“मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है.” केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज ट्वीट कर एक संदेश दिया, जिसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर शेयर हो रही अफवाहों को गलत बताया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी ऐसा करने वालों की निंदा की। वहीं, गुजरात पुलिस ने अमित शाह के नाम से किए गए एक फर्जी ट्वीट के संबंध में चार लोगों को हिरासत में लिया है।

अहमदाबाद:

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम से एक फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाकर उनके स्वास्थ्य के बारे में कथित तौर पर अफवाह फैलाने को लेकर अहमदाबाद पुलिस ने शनिवार को चार व्यक्तियों को हिरासत में लिया. शाह ने शनिवार को दिन में एक बयान में जारी कर कहा कि सोशल मीडिया के जरिये मेरे स्वास्थ्य के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है. उन्होंने कहा, “मैं पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है.” 

विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) अजय तोमर ने कहा कि स्थानीय अपराध शाखा ने शाह के स्वास्थ्य के बारे में गलत सूचना फैलाने को लेकर चार लोगों को हिरासत में लिया है. तोमर ने कहा कि शाह की तस्वीर के साथ उनके नाम से एक फर्जी ट्विटर अकाउंट के ‘स्क्रीनशॉट’ में दावा किया गया था कि वह (शाह) एक गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. यह ‘स्क्रीनशॉट’ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उन्होंने कहा कि संदिग्धों को अहमदाबाद और भावनगर से गिरफ्तार किया गया तथा उनसे पूछताछ की जा रही है. 

अधिकारी ने कहा कि इस सिलसिले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 सी(पहचान की चोरी के लिए सजा) और 66 डी (कंप्यूटर का इस्तेमाल कर किसी दूसरे व्यक्ति का वेष धारण कर धोखाधड़ी करना) के तहत एक मामला दर्ज किया गया है.

नड्डा ने की अफवाह फैलाने वालों की निंदा

वहीं, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी इस मामले में ऐसा करने वालों की निंदा की है। नड्डा ने कहा, गृह मंत्री अमित शाह के स्वास्थ्य के बारे में ऐसी असंवेदनशील टिप्पणियां करना निंदनीय है। किसी के स्वास्थ्य के बारे में ऐसी गलत जानकारियां फैलाना इन लोगों की मानसिकता के बारे में बताता है। मैं इसकी कठोर निंदा करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दे। 

डॉक्टर आत्महत्या मामले में आम आदमी पार्टी के प्रकाश जरवाल हिरासत में

दिल्ली के नेबसराय इलाके में एक डॉक्टर की खुदकुशी के मामले में दिल्ली पुलिस ने देवली से आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल को हिरासत में ले लिया है।

आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल

कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर ज़मानती वारंट जारी किया था। जरवाल के एक सहयोगी कपिल नागर को भी हिरासत में लिया गया है। दोनों से पूछताछ जारी है।

आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल को  गिरफ्तार कर लिया गया है.  प्रकाश जारवाल पर 52 वर्षीय एक डॉक्टर ने कथित तौर पर जबरन वसूली का आरोप लगाया था.

18 अप्रैल को दक्षिणी दिल्ली में इस डॉक्टर को अपने घर पर फांसी पर लटका हुआ पाया गया. मृतक ने एक नोट में कथित तौर पर आप विधायक पर परेशान करने का आरोप लगाया था.

चेतक ही नहीं रामप्रसाद भी महाराणा का स्वामिभक्त था

चेतक, महाराणा प्रताप का सबसे प्रिय घोड़ा था. चेतक में संवेदनशीलता, वफ़ादारी और बहादुरी कूट कूट कर भारी हुई थी. यह नील रंग का अफ़गानी अश्व था.

एक बार, राणा उदय सिंह ने बचपन में प्रताप को राजमहल में बुलाकर दो घोड़ो में से एक का चयन करने कहा. एक घोडा सफ़ेद था और दूसरा नीला. जैसे ही प्रताप ने कुछ कहा उसके पहले ही उनके भाई शक्ति सिंह ने उदय सिंह से कहा उसे भी घोड़ा चाहिये शक्ति सिंह शुरू से अपने भाई से घृणा करते थे.

