फोन टेपिंग, खरीद फरोख्त, एक परिवाद और भाजपा की नज़र
राजस्थान में सियासी उठापटक का रविवार को 10वां दिन है। कांग्रेस विधायक राजेंद्र गुड़ा ने दावा किया है कि हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों में गिरफ्तार किए गए संजय जैन ने 8 महीने पहले मुलाकात की थी। गुडा ने कहा कि वह मुझे भाजपा ज्वाइन करवाना चाहता था और उसने वसुंधरा राजेजी से मिलने की बात कही थी। हालांकि, उस वक्त और भी एजेंट इसी काम में लगे थे, पर वे अपनी कोशिशों में कामयाब नहीं हुए। इस उठापटक में आज एक नए घटनाक्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित 104 विधायकों के ख़िलाफ़ कोरोना महामारी एक्ट की धारा188,269,270,271,505 के तहत न्यायालय MM 11 में परिवाद दर्ज हुआ है।
जयपुर (ब्यूरो) :
राजस्थान की सियासत में इन दिनों हर रोज नया सस्पेंस और ड्रामा देखने को मिल रहा है. जबसे अशोक गहलोत ने ये दावा किया है कि उनकी सरकार को गिराने के लिए साजिश रची गई है, कांग्रेस के बड़े नेताओं ने जयपुर में डेरा डाल दिया. इन सबका कहना है कि वो एक मिशन पर हैं. एक ऐसा मिशन जिसके दो लक्ष्य हैं- पहला कांग्रेस को संकट के दौर से निकालना और दूसरा बीजेपी और सचिन पायलट के समर्थकों को करारा जवाब देना. इस उठापटक के बीच बीजेपी ने कहा है कि जब समय सही होगा और हमें कुछ करना होगा, हम चर्चा करेंगे और उस दिशा में आगे बढ़ेंगे. राजस्थान में बीजेपी विधायक दल के नेता गुलाब चंद कटारिया ने ये बयान आज दिया है.
मजबूत विपक्ष की निभाऐंगे भूमिका
गुलाबचंद कटारिया ने न्यूज़ 18 से खास बातचीत में मजबूती से दोहराया कि भाजपा राजस्थान में विपक्ष है और विपक्षी दल की भूमिका हम मजबूती से निभाएंगे. कटारिया ने साथ ही यह भी कहा कि अगर अशोक गहलोत के पास बहुमत है तो सदन में आएं. होटल से सरकार क्यों चला रहे हैं.
बहुमत है तो साबित करें
गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पूर्ण बहुमत का निर्णय तो विधानसभा में ही होगा. कोई चाहे कितना भी नम्बर बोले इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. विधानसभा में आकर जिसके पास भी बहुमत है वो फ्लोर पर आकर साबित करें. कटारिया ने कहा कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत चाहे कितने भी दावे करें बहुमत है तो सदन में आकर साबित करें सच सबके सामने आ जाएगा.
होटल छोड़ो सदन में आओ
कटारिया ने अशोक गहलोत को नसीहत दी है कि वो बार बार बहुमत का दावा कर रहे हैं. होटल छोड़ सदन में आएं. बहुमत साबित करने के अलावा कोरोना काल में सदन में आकर सरकार चलाएं. जनता ने उन्हें होटल में रहने के लिए नहीं चुना है. कटारिया ने दुख जताया कि इस तरह से कांग्रेस कोरोना काल में जनता को भगवान भरोसे छोड़ सरकार बचाने में लगी हुई है जो कि राजस्थान का दुर्भाग्य है.
‘हम उनकी लड़ाई देख रहे हैं’
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद की जिम्मेदारी संभाल रहे वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि बीजेपी ने कभी फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं की थी, अब भी नहीं कर रही. हम उनकी लड़ाई देख रहे हैं. जब सही वक्त होगा और हमें कुछ करना होगा, हम चर्चा करेंगे और उस दिशा में आगे बढ़ेंगे. अभी तक हमें इस मामले में गैरजरूरी रूप से घसीटा जा रहा है.
फोन टैपिंग के लिए गृह विभाग की इजाजत जरूरी
कटारिया ने कहा फोन टैपिंग प्रकरण पर कहा कि सरकार को फोन टैप कराने का अधिकार है. लेकिन वह ऐसा गृह विभाग के संज्ञान में लाने और स्वीकृति के बाद ही कर सकती है. कोई प्राइवेट व्यक्ति ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं है. कुछ का कहना है कि लोकेश शर्मा, जिन्हें सीएम का ओएसडी बताया जा रहा है, उन्होंने किया है. वह अधिकृत नहीं हैं, उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है. इस बीच, मंत्री और विधायकों के फोन टैपिंग पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव राजीव स्वरूप से रिपोर्ट मांगी है.
गौरतलब है कि राजस्थान में 200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं, जिनमें से 19 असंतुष्ट विधायकों को अध्यक्ष ने अयोग्य करार देने का नोटिस जारी किया है और उन्होंने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी है. कांग्रेस ने दावा किया है कि गहलोत सरकार के पास बीटीपी के दो विधायकों समेत 109 विधायकों का समर्थन है.
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