चीन के साथ कोई नया करार नहीं और जिन करारों पर काम आरंभ नहीं हुआ वह रद्द हो चुके हैं: खट्टर
मनोज त्यागी , करनाल – 25 जून:
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरूवार को शहर के डॉ. मंगलसेन सभागार में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम में करीब 100 फरियादियों की समस्या अथवा शिकायतें सुनकर सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश देकर मौके पर ही उनका समाधान कर, सरकार और जनता के बीच की दूरी समाप्त करके प्रजातांत्रिक मूल्यों का निर्वाह किया। इनमें कुछ एक शिकायतें ऐसी थी, जिनका चण्डीगढ़ स्तर पर जांच करवाने के बाद समाधान निकालने के लिए मुख्यमंत्री ने फरियादियों के आधार नम्बर, उनके आवेदनो पर ले लिए। पूरी तरह से सोशल डिस्टैंसिंग के प्रोटोकॉल के बीच करीब 4 घण्टे तक मुख्यमंत्री और शिकायतकर्ताओं के बीच जन सुनवाई का सिलसिला जारी रहा, जिसमें अधिकांश लोगों की बात सुनकर उन्हें न्याय मिला और कईयों ने सभागार में ही कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री की मुक्त कंठ से सराहना की।
बता दें कि जन सुनवाई कार्यक्रम में अधिकतर शिकायतें पुलिस व नगर निगम से सम्बंधित थी। जबकि पंचायत एवं विकास विभाग, बिजली वितरण निगम, रोजगार, तहसील, कल्पना चावला राजकीय मैडिकल कॉलेज, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन, जिला समाज कल्याण अधिकारी, डीआरडीए, लोक निर्माण विभाग, मार्किटिंग बोर्ड, सहकारी चीनी मिल तथा जिला अग्रणी प्रबंधक से सम्बंधित शिकायतों के अतिरिक्त पोल्टेक्निक, जिला नगर योजनाकार, श्रम विभाग, कृषि, रजिस्टार कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, हाऊसिंग बोर्ड, गृह विभाग, जेल अधीक्षक, आरटीए, खनन, खाद्य एवं आपूर्ति, डीआरओ व उपायुक्त कार्यालय से सम्बंधित भी एक-एक शिकायत थी, जिसका समाधान किया गया। रोजगार विभाग से सम्बंधित एक शिकायत की सुनवाई में जिला रोजगार अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर मुख्यमंत्री ने उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए। लेकिन यह भी कहा कि सम्बंधित अधिकारी की अनुपस्थिति का कारण यदि अपरिहार्य पाया गया, तो निलंबन आदेश पर पुर्नविचार किया जाएगा। बता दें कि करनाल में जिला रोजगार अधिकारी का पद रिक्त होने के कारण सरकार की ओर से सोनीपत के रोजगार अधिकारी राजेश सांगवान को मंगलवार और वीरवार के दिन करनाल कार्यालय के लिए निश्चित किए गए हैं। सम्बंधित कार्यालय द्वारा उन्हें जन सुनवाई कार्यक्रम में उपस्थित होने का संदेश भी दे दिया गया था, लेकिन बावजूद उसके वह आज अनुपस्थित रहे। अधिकारी की अनुपस्थिति का कारण अभी स्पष्टï नहीं हुआ है।
शिकायतों के निपटारे के बाद मुख्यमंत्री मीडिया से रूबरू हुए और उनके सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के चलते काम करने के तौर-तरीके बदले और लोगों से प्रत्यक्ष संवाद ना होकर दूरभाष, पत्र व विडियो कॉन्फ्रैंसिंग से मिलना-जुलना रहा। अब अनलॉक पीरियड के चलते कुछ घूमना-फिरना शुरू हुआ है, इसीलिए जन सुनवाई अथवा जनता दरबार लगाया गया है, ताकि अधिक से अधिक लोगों की बात सुनी जा सके। उन्होंने कहा कि कष्टï निवारण जैसे फोर्म पर ज्यादा शिकायतों का एजेंडा नहीं होता।