प्रताप को नील अफ़गानी घोड़ा पसंद था लेकिन वो सफ़ेद घोड़े की तरफ बढ़ते हैं और उसकी तारीफों के पूल बाँधते जाते हैं उन्हें बढ़ता देख शक्ति सिंह तेजी से सफ़ेद घोड़े की तरफ जा कर उसकी सवारी कर लेते हैं उनकी शीघ्रता देख राणा उदय सिंह शक्ति सिंह को सफ़ेद घोड़ा दे देते हैं और नीला घोड़ा प्रताप को मिल जाता हैं. इसी नीले घोड़े का नाम चेतक था, जिसे पाकर प्रताप बहुत खुश थे.

प्रताप की कई वीरता की कहानियों में चेतक का अपना स्थान हैं. चेतक की फुर्ती के कारण ही प्रताप ने कई युद्धों को सहजता से जीता. प्रताप अपने चेतक से पुत्र की भांति प्रेम करते थे.

राजसमंद में चेतक की समाधी

हल्दी घाटी के युद्ध में चेतक घायल हो जाता हैं. उसी समय बीच में एक बड़ी नदी आ जाती हैं जिसके लिए चेतक को लगभग 21 फिट की चौड़ाई को फलांगना पड़ता हैं. चेतक प्रताप की रक्षा के लिए उस दुरी को फलांग कर तय करता हैं लेकिन घायल होने के कारण कुछ दुरी के बाद अपने प्राण त्याग देता हैं. 21 जून 1576 को चेतक प्रताप से विदा ले लेता हैं. इसके बाद आजीवन प्रताप के मन में चेतक के लिए एक टीस सी रह जाती हैं.

आज भी हल्दीघाटी में राजसमंद में चेतक की समाधी हैं जिसे दर्शनार्थी उसी श्र्द्धा से देखते हैं जैसे प्रताप की मूरत को.

चेतक ही की तरह प्रताप के पास एक ताकतवर हाथी भी था। जिसका नाम था रामप्रसाद। उसके बारे में शायद ही आपको कुछ पता हो हम आपको कुछ बाते बताते है । रामप्रसाद हाथी का उल्लेख अल- बदायुनी, जो मुगलों की ओर से हल्दीघाटी के युद्ध में लड़ा था ने अपने एक ग्रन्थ में किया है।

वो लिखता है की जब महाराणा प्रताप पर अकबर ने चढाई की थी तब उसने दो ही चीजो को ही बंदी बनाने की मांग की थी एक तो खुद महाराणा और दूसरा उनका हाथी रामप्रसाद। आगे अल बदायुनी लिखता है की वो हाथी इतना समझदार व ताकतवर था की उसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकेले ही अकबर के 13 हाथियों को मार गिराया था।  

उस हाथी को पकड़ने के लिए हमने 7 बड़े हाथियों का एक चक्रव्यूह बनाया और उन पर 14 महावतो को बिठाया तब कहीं जाकर उसे बंदी बना पाये। अब सुनिए एक भारतीय जानवर की स्वामी भक्ति। जब उस हाथी को अकबर के समक्ष पेश किया गया जहा अकबर ने उसका नाम पीरप्रसाद रखा। तब उस रामप्रसाद को मुगलों ने गन्ने और पानी दिया।

पर उस स्वामिभक्त हाथी ने 18 दिन तक मुगलों का न तो दाना खाया और न ही पानी पिया और वो शहीद हो गया। तब अकबर ने कहा था कि जिसके हाथी को मैं अपने सामने नहीं झुका पाया उस महाराणा प्रताप को क्या झुका पाउँगा। ऐसे ऐसे देशभक्त चेतक व रामप्रसाद जैसे तो यहाँ जानवर थे हमारे महाराणा प्रताप के यहाँ।

