Thursday, February 6

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद ट्रायल कोर्ट के न्यायाधीश एस के यादव के कार्यकाल को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है। उन्हें सीबीआई द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस के संबंध में दायर एक मामले में समय से निर्णय देने का निर्देश भी दिया गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह आरोपी हैं।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत अगस्त अंत तक मुकदमे की सुनवाई को पूरा करे और अपना फैसला सुनाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि सीबीआई अदालत को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करनी चाहिए। मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती समेत कई अन्‍य आरोपी हैं। तीन अन्य आरोपियों गिरिराज किशोर (Giriraj Kishore), विश्‍व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल (Ashok Singhal) और विष्णु हरि डालमिया (Vishnu Hari Dalmia) की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। 

विशेष जज एसके यादव ने शीर्ष अदालत को चिट्ठी लिखकर और समय बढ़ाने की मांग की थी। 20 अप्रैल को ही विशेष जज एसके यादव की नौ महीने की तय सीमा पूरी हो गई थी। शीर्ष अदालत का मानना है कि विशेष सीबीआई जज एसके यादव मामले की सुनवाई पूरी करके फैसला सुनाएं क्‍योंकि वे इस पूरे केस से बखूबी वाकिफ हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि पहले तय मियाद के मुताबिक, अप्रैल में लखनऊ की निचली अदालत को फैसला दे देना था लेकिन किन्‍हीं कारणों की वजह से यह टल गया है। यह साल 1992 में छह दिसंबर को अयोध्‍या में कारसेवकों द्वारा ढांचे को गिराने का मामला है।