पत्रकारों के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि चाईनिज़ वस्तुओं के आयात या उस पर प्रतिबंद्घ का फैसला नीति आयोग लेता है, जहां तक हरियाणा प्रदेश की बात है, चीनी सामान के लिए कोई भी नया करार नहीं किया जा रहा है, बल्कि जो काम अभी तक नहीं आरंभ नहीं हुए हैं, उनमें बिजली विभाग के 750 करोड़ रुपये के 2 कार्य चाईनीज कंपनी को दिए थे, उन्हें रद्द कर दिया गया है। आने वाले समय में स्वदेशी कंपनी को टैंडर देने में प्राथमिकता दी जाएगी। निजी स्कूलों से जुड़े फीस जैसे मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने बताया कि स्कूल प्रबंधक व अभिभावकों के बीच फीस को लेकर जो बातें होती रही, उनका रास्ता निकालने के लिए सरकार ने कहा था कि निजी स्कूल अभिभावकों से ट्ïयूशन फीस ले सकते हैं, ताकि उनके खर्चे चलते रहें। यह मामला दोनों तरफ का है और दोनों पक्षों की सहमति से ही इसका समाधान रहेगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टïाचार जीरो टॉलरेंस पर है, एक-दो जगह से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की कम तोल की शिकायतें ओर दक्षिण हरियाणा से सरसों खरीद में भी एक मामला संज्ञान में आया था। उसके लिए विभाग के चार निरीक्षकों को निलम्बित कर दिया गया था। भविष्य में भी भ्रष्टïाचार को जो मामला सामने आएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना काल में हरियाणा सरकार ने प्रवासी मजदूरों को उनके बिहार, यू.पी., पश्चिम बंगाल व मध्य प्रदेश जैसे गृह प्रदेशों में भेजने के व्यापक इंतजाम किए। इसके लिए 100 रेल गाडियों के अतिरिक्त हरियाणा रोडवेज की बसों के 5600 ट्रिप लगवाकर करीब साढे 3 लाख लोगों को उनके गण्तव्य भेजा। वर्तमान में भी जो श्रमिक अपने घर जाना चाहते हैं, उनके जाने का इंतजाम यदि औद्योगिक ईकाईयों की तरफ से नहीं होता, तो सरकार करती है।
सवालों के जवाब के सिलसिले में मुख्यमंत्री ने बताया कि करनाल और दूसरे जिलो में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना मरीजों की ट्रेवल हिस्ट्री है और इनमें से अधिकांश दिल्ली से यहां आकर टैस्ट करवा रहे हैं और संक्रमित पाए जा रहे हैं। कुछ लोग दिल्ली क्षेत्र के रहने वाले भी गलत पता लिखवाकर यहां आ रहे हैं। जिन लोगों को कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो चुकी है, उस पर मुख्यमंत्री ने अफसोस जाहिर किया। ठेका प्रथा पर विभिन्न विभागों में काम करने वाले एक-दो कर्मचारियों को निकालने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में जहां कर्मचारियों की लापरवाही साबित हुई है, उन्हें सम्बंधित विभाग द्वारा बाहर किया गया था, लेकिन जहां मामला ठीक है, उसके लिए अगले एक महीने में उचित कार्रवाई की जाएगी, इसके निर्देश दे दिए गए हैं। ठेकेदारी प्रथा में सरकार का हस्तक्षेप नहीं होता, ठेकेदार और उसके कर्मचारी के बीच सब कुछ तय होता है।
जन सुनवाई कार्यक्रम में करनाल के सांसद संजय भाटिया, इन्द्री के विधायक राम कुमार कश्यप, प्रदेश महामंत्री एडवोकेट वेदपाल, जिला प्रधान जगमोहन आनन्द, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक एस.एस. भौरिया, मेयर रेणु बाला गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि संजय बठला, भाजपा के जिला महामंत्री योगेन्द्र राणा, शमशेर नैन तथा पूर्व विधायक भगवान दास कबीरपंथी भी उपस्थित रहे।
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