- बौखलाए जाखड़ ने ‘आआपा’ विरुद्ध की टिप्पणी गैर-जिम्मेवारना शरारत-हरपाल सिंह चीमा
- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार करते ‘आआपा’ ने लगाए गंभीर आरोप
- जाखड़ को एक सप्ताह की मोहलत, माफी मांगे या फिर राज्य स्तरीय विरोध के लिए तैयार रहे ‘आआपा’*
- पूछा, अगर ‘आआपा’ देश विरोधी है तो एक्शन लेने में इतनी सुसती क्यूं दिखा रही है कांग्रेस की सरकार*
- ‘आआपा’ नेताओं ने मरहूम हाकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर को मौन रख कर श्रद्धा के फूल किए अर्पित*
- नेता प्रतिपक्ष ने दी ईद की बधाई
चंडीगड़, 25 मई (राकेश शाह)
पंजाब के एक कोने से दूसरे कोने तक (अबोहर से गुरदासपुर) लोगों द्वारा हरा कर नकारे जा चुके पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रधान सुनील जाखड़ की अध्यक्ष वाली कुर्सी भी खतरे में है। सरकार में लगातार अनदेखी का शिकार हो रहे सुनील जाखड़ बुरी तरह से बौखला चुके हैं। अपनी खिसकती जा रही जमीन और माफिया के समक्ष नीलाम हुई मृत जमीर को जीवित करने के लिए सुनील जाखड़ ने पंजाब और पंजाबियों से संबंधित मुद्दे छोड़ कर दिल्ली सरकार के अफसरों द्वारा हुई गलती को बड़ा मुद्दा बना कर पेश करने की गैर जिम्मेदारना कोशिश की है। आम आदमी पार्टी विरुद्ध की इस घटिया शरारत के लिए जाखड़ को माफी मांगनी पड़ेगी।’’
पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ पर यह तीखा शब्दिक हमला आम आदमी पार्टी (‘आआपा’) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को राजधानी में पै्रस कान्फ्रेंस के द्वारा किया।
सुनील जाखड़ द्वारा दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर टविट्टर के द्वारा उस टिप्पणी पर ‘‘आआपा’’ ने तीखा पलटवार किया। जिस में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी को अलगाववादी और राष्ट्र विरोधी बताया था।
हरपाल सिंह चीमा ने पार्टी के सीनियर नेता हरचन्द सिंह बरसट और व्यापार विंग की राज्य प्रधान नीना मित्तल के साथ मीडिया के मुखातिब होते स्पष्ट किया कि जिस विज्ञापन को लेकर जाखड़ उूट-पटांग टिप्पणियां कर रहे हैं, दिल्ली सरकार के मामला ध्यान में आते ही न केवल वह विज्ञापन वापस लिया बल्कि सम्बन्धित अधिकारी को बर्खास्त करके उसके विरुद्ध जांच शुरू कर दी है। जिक्र योग्य है कि दिल्ली सरकार की तरफ से एक भर्ती से संबंधित जारी विज्ञापन में सम्बन्धित अफसरों की गलती से सिक्कम को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया था।
चीमा ने कहा कि बाबूओं के स्तर पर हुई गलती को सुनील जाखड़ ने जिस शरारताना अंदाज में जाखड़ ने आम आदमी पार्टी की नीयत और नीतियों पर उंगली उठाई है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदारना हरकत है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि यदि आम आदमी पार्टी राष्ट्र विरोधी या अलगाववादी होती तो दिल्ली में मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार बड़ी जीत न दर्ज कर सकती। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी आम लोगों की बेहतरी के लिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध चले आंदोलन में से पैदा हुई पार्टी है। पूरी दुनिया में फैली कोरोना महामारी के विरुद्ध जिस सफलता के साथ केजरीवाल सरकार ने काम किए हैं, उसकी प्रशंसा न केवल देश बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है। चीमा ने जाखड़ को पूछा कि यदि आम आदमी पार्टी का पृष्टभूमि राष्ट्र विरोधी है तो साढ़े तीन सालों के कांग्रेसी कार्यकाल के दौरान ‘आप’ के नेताओं के विरुद्ध केस दर्ज क्यों नहीं किए? क्या ऐसे गैर जिम्मेवारना बयान अपनी कुर्सी बचाने और असली मुद्देखास करके कांग्रेसी की अंदरुनी जंग से ध्यान हटाने के लिए नहीं दिया गया?
चीमा ने चुनौती दी कि यदि जाखड़ की अपनी सरकार में थोड़ी-बहुत चलती है तो वह ‘आआपा’ के कथित ‘राष्ट्र विरोधी’ नेताओं पर पर्चे क्यों नहीं दर्ज करवाते? चीमा ने कहा कि या तो जाखड़ अपने आरोप साबित करें या फिर एक हफ्ते के अंदर-अंदर अपना बयान वापस ले कर पंजाब के लोगों से माफी मांगें। ऐसा न करने की सूरत में राज्य स्तरीय विरोध का सामना करने के लिए तैयार रहे।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बतौर कांग्रेस के राज्य प्रधान सुनील जाखड़ के पास किसी भी पार्टी के पृष्टभूमि पर उंगली उठाने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है। देश की बटवारे से लेकर आज तक कांग्रेस के सांप्रदायक पृष्टभूमि से बच्चा-बच्चा अवगत है। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार और कांग्रेस का जो हाल आज सबके सामने है, उस ने जहां कैप्टन अमरिन्दर सिंह को सब से घटिया मुख्य मंत्री और सुनील जाखड़ को पंजाब का ‘पप्पू’ साबित कर दिया है।
सुनील जाखड़ पर राज्य के माफिया को अपनी जमीर बेचे जाने के आरोप लगाते हुए चीमा ने कहा कि जाखड़ ने भी बिजली माफिया के साथ कैप्टन और बादलों की तरह अपनी हिस्सेदारी निर्धारित की हुई है, यही कारण है कि बादलों के राज के दौरान घातक बिजली समझौतों के विरुद्ध रोजाना प्रैस कान्फ्रेंस करने वाले जाखड़ अपनी सरकार के आने पर चुप हो गए। चीमा ने कहा कि यदि जाखड़ में रत्ती भर भी पंजाब और पंजाबियों के प्रति दर्द है तो वह घातक बिजली समझौते रद्द क्यों नहीं करवाते। यदि कैप्टन सरकार उनकी नहीं मानती तो वह अध्यक्ष की कुर्सी के साथ क्यों चिपके हुए हैं?
इस से पहले चीमा ने महान हाकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए मौन रख कर इस हाकी खिलाड़ी को श्रद्धा के फूल भेंट किए। चीमा ने समूह पंजाब निवासियों को ईद के पवित्र त्योहार की बधाई भी दी।
इस मौके पार्टी की कोर समिति के मैंबर गैरी बडि़ंग, सुखविन्दर सुखी और प्रवक्ता गोबिन्दर मित्तल भी मौजूद थे।