कॉंग्रेस छोड़ भाजपा में आए नरेश शर्मा को कौन नहीं जानता, बादली से दो बार विधायक रहे जाट भूमि में एक प्रखर ब्राह्मण नेता के रूप में जाने जाते हैं जिनहे न केवल गुलिया खाप अपितु दूसरी कई जाट संस्थाओं का समर्थन प्राप्त है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के चलते बीते चुनावों के बाद कॉंग्रेस से विदा ली और भाजपा में शामिल हुए। यहाँ धनखड़ को अपनी जड़ें बचाने के लाले पड़े हुए थे इसीलिए यहाँ भी उनको निराशा ही हाथ लगी आज भाजपा में शामिल होने के कुछ ही महीनों बाद अभय सिंह चौटाला उन्हे इनेलो में ले आए हैं। नरेश प्रधान आने वाले दिनों में भाजपा के लिए यह एक नयी चुनौती होंगे।
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धर्मपाल वर्मा, चंडीगढ़ – 9 जून:
बादली से दो बार विधायक रहे नरेश शर्मा जिन्हें लोग नरेश प्रधान के नाम से जानते हैं का अचानक कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल होना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है नरेश प्रधान कई कारणों से इनेलो के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सबसे पहले तो वह ऐसे वक्त में इनेलो में आए हैं जब पार्टी को राजनीति करने के लिए चेहरों की जरूरत है। दूसरा यह की नरेश गैर जाट वोटर्स में व्यक्तिगत प्रभाव रखते हैं।
इस हलके में, बादली हल्के में गुलिया खाप जाट मतदाताओं का आशीर्वाद हमेशा से नरेश प्रधान के साथ रहा है। वह चाहे सरपंच रहे उनकी पत्नी जिला परिषद सदस्य रही और चाहे वे निर्दलीय विधायक बने हर बार गुलिया खाप खाप के मतदाताओं ने उन की पीठ थपथपाने का काम किया है।
प्रत्यक्ष को प्रमाण की जरूरत नहीं इंडियन नेशनल लोकदल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष 5 बार लगातार विधायक रहे चौधरी धीरपाल का ताल्लुक गुलिया खाप से था और नरेश प्रधान ने 2000 में चौधरी धीरपाल को हराया तो आप समझ सकते हैं की बुलिया खाप ने ब्राह्मण होते हुए नरेश प्रधान की मदद की उसका समर्थन किया तभी वह धीरपाल को हराने में कामयाब हुए।
नरेश प्रधान इस बात का एहसास था कि कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा उन्हें कभी प्रमोट नहीं करेंगे भारतीय जनता पार्टी में ओमप्रकाश धनखड़ जैसे दिग्गज नेता बादली को अपना कार्यक्षेत्र अपनी कर्म भूमि मानकर चल रहे हैं जेजेपी में बादली में संजय कबलाना उम्मीदवार हैं, ऐसे में नरेश प्रधान का इनेलो में जाना एकमात्र सही विकल्प था।
अभय सिंह ने नरेश प्रधान को इनेलो का फटका दे कर उन्हें यह कहते हुए पार्टी का प्रवक्ता बनाने की घोषणा कर दी कि पंडित जी प्रभावी तरीके से अपनी बात कहना जानते हैं। अभय सिंह के यह उद्गार उनकी योग्यता को परिलक्षित करते हैं lहल्के में जहां इनेलो का पुराना वोट बैंक है वही नरेश प्रधान का अपना व्यक्तिगत वोट बैंक भी है नरेश प्रधान लोगो के बीच में रहना जानते हैं और रफ टफ नेता के रूप में विख्यात है।