गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद अब IMD के वेदर बुलेटिन में
भारत ने पाकिस्तान को साफ और कड़े शब्दों में समझा दिया है कि गिलगित- बाल्टिस्तान सहित पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं। इस बीच भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के क्षेत्रों को भी अब अपने वेदर बुलेटिन में शामिल कर लिया है। यानी आईएमडी ने अपने बुलेटिन में ‘जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद’ को भी शामिल कर लिया है।
- पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया था गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने का आदेश
- भारत पहले ही कर चुका है साफ, गिलगित-बाल्टिस्तान देश का अभिन्न अंग
- ‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए’ हुए इलाकों में हस्तक्षेप ना करें पाकिस्तान : भारत
- भारतीय मौसम विभाग ने अपने बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद को भी दी जगह
नई दिल्ली
भारत ने पाकिस्तान को साफ-साफ समझा दिया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान उसका अभिन्न अंग है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जम्मू-कश्मीर सब-डिविजन को अब ‘जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद’ कहना शुरू कर दिया है। गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद, दोनों पर पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। मंगलवार को IMD ने नॉर्थवेस्ट इंडिया के लिए जो अनुमान जारी किए, उसमें गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद को भी शामिल किया गया है।
क्यों अहम है IMD का ये कदम?
IMD की ओर से अपने बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद को जगह देना बड़ा अहम है। IMD के डायरेक्टर-जनरल मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि ‘IMD पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए वेदर बुलेटिन जारी करता रहा है। हम बुलेटिन में गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद का जिक्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह भारत का हिस्सा है।’ इसी महीने की शुरुआत में भारत ने साफ कहा था कि पाकिस्तान का इन इलाकों पर कोई हक नहीं है। दरअसल वहां की सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के आदेश दिए थे। भारत ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि पाकिस्तान को वहां पर दखल देने का कोई हक नहीं है।
पाकिस्तान की अदालत नहीं कर सकती फैसला: भारत
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक को आपत्ति पत्र भी जारी किया था। बयान के मुताबिक, तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पाकिस्तान के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।’ बयान में कहा गया, ‘यह स्पष्ट रूप से बता दिया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, वह पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग हैं।’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने ‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए’ हुए हैं।
भारत ने दिया कानून का हवाला
पाकिस्तान से भारत ने कहा था कि संसद से 1994 में पास एक प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर पर स्थिति साफ है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के हालिया कदम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर उसके ‘अवैध कब्जे’ को छुपा नहीं सकते हैं और न ही इस पर पर्दा डाल सकते हैं कि पिछले सात दशकों से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के ‘मानवाधिकारों का उल्लंघन किया गया, शोषण किया गया और उन्हें स्वतंत्रता से वंचित’ रखा गया।
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