दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी उपस्थिती से तिलमिलाया चीन

चीन का नाम और सीमा विवाद एक दूसरे के पर्याय हैं। ‘वह कौन सा सगा नहीं जिसको हमने ठगा नहीं’ वाली कहावत चीन पर सटीक बैठती है। चीन सदियों पुराने नक्शे ले कर सभी पर धौंस जामाता रहता है। जिस साम्राज्यवाद के खिलाफ चीन की कोम्युनिस्ट ताकतों ने अपनी लड़ाई लड़ी थी वही कोमुनिस्ट ताक़तें अब एक साम्राज्यवादी सोच वाले नेता के कब्जे में हैं। वह अपने विसतारवादी विचार चीन पर थोप चुका है और चीन का प्रशासन और चीन की सारी सेना उसके विसतारवादी नीति को आगे बढ़ाने के प्रयत्नों में लगे हैं। बात दक्षिण चीन सागर की हो या उत्तर चीन सागर की जल सीमाओं के लेकर भी चीन का विवाद रहता है। अभी दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी उपस्थिती से भी नाराज़ है।

सारिका तिवारी, चंडीगढ़ – 6 जुलाई :

पड़ोसियों को धौंस दिखाने की कोशिश कर रहा चीन दक्षिण चीन सागर (साउथ चाइना सी) में अमेरिकी नौसेना की मौजूदगी से बौखला गया है। चीन के आक्रामक तेवरों के जवाब में अमेरिका ने अपने दो एयरक्राफ्ट कैरियर इस इलाके में तैनात किए हैं।

2014 के बाद यह पहला मौका है जब दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना ने अपने दो बड़े एयरक्राफ्ट भेजे हैं। दोनों एयरक्राफ्ट के अलावा चार युद्धपोत भी इस इलाके में अभ्यास कर रहे हैं। इसका मकसद इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में निर्बाध आवाजाही सुनिश्‍चत करना है।

अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर यूएएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन के दक्षिण चीन सागर में तैनाती पर चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने यूएस को ‘धमकी’ दी। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि चीन की सेना की किलर मिसाइलें डोंगफेंग-21 और डोंगफेंग-25 अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर को तबाह कर सकती हैं। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने ट्विटर पर लिखा कि दक्षिण चीन सागर में तैनात अमेरिका के विमानवाहक पोत चीनी सेना की जद में हैं। चीनी सेना इन्‍हें बर्बाद कर सकती है। 

चीन की इस ‘धमकी’ पर यूएस नेवी ने चुटकी ली है। अमेरिकी नौसेना के चीफ ऑफ इनफॉर्मेशन ने जवाब देते हुए ट्वीट कर कहा, “और इसके बावजूद वे (यूएस नेवी के जहाज) वहाँ हैं। एयरक्राफ्ट कैरियर्स, दक्षिणी चीन सागर के अंतरराष्ट्रीय सीमा में घूम रहे हैं। यूएसएस निमित्ज और यूएसएस रोनाल्ड रीगन किसी से डरने वाले नहीं हैं।”

यूएसए के निमित्ज से एडमिरल जेम्स किर्क ने रॉयटर को दिए एक टेलीफोनिक इंटरव्यू में कहा, “उन्होंने हमें देखा है और हमने उन्हें देखा है।” वहीं चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने जान-बूझकर दक्षिण चीन सागर में अपने जहाजों को अपनी ताकत दिखाने के लिए भेजा है। बता दें कि साउथ चाइना सी में अमेरिकी नेवी के दो बड़े विमानवाहक युद्धपोत कैरियर 4 जुलाई से अभ्‍यास कर रहे हैं।

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने 6 साल बाद साउथ चाइना सी में एयरक्राफ्ट कैरियर भेजे हैं। ये दुनियाभर में अमेरिकी नौसैनिक ताकत का प्रतीक माने जाते हैं। अमेरिका ने साउथ चाइना सी में यह युद्धाभ्यास ऐसे समय पर शुरू किया है जब इसी इलाके में चीन की नौसेना भी युद्धाभ्यास कर रही है। चीन की नेवी परासेल द्वीप समूह के पास पिछले कई दिनों से युद्धाभ्यास करके ताइवान और अन्‍य पड़ोसी देशों को धमकाने में जुटी हुई है। उधर चीन की लगातार नॉर्थ चाइना सी में जापान से भी झड़प जारी है।

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