अयोग्य अभियन्ताओं की पदोन्नति कानून सम्मत नहीं : राजेश मोहन
सारिका तिवारी/ जंगशेर राणा, चंडीगढ़ -15 मई
नए कानून जिसमें सभी क्षेत्रों के अभियंताओं को समान रूप से पदोन्नति दिए जाने का प्रावधान है तुरंत प्रभाव से समाप्त किया जाए यह माँग निदेशक जल सेवा राजेश मोहन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लिखें एक पत्र के माध्यम से की।
उन्होंने कहा की कुछ अभियंता सिविल क्षेत्र से नहीं है मैकेनिकल इलेक्ट्रिकल कंप्यूटर आदि क्षेत्रों से संबंधित हैं उन्हें भी सिविल इंजीनियरिंग के साथ सामान्य वरीयता के आधार पर पदोन्नति दी गई है जोकि सरासर गलत है। उन्होंने पत्र में लिखा है पीडब्ल्यूडी सिविल इंजीनियरों का विभाग है ।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है की वर्ष 2012 मैं हाईकोर्ट ने रामफल डांगी असीम खन्ना के पक्ष में निर्णय देते समय न्याय की शर्तों को ध्यान में नहीं रखा इतना ही नहीं हरियाणा सिंचाई विभाग के सतवीर सिंह डांगी गुलाब सिंह नरवाल और राकेश चौहान ने कभी भी मैकेनिकल इंजीनियर की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की, फिर भी उन्हें विभाग में उच्च पदों पर लगाया गया है।
एक अन्य व्यक्ति बलराज सिंह चौहान सिविल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं उन्हें ना तो किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज ने लाइसेंस प्रदान किया है और ना ही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ही चयनित किया गया सरकार में कार्यरत सिविल इंजीनियरों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए मांग रखी रामफल डांगी इंजीनियर के पद पर न केवल क्या कानूनी ढंग से आसीन है बल्कि यह पद उन्होंने धोखे से हासिल किया है जिस वजह से उन्हें तुरंत प्रभाव से सेवा से निष्कासित किया जाए ओ साथी भारतीय दंड संहिता की धारा 193 120 बी और 170 के तहत उनके विरुद्ध कारवाई की जाए।
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