इसे ही कहते हैं जैसा खाएं अन्न वैसा होवे मन

महाराणा प्रताप की जयंती पर विशेष

चंडीगढ़(धर्म संस्कृति) – 9 मई

बाबर के खिलाफ युद्ध में राणा सांगा की हार ने देश का भाग्य बदल दिया और दिल्ली में मुगल सत्ता की स्थापना हुई , जो बाबर से अकबर तक विस्तारित होकर दृढ़तर होती गई। राजपूताना के सभी राजाओं ने अकबर की अधीनता स्वीकार कर ली। इतना ही नहीं , अपने पवित्र कुलों की कन्याओं को अकबर के हरम में भेज दिया। अत्याचारों का दौर चल पड़ा। मेवाड़ को छोड़ सभी दिल्लीश्वर को जगदीश्वर मान बैठे। ऐसे समय में महाराणा प्रताप का उदय हुआ।

महारानी जयवन्ती बाई के गर्भ से ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया , रविवार , विक्रम संवत् 1597 (9 मई , 1540) को कुम्भलगढ़ में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ। चण्डू ज्योतिषी ने प्रताप की जन्म पत्रिका तैयार की। प्रताप का जीवन राजसी वैभव से अप्रभावित , सादगी , सरलता और विनम्रता लिए हुए था। वे उच्च चरित्र के व्यक्ति थे।   बचपन में पौराणिक कथाएं , देश के लिए जीने की वृत्ति का उपदेश सुनकर ही प्रताप तैयार हुए। राजकुमारों के समान ही शिक्षा-दीक्षा हुई। शस्त्र विद्या में निपुण प्रताप सिंह अपने आसपास के इलाके में “कीका ” नाम से विख्यात थे। इतिहासकार राजशेखर व्यास लिखते हैं कि प्रताप लगभग दस वर्ष तक कुम्भलगढ़ में रहे और अधिकांश समय भीलों के साथ व्यतीत किया। भीलों के साथ उनकी इतनी घनिष्ठता थी कि वे मात्र महाराणा उदयसिंह के पुत्र न होकर प्रत्येक भील परिवार के पुत्र तथा राज परिवार के राजकुमार न रहकर मेवाड़ के व्यापक भील समुदाय के राजकुमार बन गए।   मेवाड़ के वनवासी इलाकों में लोक संबंधों की घनिष्ठता इतनी प्रगाढ़ हो गई थीं कि हर रोज भील परिवारों के वृद्ध , प्रौढ़ , युवक , पुरुष और महिलाएं प्रताप के अपने घर आने की प्रतीक्षा करते थे। उनके आने पर अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव कर स्वर्गिक आनंद की प्राप्ति करते थे।

प्रताप 12 वर्ष की उम्र में 1552 में कुम्भलगढ़ से चित्तौड़गढ़ आए और वहां तलहटी में झालीमहल (पाडनपोल के पास) में रहकर शस्त्र प्रशिक्षण , राजनीतिक दांव-पेच इत्यादि सीखने लगे। उनके गुरु सलूम्बर के रावत किसनदास थे। अब तक प्रताप को युवराज का पद प्राप्त हो गया था। इसी समय अपनी मित्र मंडली के साथ उन्होंने जयमल मेड़तिया से युद्ध व्यूह कला का प्रशिक्षण प्राप्त किया। मात्र 17 वर्ष की अल्पायु में प्रताप ने वागड़ , छप्पन और गोड़वाड़ के इलाके जीत लिए। इसी समय उनका विवाह मामरख पंवार की पुत्री अजबांदे कुंवर से हुआ। 16 मार्च , 1559 को अजबांदे कुंवर की कोख से ज्येष्ठ पुत्र के रूप में अमर सिंह ने जन्म लिया। आगे चलकर महाराणा प्रताप ने सैन्य प्रशिक्षण और सैनिकों की भर्ती के प्रयास शुरू किए , जिसमें भीलू राणा पूंजा का विशेष योगदान रहा। महाराणा प्रताप के राज्यारोहण के समय ही भीलू राणा अपने सैनिकों के साथ पूंजा पानरवा से आ गया था। हल्दीघाटी युद्ध में वह 500 सैनिकों के साथ पहाड़ों में तंदावल दस्ते में तैनात था। प्रताप की सेना के गोगुन्दा से कोत्यारी के जंगलों से जाने पर मानसिंह की सेना को घेरने , रसद सामग्री लूटने तथा आवरगढ़ में अस्थायी निवास स्थापित कर प्रताप एवं उनके परिवार की सुरक्षा का जिम्मा भीलू राणा पूंजा ने अपने ऊपर लिया था। भीलू राणा पूंजा तथा उसके भील सैनिकों की कर्त्तव्यनिष्ठा , रण-कुशलता तथा छापामार युद्ध प्रणाली की दक्षता के कारण ही प्रताप , अकबर और उसके सेनानायकों के भीषण आक्रमणों का सामना कर सके। चावण्ड में राजधानी की स्थापना के समय तक प्रताप को भीलों का अतुलनीय योगदान प्राप्त था। मेवाड़ ने इसी कारण अपने राज चिह्न में एक ओर राजपूत तथा दूसरी ओर भील सैनिक का चित्र देकर उनके योगदान को मान्यता प्रदान की है।

