स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट : रोड रेपेयरिंग मशीन और रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगेंगे

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सड़कों की मरम्मत के लिए खरीदी जाएगी मशीन, शहर की 30 नई लोकेशन पर बनेंगे रेन वाटर हार्वेस्टर
 -उपायुक्त एवं केएससीएल के सीईओ निशांत कुमार यादव।

मनोज त्यागी करनाल 24 जून:

         शहर को स्मार्ट बनाने के लिए करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड (केएससीएल) ने प्राथमिकताओं में शामिल व नए-नए प्रोजेक्ट्ïस को सिरे चढ़ाने के लिए टैण्डर लगाने जैसी तैयारियां प्रारम्भ कर दी हैं। इसी कड़ी में एमरजेंसी रोड रिपेयर व्हीकल को खरीदने तथा शहर में 30 नई लोकेशन पर रेन वाटर हार्वेस्टर स्थापित करने भी शामिल हैं, इनकी प्रपोजल बन गई है।क्या होगा रोड रिपेयर मशीन से- केएससीएल के सीईओ एवं उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि स्मार्ट सिटी में शहर की सड़कें एकदम चकाचक रहेंगी। जब भी सड़क का कोई हिस्सा क्षतिग्रस्त होगा, उसकी मरम्मत इस मशीन से की जाएगी। खास बात यह है कि एक दिन में मशीन अच्छे-खासे एरिया को कवर करेगी।

मशीन की विशेषताओं बारे उन्होंने बताया कि यह ट्रक माउंटिड यानि ट्रक की बॉडी पर रखी होगी, मौके पर काम करने के लिए बहुत ही कम समय में पहुंचेगी, काम भी क्वालिटी का करेगी। एक निश्चित समय में सड़क को साफ करके भद्ïदी दिखने वाली जगह पर तारकोल युक्त सामग्री बिछाकर उसको सेट करेगी, जो हाथ से काम करने के तरीके से बेहतर होगा। एक नियंत्रित प्रेशर के जरिए मशीन से गढ्ïढो की मरम्मत गुणवत्ता के साथ की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि जिस कम्पनी से मशीन खरीदेंगे, उसमें तीन साल के ऑप्रेशन व मेन्टेनेन्स खर्च के साथ-साथ नगर निगम स्टाफ का प्रशिक्षण भी शामिल रहेगा और यह नगर निगम की सम्पत्ति होगी।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में नए रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य भी शामिल- इस बारे उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि वर्षा के दिनो में लाखो लीटर पानी छतों व परिसर से बहकर नालियों के जरिए व्यर्थ में चला जाता है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग यानि बरसाती पानी का संग्रहण करके इसे रिचार्ज करके भूमिगत पानी के स्तर में सुधार किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को लेकर शहर में 30 सरकारी भवनो की पहचान की गई है, यानि बड़े पैमाने पर रेन वाटर हार्वेस्टर बनेंगे। जहां-जहां पुराने रेन वाटर हार्वेस्टर हैं, वह भी यथावत रहेंगे। हालांकि इनकी देखरेख करने वाले विभागों को कहा गया है कि वे इनकी कार्यकुशलता को बनाए रखने के लिए इनकी जांच भी करते रहें। उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी के ए.बी.डी. में अमरूत के संमिलन बरसाती पानी की ड्रेन बनाई गई हैं और पैन सिटी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए 30 अतिरिक्त जगहों की पहचान की गई है, इनमें 13 विद्यालय और 17 सरकारी भवन, जिनमें अस्पताल भी शामिल हैं, लिए जाएंगे।यह रहेंगी रेन वाटर हार्वेस्टर की 30 लोकेशन- अम्बेडकर चौक के निकट स्थित सभागार भवन, सैक्टर-13 स्थित ई.एस.आई.सी. अस्पताल, शक्ति कॉलोनी स्थित नगर निगम कार्यालय, दयाल सिंह कॉलोनी में स्थित मुख्य डाकघर व पुरानी कचहरी के निकट उप डाक घर कार्यालय, जी.टी. रोड स्थित विक्टोरिया मैमोरियल हाल, सदर पुलिस स्टेशन, महिला पुलिस थाना, राजकीय पशु अस्पताल व कृषि विभाग का कार्यालय, माल रोड स्थित केन्द्रीय सहकारी बैंक तथा जिला सहकारी श्रम एवं निर्माण संघ का कार्यालय, मीनार रोड पर पुलिस हाऊसिंग सोसाईटी, शक्ति कॉलोनी में बाल विकास समिति, माल रोड पर सिविल सर्जन का कार्यालय, मैडिकल कॉलेज मार्ग पर स्थित सामान्य अस्पताल, ओल्ड जी.टी. रोड पर स्थित जिला सैनिक बोर्ड का दफ्तर तथा निगम क्षेत्र के दाहा में स्थित राजकीय वरिष्ठï माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं।

                     उपायुक्त ने बताया कि इसके अतिरिक्त शहर की भिन्न-भिन्न जगहों पर 12 राजकीय प्राथमिक स्कूलों की भी पहचान की गई है। इनमें एन.डी.आर.आई., मॉडल टाऊन, शिव कॉलोनी, छोटी मंगलपुर, मदनपुर, सैदपुरा, जरीफा फार्म, गुरू नानकपुरा, रामपुरा कटाबाग, मधुबन, पाल नगर तथा फूसगढ़ स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। उपायुक्त ने यह भी बताया कि टैण्डर की प्रक्रिया पूरी कर लेने के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर काम होता दिखाई देगा, इसके लिए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं।      

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