले के बाद सभी जिला करनाल के पत्रकार अपनी अपनी गतिविधियां दुबारा से सोशल मीडिया न्यूज़ चैनलों पर शुरू कर सकते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता विरेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि डीसी करनाल के सोशल मीडिया को बैन करने के आदेश असविधानिक है। इस पर रोक लगा दी है।