1576 से 1585 तक अकबर ने सात बार अपने सेनापतियों को समस्त संसाधनों से युक्त बड़ी सेना के साथ महाराणा को पराजित करने के लिए भेजा। एक बार तो वह खुद भी आया। यही नहीं , अकबर ने अपने सेनापतियों को धमकी भी दी कि असफल होने पर उनके सिर कलम करवा देगा। इसके बावजूद अकबर के सेनापतियों का हर आक्रमण असफल रहा। संक्षेप में कहा जा सकता है कि संघर्ष के इस दशक में ( 1576-1585) अकबर हर मामले में महाराणा प्रताप से पराजित हुआ। प्रताप अन्ततोगत्वा अपनी छापामार युद्धनीति के कारण शत्रु को परास्त करने में सफल होकर स्वयं अविजित रहे और स्वतंत्रता की अलख जलाकर विदेशी दासता के बंधनों से मातृभमि को मुक्त रख सके।

अब्दुल रहीम खानखाना , जिन्हें अकबर ने प्रताप को मिटाने भेजा था , महाराणा की प्रशंसा में दो पंक्तियां लिख गए हैं-
धरम रहसी रहसी धरा ,
खप जासी खुरसाण।
अमर विसम्भर ऊपरे ,
राख निहच्चौ राण।।

अर्थात् धर्म रहेगा , धरती रहेगी , परन्तु शाही सत्ता सदा नहीं रहेगी। अपने भगवान पर भरोसा करके राणा ने अपने सम्मान को अमर कर लिया है। इस अमरत्व को प्राप्त करने के लिए प्रताप को केवल 57 साल का जीवन और 25 साल का राजकाल मिला। राजस्थान का गौरव सूर्य उगने से पहले ही कुम्हला गया और अपने जीवन के भरे मध्याह्न में जमीन से लग गया। जेम्स टॉड से लेकर आधुनिक इतिहासकारों ने मृत्यु के समय महाराणा प्रताप की दु:खी मनस्थिति का वर्णन किया है तथा इसका कारण अमरसिंह की अयोग्यता बताया है। सरदारों के शपथ लेने पर उन्होंने शान्तिपूर्वक प्राण त्याग दिए।   यह घटना वि.सं. 1653 माघ सुदी 11 की है महाराणा प्रताप ने अपने अंतिम समय में मेवाड़ को पूर्ण स्वतंत्र (मेवाड़ के सभी 32 किले) कराकर , उसे सुव्यवस्थित कर लिया था।

एनआईए व पंजाब पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय तस्कर चीता को सिरसा से किया गिरफ्तार

पाकिस्तान से आई 532 किलो हैरोइन मामले में था वांछित

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 09 मई:

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) व पंजाब पुलिस ने अरबों रुपये की हैरोइन तस्करी के मामले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए हरियाणा के सिरसा से मोस्ट वांटेड तस्कर रंजीत सिंह उर्फ चीता व उसके भाई को गिरफ्तार किया है। पंजाब पुलिस आरोपी की कई माह से तलाश कर रही थी और वह सिरसा के एक गांव में छिपा हुआ था। पंजाब व हरियाणा पुलिस ने अंतरराज्जीय समझौते के तहत इस आप्रेशन को शनिवारद की अल सुबह अंजाम दिया।

