गैंगस्टर का खेल ख़त्म, राजनीति का खेल शुरू
व्यवस्थाओं को अपनी उंगलियों पर नचाते हुए गैंगस्टर विकास दुबे ने बहुत ही नाटकीय ढंग से मध्य प्रदेश में उज्जैन के महाकाल मंदिर अपने आप को जाहिर किया कि “मैं विकास दुबे हूं,कानपुर वाला। इन्होंने मुझे पकड़ लिया है।” मीडिया के सामने पूरे योजनाबद्ध तरीके से अपनी गिरफ्तारी करवाई और एनकाउंटर की सारी संभावनाएं नष्ट करते हुए मंत्री योगी आदित्यनाथ का ऑपरेशन धराशाई कर दिया। कुख्यात गैंगस्टर पुलिस कर्मियों की हत्या के 1 सप्ताह बाद अपनी मर्जी से अपनी गिरफ्तारी देता है। आज कुछ ना बस मी मीडिया और सार्वजनिक रूप से इसी घटनाक्रम को देखें तो उत्तर प्रदेश पुलिस मैं के चलते कानूनी प्रक्रिया को ताक पर रखकर विकास दुबे के घर की गाड़ियां को नष्ट कर दिया इतना ही नहीं उसके घरवालों और नए रिश्तेदारों को भी गिरफ्तार किया।
सरिका तिवारी:
बड़ी बात है के बीते दिन हरियाणा में फ्रीदाबाद में इसे देखा गया, उसी दिन इसके कुछ साथियों का एनकाउंटर भी हुआ और आज अचानक स्टेट बॉर्डर पार कर के मध्य प्रदेश पहुंचा और पुलिस अपनी मुस्तैदी का दावा करती रही।
गुरुवार सुबह उज्जैन में सरेंडर
अब गुरुवार सुबह उसने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया। फिलहाल उज्जैन के फ्रीगंज थाने से उसे किसी गुमनाम स्थान पर ले जाया गया है। अब यूपी पुलिस की एक टीम भी उज्जैन रवाना हो चुकी है। बता दें कि बुधवार को वह फरीदाबाद में देखा गया था, लेकिन वह कैसे उज्जैन पहुंचा, इस बात की पूछताछ की जा रही है।
सुनियोजित तरीके से किया आत्मसमर्पण
दुबे ने सुनियोजित तरीके से आत्मसमर्पण किया है। उसने गुरुवार को महाकाल मंदिर में जाकर पर्ची कटाई, इसके बाद मंदिर के सुरक्षाकर्मी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद विकास ने उज्जैन में मीडिया को भी बुलाया है।
महाकाल मंदिर पहुंचकर चिल्लाने लगा मैं हूं विकास दुबे
जानकारी के मुताबिक वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में पहुंचकर खुद को विकास दुबे कहकर चिल्लाने लगा. इसके बाद वहां मौजूद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और फ्रीगंज थाने ले गई। इसके बाद यूपी पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। उसकी गिरफ़्तारी की एक फोटो भी यूपी पुलिस के पास भेजी गई, जिसके बाद पुष्टि हुई की वही विकास दुबे है.
बड़ा सवाल: आखिर उज्जैन कैसे पहुंचा विकास दुबे?
बुधवार को फरीदाबाद और एनसीआर में लोकेशन मिलने के बाद आखिर वह उज्जैन कैसे पहुंचा? यह बड़ा सवाल है। अब उज्जैन पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. यूपी पुलिस के पहुंचते ही उसकी ट्रांजिट रिमांड की कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है थोड़ी देर में ही उज्जैन पुलिस इसका खुलासा करेगी कि वह यहां कैसे पहुंचा?
अब बड़ा सवाल यह है कि 8 पुलिसवालों की हत्या का आरोपी विकास कानपुर से उज्जैन कैसे पहुंचा? औरैया की आखिरी लोकेशन के मुताबिक गैंगस्टर विकास दुबे इटावा के रास्ते चंबल के बीहड़ों में उतर चुका है। बीहड़ के आगरा सेंटर से वह एमपी या राजस्थान भी भाग सकता है. इस सेंटर से एमपी या राजस्थान भागने में सिर्फ 30 मिनट लगते हैं।
यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह बताते हैं, इटावा के रास्ते से चंबल के बीहड़ शुरु हो जाते हैं। हाइवे को इस्तेमाल किए बिना बीहड़ के रास्तों से होते हुए आराम से आगरा पहुंचा जा सकता है। बीहड़ में आगरा सेंटर पर बाह-पिनहाट ऐसी जगह हैं जहां से 30 मिनट में यूपी का बॉर्डर पार कर एमपी और राजस्थान में दाखिल हुआ जा सकता है। यह वो रास्ते हैं जहां पुलिस की कोई चेकिंग भी नहीं होती है। इन रास्तों पर आप अपनी गाड़ी भी ले जा सकते हैं।
यदि ईमानदारी से की गई जाँच कर सकती है बड़े खुलासे, नेताओ और पुलिस से इसके connection सामने आ सकते हैं। ऐसा इसलिए अबसे पहले पुलिस की ओर से इसके खिलाफ चार्जशीट हमेशा कमजोर ही पेश होती रही है भले ही मामला थाने के अंदर मंत्री की हुई हत्या का ही हो।
बताया यह भी जा रहा है कि शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र ने चौबेपुर थाना के दारोगा विनय तिवारी की शिकायत एसएसपी अनंतदेव से की थी, वह चिट्ठी अब पुलिस रिकर्ड से गायब बताई जा रही है। फिलहाल एसएसपी की जांच लखनऊ आईजी के हवाले कर दी गई है। वो वायरल ऑडियो भी सामने आया है जिसमें शहीद सीओ एसएसपी को बता रहे हैं कि सीओ विनय तिवारी उनकी बात नहीं सुनते।
कानपुर में बिल्लौर के शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के मोबाइल में मिली रिकॉर्डिंग में साफ पता चल रहा है कि उन्होंने चौबेपुर के दरोगा विनय तिवारी की शिकायत एसएसपी अनंत देव से की थी। इसके बावजूद एसएसपी अनंत देव ने कोई एक्शन नहीं लिया। यह ऑडियो शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र की बेटी वैष्णवी मिश्र ने वर्तमान एसएसपी दिनेश कुमार पी को सौंपा है। बता दें कि बिकरू गांव घटना के बाद से दरोगा विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
शक यह भी जताया जा रहा है की सीओ देवेंद्र मिश्र और साथ ही साथ बाकी पुलिसवालों की हत्या एक साजिश के तहत ही की गयी थी।
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