सत्ता और संगठन में समन्वय के अजय प्रयास

धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़

हरियाणा में विपक्ष के कई नेता जेजेपी को बीजेपी की बी टीम बताते रहे हैं l नाम भी मिलता-जुलता है। बीजेपी एक कैलकुलेटिंग पार्टी है जिसमें बहुत कुछ योजनाओं पर आधारित होता है। जेजेपी उस विचारधारा पर आधारित है जो जरूरत पड़ने पर भारतीय जनता पार्टी के साथ कभी भी और किसी तरह का भी तालमेल बना लेती है। ऐसा ही चौधरी देवीलाल ने किया ओम प्रकाश चौटाला ने भी किया अभय सिंह चौटाला भी करते रहे आज दुष्यंत कल दिग्विजय भी कर सकते हैं।

पिछले दिनों खबर आई थी कि चंडीगढ़ में जेजेपी की छात्र शाखा इनसो का अलग दफ्तर खुल गया है। इसमें मीडिया के एक ने एक अलग दृष्टिकोण के अंतर्गत यह दर्शाने की कोशिश की कि अब इन्हें दो भाइयों में भी प्रतिस्पर्धा गैप फर्क कुछ भी कहिए आ गया है।

आधार बताए गए कि इनसो के कार्यालय का उद्घाटन अजय सिंह चौटाला ने किया परंतु उस कार्यक्रम में दुष्यंत चौटाला नहीं आए जबकि वे उस दिन चंडीगढ़ में ही थे। दूसरा यह है कि फ्लेक्स बोर्ड पर दुष्यंत के फोटो आदि नहीं लगाए गए। निश्चित तौर पर यह एक दृष्टिकोण है परंतु सिक्के का एक पहलू और और भी है। जेजेपी मैं आईडियाज बहुत है। योजना अनुसार काम करने ,सोशल मीडिया पर छाए रहने मैं कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाती।

अजय सिंह चौटाला ने जेल में बैठकर जिस तरीके से योजनाएं बनाई उसी का प्रतिफल इनसो था उसी का जेजेपी है और उसी अजय सिंह चौटाला ने अपने छोटे बेटे को जेजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष और इनसो का राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों बनाकर शायद यह संकेत देने की कोशिश की है कि बेटा तब तक अपना है जब तक उसकी शादी नहीं हो जाती और शायद यह भी कि छोटा बेटा मां बाप की सेवा कर जाता है। जैसे ओम प्रकाश चौटाला के लिए अभय सिंह चौटाला है ऐसा ही शायद अजय सिंह के लिए दिग्विजय सिंह है। कई लोग पानी आने से पहले बांध बांध लेते हैं शायद यही सोच अजय सिंह चौटाला की भी है। यह उनकी दूरदर्शिता का एक नमूना है।

मेरा यह मानना है कि अजय सिंह चौटाला हो दुष्यंत हो या दिग्विजय सिंह या नैना चौटाला ,उनकी नजर में आज और कल उनका प्रतिद्वंदी दीपेंद्र हुड्डा है। यह जो इनसो का अलग दफ्तर खुला है यह कोई अलगाव नहीं है यह योजना है।

अब देखना दिग्विजय सिंह इनसो के बैनर के नीचे युवाओं को प्रत्यक्ष परोक्ष जेजेपी से जोड़ने की मुहिम चलाएंगे उनकी माता श्री महिलाओं को जेजेपी से जोड़ने की अपनी पुरानी मुहिम को जारी रखेंगी।

अजय सिंह चौटाला बाहर हो य भीतर योजना तो बना ही सकते हैं ,बनाते रहेंगे। सबको पता है कि कांग्रेस के नेता जयप्रकाश जिसे जच्चा बच्चा पार्टी बताते हैं वे शायद इस इंतजार में हैं कि किसी तरह अजय सिंह चौटाला जेल से बाहर आए और वह सारा परिवार मिलकर हरियाणा में राजनीति में अपना वर्चस्व साबित करके दिखाएं दुष्यंत चौटाला का मकसद उप मुख्यमंत्री बने रहना थोड़े हैं उसकी आकांक्षा भी मुख्यमंत्री बनने की है। जाहिर है मुख्यमंत्री का उम्मीदवार तो दुष्यंत ही रहेगा लेकिन दिग्विजय सिंह नैना चौटाला अजय सिंह चौटाला अपने अपने मोर्चों पर लगे रहेंगे। इतना जुगाड़ वह भी घर में शायद ही किसी और नेता या पार्टी का हो।

यह समझा जा सकता है कि समय आने पर अजय सिंह चौटाला की परिवार का एक सदस्य सिरसा से यात्रा पर निकलेगा आंचल एक सोनीपत से चलेगा एक कालका से एक होडल से तो फिर हो गया सारा हरियाणा कवर। ऐसी ही मुहिम चौधरी देवीलाल चलाया करते थे।

एक बात और समझने की है इनसो का अलग कार्यालय जेजेपी के लिए वरदान भी साबित हो सकता है, लेकिन बताएगा समय, योजना अच्छी है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को चौधरी देवी लाल पहले ज्यादा अहमियत नहीं देते थे बल्कि चौधरी रंजीत सिंह को आगे लेकर चलते थे परंतु ओम प्रकाश चौटाला राजनीति में तब तब स्थापित हुए जब ऐलनाबाद में ग्रीन ब्रिगेड का गठन हुआ और जयप्रकाश को उसका अध्यक्ष बनाया गया

जयप्रकाश ने युवाओं को अपने साथ जोड़ कर शानदार जनसंपर्क चलाया और पार्टी कलेवर को ही बदल दिया।

यही काम अब दिग्विजय सिंह करना चाहेगा। आप मान कर चल सकते हैं कि किसी दल में चंडीगढ़ में दो-दो दफ्तर नहीं बना रखे। भारतीय जनता पार्टी का भी एक दफ्तर कांग्रेस का भी एक है लेकिन जेजेपी के दो दफ्तर हो गए। आप समझ सकते हैं कि जो जेजेपी के नेता चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बोले खुलकर आलोचना करें वही नेता सरकार बनाने के समय उन्हीं के साथ घी शक्कर हो जाए, वह आने वाले समय उसी भारतीय जनता पार्टी को किनारे लगाने का काम भी तो कर सकते हैं।

आज भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता इतना हताश और निराश है कि उसका चंडीगढ़ का मोह भी टूट गया है परंतु प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से इसका जिम्मेदार भी जे जे पी को कहा जा सकता है क्योंकि अमित शाह ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की थी कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी जेजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाएगी और दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री होंगे उसी दिन भाजपा के काफी कार्यकर्ताओं समर्थकों शुभचिंतकों के एक तरह से फ्यूज उड़ गए थे। देखा जाए तो जेजेपी जनता में अपनी चमक होती जा रही है लेकिन उसने बीजेपी का भी बढ़िया प्रबंध कर दिया है कि उसकी स्थिति यह हो गई है कि हाईकमान जाट को अध्यक्ष बनाना नहीं चाहती और गैर जाट को बना नहीं पा रही उसे उपचुनाव में भी जेजेपी को आगे करके चलना पड़ रहा है।

आने वाले समय में अजय सिंह चौटाला का परिवार जनता के बीच में नजर आएगा और हमारे जैसे पत्रकार यह लिखने को मजबूर होंगे कि चौधरी देवीलाल सही कहा करते कि लोकतंत्र में जो व्यक्ति लोगों को बीच में रहेगा वही कुछ ले मरेगा।

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