पिछले साल जून माह के दौरान अटारी सीमा से 532 किलोग्राम हैरोइन बरामद की गई थी। यह हैरोइन पाकिस्तान से नमक की थैलियों के साथ रखकर भारत में पहुंचाई गई थी। इस मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही थी। जांच के दौरान कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एनआईए को इस मामले में रणजीत सिंह उर्फ राणा उर्फ चीता की तलाश थी।

एनआईए इस मामले में चार्जशीट भी फाइल कर चुकी थी। इसी दौरान एनआईए को सूचना मिली कि चीता हरियाणा के सिरसा जिला के गांव बेगू में रूका हुआ है। जिसके चलते एनआईए ने पंजाब व हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर शनिवार की सुबह बेगू में घेराबंदी करके रणजीत सिंह चीता को गिरफ्तार कर लिया। चीता मूल रूप से अमृतसर जिला का रहने वाले है। पुलिस ने आज सुबह जब चीता को गिरफ्तार किया तो उसका भाई गगन भी उसके साथ मौजूद था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस इनके गैंगस्टरोंं से भी जुड़े होने का संदेह जता रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हैरोइन पकड़े जाने के बाद कुछ दिन बाद ही रणजीत सिंह चीता सिरसा के गांव बेगू में किरायेदार के रूप में रह रहा था। नशा तस्कर रंजीत सिंह उर्फ चीतादेश के बड़े नशा तस्करों में शामिल है। इनके पकड़े जाने के बाद पुलिस को नशा तस्करी के बड़े गिरोह के भंडाफोड़ होने की उम्मीद है। पुलिस पूछताछ में इस संबंध में बड़ा खुलासा हो सकता है।

Police Files, Chandigarh

Korel, CHANDIGARH09.05.2020

One arrested under NDPS Act

Chandigarh Police arrested Shankar Singh R/o near Adarsh Medical Store, Village Naya Gaon, Distt. Mohali (PB) (age 25 years) and recovered 5 gm heroin from his possession near Kansal turn, Khuda-Ali-Sher Road, Chandigarh on 08.05.2020. A case FIR No. 84, U/S 21 NDPS Act has been registered in PS-11, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Accident

A case FIR No. 79, U/S 279, 427, 188 IPC has been registered in PS-MM, Chandigarh against driver of Tata Tiago car No. CH01BQ3386 namely Ram Niwas R/o # 2217, Sector-22/C, Chandigarh who hit to barricades at Naka near Mansa Devi Road, Chandigarh on 08.05.2020. Alleged person arrested and later bailed out. Investigation of case is in progress.

पंजाब में नशा आंतकवाद फैलाने के भद्दे यत्नों से बाज़ आए पाकिस्तान- कैप्टन

  • कोविड की ड्यूटियों के बावजूद देश विरोधी गतिविधियों पर पुलिस की कड़ी नजऱ
  • पाकिस्तान को ऐसी सरगर्मियों की हरगिज़ इजाज़त नहीं देंगेे

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 9 मई:

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से नशा आंतकवाद फैलाने के लगातार किये जा रहे यत्नों के विरुद्ध सख़्त चेतावनी दी है। उन्होंने दृढ़ इच्छाशक्ति ज़ाहिर करते हुए कहा कि कोविड के संकट के दरमियान भी पंजाब पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है और सीमा पार की देश विरोधी गतिविधियों पर तीखी नजऱ रखी जा रही है।

