स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाली असुविधाओं पर बात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश एक बड़ा मुद्दा हो सकता है
दिल्ली में केजरीवाल सरकार के अंतर्गत आने वाले डाक्टरों, नर्सों, मेडिकल स्टाफ के लिए अरविन्द केजरीवाल ने आदेश जारी किया है, ये आदेश है की कोई भी डाक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ का कोई भी कर्मचारी अपनी किसी भी शिकायत को मीडिया या सोशल मीडिया पर नहीं कहेगा। सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार को लेकर यह चर्चा निरंतर जारी है कि इन्होने कोरोना वायरस से निपटने में धरातल पर काम करने के बजाए सोशल मिडिया पर अपनी तारीफ में कैम्पेन करने पर ज्यादा ध्यान दिया है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाली असुविधाओं पर बात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।
आदेश में ये भी कहा गया है की अगर डाक्टरों, नर्सों और मेडिकल स्टाफ में किसी ने अपनी कोई भी शिकायत मीडिया या सोशल मीडिया में कही तो फिर उसके खिलाफ दिल्ली सरकार सख्त कार्यवाही करेगी यानि अब डाक्टरों पर कोई हमला हो, डाक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर कोई थूके, कोई अस्पतालों में आतंक, पेशाब, शौच फैलाए, नर्सों को छेड़े, नर्सों के कपडे फाड़े, मेडिकल स्टाफ को मारे तो इसके बारे में डाक्टरों नर्सों मेडिकल स्टाफ को दिर्फ़ दिल्ली सरकार को बताना है, कोई भी सोशल मीडिया पर शिकायत नहीं लिख सकता और न ही मीडिया में कोई शिकायत बता सकता है केजरीवाल सरकार ने इस आदेश को बड़े गुपचुप तरीके से जारी किया जिसका खुलासा कपिल मिश्रा ने किया है Kapil Mishra@KapilMishra_IND
नयी दिल्ली (ब्यूरो):
दिल्ली भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के गुरु तेगबहादुर अस्पताल की ओर से कोरोना ड्यूटी में तैनात सभी मेडिकल स्टाफ को अपनी ड्यूटी में होने वाली असुविधाओं के बारे में मीडिया को बताने और सोशल मीडिया पर हाईलाईट करने से मना किया है। कपिल मिश्रा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने ऐसा आदेश सरकार के झूठ की पोल खुलने के डर से जारी किया है।
‘कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा’
कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा है- “केजरीवाल सरकार का आर्डर- कोई डॉक्टर, नर्स या कर्मचारी अपनी प्रॉब्लम ट्विटर, व्हाट्सएप, फेसबुक में नहीं शेयर करेगा। मीडिया को बताने पर भी प्रतिबंध। खाना, मास्क, एकोमोडेशन – कुछ भी न मिले, चुप रहो। ये आर्डर इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर सरकार के सारे झूठ की पोल खुल रही हैं।”
गुरु तेगबहादुर अस्पताल की ओर से जारी आदेश की कॉपी, जिसे कपिल मिश्रा ने ट्वीट किया है –
वहीं, कुछ लोगों ने कपिल मिश्रा के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा है कि यह स्टाफ के मौलिक अधिकारों का हनन है।
इस ट्वीट के साथ कपिल मिश्रा ने गुरु तेग बहादुर अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी आदेश की कॉपी भी शेयर की है, जिसमें लिखा गया है कि ड्यूटी में आ रही किसी भी प्रकार की समस्या के लिए वह स्टाफ डिपार्टमेंट हेड के पास शिकायत भेज सकता है, लेकिन बिना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाए सोशल मीडिया में समस्याओं को पब्लिक करना उचित नहीं है और मेडिकल स्टाफ को इससे बचना चाहिए।
अस्पताल की ओर से जारी इस आदेश की प्रति में यह भी पढ़ा जा सकता है कि अस्पताल के कर्मचारियों को देशसेवा का स्मरण करवाकर उन्हें समस्याओं को नजरअंदाज करने की राय दी गई है। हालाँकि, यह भी कहा गया है कि स्टाफ़ की वाज़िब समस्याओं पर अवश्य संज्ञान लिया जाएगा।
कपिल मिश्रा ने GTB अस्पताल द्वारा जारी किए गए इस आदेश को शेयर करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविन्द केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उनके ही आदेश पर इस प्रकार का आदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र और दिल्ली सरकार को लेकर यह चर्चा निरंतर जारी है कि इन्होने कोरोना वायरस से निपटने में धरातल पर काम करने के बजाए सोशल मिडिया पर अपनी तारीफ में कैम्पेन करने पर ज्यादा ध्यान दिया है। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों को होने वाली असुविधाओं पर बात करने पर पाबंदी लगाने का आदेश एक बड़ा मुद्दा हो सकता है।
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