एसएचओ मनिमाजरा जस्विन्दर कौर पर 5 लाख की रिश्वत का मामला दर्ज

मनीमाजरा थाने में तैनात एसएचओ जसविंदर कौर के खिलाफ सीबीआई ने पांच लाख रूपये रिश्वत लेने के मामले में एफआइआर दर्ज की है। रिश्वत की पहली इंस्टालमेंट के रूप में एक लाख रुपए लेते हुए सीबीआइ ने भगवान सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। देर रात हुई सीबीआइ की इस कार्रवाई के बाद सीबीआइ ने एसएचओ जसविंदर कौर के ऑफिस और सेक्टर-22 स्थित घर काे सील कर दिया है। इसके साथ ही मंगलवार दोपहर तीन बजे तक उन्हें सीबीआई कार्यलय में उपस्थित होने के लिए भी कहा है।

कोरल, चंडीगढ़ – 30 जून:

मनीमाजरा थाने की एसएचओ जसविंदर कौर के ख़िलाफ़ सीबीआई ने पांच लाख रूपये रिश्वत लेने के मामले में एफआइआर दर्ज की है। रिश्वत की पहली इंस्टालमेंट के रूप में एक लाख रुपए लेते हुए सीबीआइ ने भगवान सिंह नाम के एक शख्स को गिरफ़्तार किया है। देर रात हुई सीबीआइ की इस कार्रवाई के बाद सीबीआइ ने मनीमाजारा की एसएचओ जसविंदर कौर के ऑफिस और सेक्टर-22 स्थित घर काे सील कर दिया है। इसके साथ ही दोपहर तीन बजे तक उन्हें सीबीआइ के कार्यलय में उपस्थित होने के लिए भी कहा है।

जसविंदर कौर के खिलाफ पांच लाख रुपये रिश्वत की एक शिकायत मिलने के बाद सोमवार देर रात सीबीआइ ने करीब 11 बजे मनीमाजरा थाने में सर्च शुरू किया। आज सुबह छह बजे सर्च खत्म करने के साथ ही जसविंदर के ऑफिस और घर को सील कर दिया है।

क्या है मामला

बता दें कि मनीमाजरा निवासी गुरदीप सिंह ने सीबीआइ को शिकायत दी थी कि एसएचओ जसविंदर कौर ने उसके खिलाफ आई एक शिकायत से उसे बचाने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी है। जसविंदर ने उसे बताया था कि उसके खिलाफ किसी ने शिकायत दी है कि गुरदीप ने नौकरी लगवान के लिए उससे दस से 15 लाख रुपये मांगे है। गुरदीप ने बताया कि जसविंदर ने उसे केस से बचाने के लिए पांच लाख रुपये रिश्वत मांगी। दोनों के बीच डील फिक्स हो गई। इसके बाद गुरदीप ने इसकी शिकायत सीबीआइ को दे दी। जब जसविंदर ने किसी तीसरे व्यक्ति भगवान सिंह को रिश्वत की पहली किश्त एक लाख रुपये लेने के लिए भेजा तो सीबीआइ ने उसे रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

सनद रहे की जस्विन्दर कौर पर थाना 31 में एसएचओ रहते भी सीबीआई की विशेष अदालत ने मामला दर्ज करने के आदेश दिये थे। पुराने मामले में जसविंदर कौर के खिलाफ पुख्ता सबूत न होने के कारण चार्जशीट नहीं हो पायी थी।

यह है मामला

सेक्टर-31 थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर (निलंबित) मोहन सिंह को सीबीआइ ने 24 अक्तूबर 2017 को दो लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। शिकायतकर्ता प्रेम सिंह बिष्ट के अनुसार 17 सितंबर को सेक्टर-31 थाना पुलिस ने हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया था। इसमें उसके तीन कर्मियों समदर्श कुमार उर्फ जोसेफ, दीपक उर्फ दीपा और अनिल का नाम भी था।

इस सिलसिले में पुलिस की टीम लगातार शिकायतकर्ता के आफिस में आ रही थी और उन्हें परेशान कर रही थी। इसके बाद एसआइ मोहन सिंह ने उससे नौ लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी। एसएचओ ने शिकायतकर्ता से एसआइ मोहन जैसा कहता है वैसा करने को कहा, नहीं तो उसके कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की बात कही।

शिकायत के बाद सीबीआइ ने ट्रैप बिछाया और एसआइ मोहन सिंह को उस वक्त रंगे हाथ गिरफ्तार किया, जब वह दो लाख रुपये पहली किश्त के तौर पर लेने के लिए सेक्टर-31 की मार्केट में पहुंचा था। वहीं सेक्टर-31 थाने की तत्कालीन एसएचओ इंस्पेक्टर जसविंदर कौर की भूमिका संदिग्ध पाने पर डीजीपी ने उन्हें फौरन लाइन हाजिर कर दिया था।

ठोस सबूत न मिलने के बावजूद नहीं दी थी क्लीन चिट

सीबीआइ ने तत्कालीन एसएचओ जसविंदर कौर के खिलाफ जांच से जुड़ी केस की स्टेट्स रिपोर्ट सीबीआइ की विशेष कोर्ट में सौंपी थी। इसमें कहा गया था कि सीबीआइ को इंस्पेक्टर जसविंदर कौर के खिलाफ जांच में कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि उसे क्लीन चिट नहीं दी गई है। जांच एजेंसी ने रिपोर्ट के साथ जांच से जुड़े कुछ सबूत भी अदालत में सौंपे थे।

रिपोर्ट के अनुसार यहीं सबूत पुलिस विभाग को भी सौंपे गए हैं और जसविंदर कौर के खिलाफ जांच कर उसे डिसमिस तक करने की सिफारिश की गई है। उन्हें जांच के दौरान इंस्पेक्टर जसविंदर कौर के खिलाफ जो सबूत मिले थे, वह इतने पर्याप्त नहीं कि जसविंदर कौर को चार्जशीट किया जा सके। हालांकि उसकी और मोहन सिंह की कॉल रिकॉर्ड से साफ है कि, जसविंदर उसे पैसों को लेकर निर्देश दे रही थी।

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