पुलिस द्वारा नशों के कारोबार में बड़ी मछलियों को काबू करने के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमें सब कुछ दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तान कर क्या रहा है?’’ लोगों को भरोसा देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पुलिस फोर्स चाहे कोविड की ड्यूटियों में कितनी भी व्यस्त क्यों न हो, सरहद पर पूरी निगाह रख रही है। उन्होंने डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता के नेतृत्व वाली पुलिस फोर्स को बधाई दी, जिन्होंने ताज़ा गिरफ्तारियों के साथ-साथ हिज़बुल मुजाहिदीन के खि़लाफ़ जम्मू-कश्मीर में चलाए गए ऑपरेशनों में अहम भूमिका अदा की। उन्होंने हिलाल की गिरफ्तारी का हवाला दिया जो हिज़बुल मुजाहिदीन का सक्रिय कार्यकर्ता था और पाबन्दीशुदा जत्थेबंदी का कमांडर नायकू जिसको कश्मीर में सुरक्षा बलों ने हलाक कर दिया था, का नज़दीकी साथी था।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा कि कोविड संकट के बावजूद पाकिस्तान द्वारा नशे, हथियार और ड्रग मनी को बढ़ावा देने की कोशिशों को सफल नहीं होने देंगे, क्योंकि पड़ोसी मुल्क राज्य को अस्थिर करके यहाँ की शान्ति भंग करने की भद्दी चालें चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसी घटना की हरगिज़ इजाज़त नहीं देंगे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (सीमा पर सुरक्षा की पहली कतार) द्वारा पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को मात देने के लिए पूरी मुस्तैदी बरती जा रही है। उन्होंने साथ ही कहा कि पंजाब की पुलिस लगातार चौकसी के साथ काम कर रही है, जिससे ऐसे घृणित कामों को पूरा नहीं होने दिया जाये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘दहशतगर्दों और गैंग्स्टरों ने सोचा होगा कि पुलिस कर्मियों की कोविड-19 ड्यूटी और स्रोतों की बाँट होने के कारण पैदा हुए हालातों का लाभ लेते हुए वह पंजाब में नशों और हथियारों की तस्करी करके अशांति पैदा कर देंगे। चाहे आधी पुलिस फोर्स कफ्र्यू /लॉकडाउन की ड्युूटी और मानव कल्याण के लिए काम कर रही है परन्तु वह साथ ही सीमा पर घट रही गतिविधियों पर भी गहरी निगरानी रख रही है।

उन्होंने कहा कि हम यह यकीनी बनाऐंगे कि देश विरोधी असामाजिक तत्वों को पकड़ कर सलाखों के पीछे भेजा जाये, जहाँ उनकी असली जगह है।

राज्य के लोगों के साथ पंजाब के अंदर नशों के धंधो की कमर तोड़ देने संबंधी किये अपने वायदे को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रणजीत उर्फ चीता की गिरफ्तारी ने इसको प्रभावी रूप में कर दिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2017 में पंजाब के अंदर उनकी सरकार बनने के बाद पुलिस द्वारा दहशतगर्दी ताकतों पर नकेल कसने के लिए पूरी चौकसी से काम किया जा रहा है और अब तक ऐसे 32 गिरोहों को काबू कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस समय के दौरान 155 दहशतगर्दों /कट्टरपंथियों को गिरफ़्तार करने के साथ-साथ बड़ी मात्रा में हथियारों, जिनमें विदेशों में बने हथियार और चीन में बने ड्रोन शामिल हैं, की बरामदगी की जा चुकी है।

मोहाली की अदालत ने डीजीपी सुमेध सैनी की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित

राकेश शाह, चंडीगढ़ – 9 मई:

पूर्व डीजीपी सैनी की अग्रिम जमानत का फैसला सुरक्षित पंजाब के पूर्व चर्चित डीजीपी सुमेध सिंह सैनी , जिन्हें आईएएस अधिकारी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण के मामले में नामजद किया गया था, की सुनवाई आज मोहाली में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में हुई। मोहाली की अदालत ने डीजीपी सुमेध सैनी की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब सोमवार को फैसला सुनाया जाएगा।

भारत विकास परिषद उत्तर 2 के सदस्यों ने कोरोना योद्धाओं में समान वितरित किया

आज भारत विकास परिषद उत्तर 2 द्वारा सेक्टर (23-24-36) वार्ड 4 के कोरोना योद्धाओं (सफाई कर्मचारी ) को दस्ताने, मुख कोष ( मास्क ), सैनिटाइजर, महिला कर्मियों को सेनेटरी पैड वितरित किए गए।

सुभाष अग्रवाल (वरिष्ठ सदस्य भारत विकास परिषद उत्तर 2 ) के दिशा निर्देश में वार्ड 4 से पार्षद श्रीमती सुनीता धवन मुख्य रूप से उपस्थित रहीं। साथ ही भारत विकास परिषद उत्तर 2 के अध्यक्ष सुभाष गोयल , गोविंद, जेके खन्ना, मंडल 4 के प्रधान सतपाल वर्मा के साथ अजय सिंगला सचिव जिला उत्तर भारत विकास परिषद विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इसके अलावा सेक्टर 28 में श्रीमती सुप्रिया गोयल, अनूप गुप्ता , सेक्टर 21 में श्रीमती परमजीत ग्रेवाल , सेक्टर 45 में एसपी सरना , एम एल कालरा और अशोक सतवा जी ने उपरोक्त सामान वितरित किया। आज तकरीबन 350 लोगों को सामान वितरित किया गया।

अध्यापकों को कोरोना वोर्रियर्स समझें: पब्लिक स्कूल एसोसिएशन यमुनानगर

सुशील पंडित, यमुनानगर – 9  मई      

आज पब्लिक स्कूल एसोसिएशन की मीटिंग एम. एस. साहनी की अध्यक्षता में आयोजित  की गयी, जिसमें सोशल-डिस्टन्सिंग का पालन किया गया।बताया गया कि कोरोना वायरस के कारण जारी लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूल अभी तक बंद हैं। बच्चो को पढ़ाई के नुक्सान से बचाने के लिए सभी स्कूल अध्यापक टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर ऑनलाइन शिक्षा दें रहे  हैं। पूरी मेहनत व तत्परता से शिक्षण कार्य किया जा रहा है। सरकार के निर्देशानुसार सभी अभिभावको को प्रति महीने अनुसार ट्यूशन फीस देने के लिए कहा गया है। इसी के मद्देनजर निजी स्कूल प्रबंधको की तरफ से अभिभावकों को एक महीने की फीस जमा करने की प्रार्थना व अपील की गई थी।

स्कूल प्रबंधको का कहना है कि अभिभावक जो बच्चों की फीस जमा करते हैं उससे ही स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन दिया जाता हैं। इसलिए फीस न मिलने से उन्हें इन शिक्षण कार्यो को पूरा करने में  परेशानी हो रही है, पहले ही स्कूल बंद रहने से सभी स्कूलों की आर्थिक अर्थव्यस्था चरमरा गई है। उनके अनुसार कुछ अभिभावकों ने तो पिछले सत्र 2019 -20 की फीस का भी पूरा भुगतान नहीं किया है। स्कूल प्रबंधको का कहना है कि सक्षम अभिभावक भी फीस जमा कराने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है जिससे उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

स्कूल प्रबंधको द्वारा सभी सक्षम अभिभावकों से पुन: अपील कि जा गयी कि वे जल्द से जल्द अपनी देय राशि का भुगतान करे ताकि स्कूल की शेक्षिणिक गतिविधियों को सुचारु रूप से चलाया जा सके। मीटिंग के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि अगर कोई अभिभावक अभी पूरी फीस जमा करने में सक्षम नहीं है तो वह फीस की किश्ते बनवाकर भी भुगतान कर सकता है, वह स्कूल प्रिंसिपल को संपर्क कर सकता है या ई-मेल के द्वारा फीस को किश्तों में देने के लिए आवेदन कर सकता है उनके द्वारा किये गए आवेदन पर विचार किया जायेगा। यह भी देखा गया की कुछ पैरेंट या शरारती तत्वो  द्वारा फेसबुक या सोशल मीडिया पर गलत अफवाहे फैलाई जा रही है, इसलिए एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी डॉ एम. के. सहगल ने अभिभावकों से अनुरोध किया है इन भ्रमित संदेशो के बहकावे में मत आये क्युकि जल्दी ही इन व्यक्तियों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की जा रही है।उन्हें इन संदेशो को नजरअंदाज करके जल्दी से जल्दी अपनी फीस जमा करके अध्यापन कार्य को सुचारु रूप देने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाए। यहीं समय है जब शिक्षकों को भी कोरोना वॉरीअर समझते हुए उनके हित में भी स्कूलो को मासिक फ़ीस जमा करा के सहयोग करें।