डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम (सारिका तिवारी), चंडीगढ़ – 17 अप्रैल
एक ओर देश इतने बड़े स्वास्थ्य औऱ आर्थिक संकट से गुजर रहा है ,देशभर में लॉक डाउन है ऐसे में अपने दम्भ जड़ित आत्मविश्वास का परिचय देते हुए हरियाणा सरकार ने बच्चों की पढ़ाई को उनके स्वास्थ्य के मुकाबले अधिक तरजीह देते हुए किताबों और स्टेशनरी की दुकानों को खोलने का फैसला लिया।
आज जारी एक अधिसूचना के माध्यम से उपायुक्त ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई को देखते हुए उन्हें जल्दी से जल्दी किताबें उपलब्ध करवाने के लिए दुकानें खोली गई है ।
जहां एक ओर हरियाणा के पड़ोसी राज्यों ने 3 महीने की फीस न लेने का फैसला किया है वही हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा की अभी ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है जिससे जिसमें कहा गया हो कि 3 महीने की फीस माफ की जाती है प्रदेश निवासियों को उम्मीद है कि सरकार स्वयं इस दिशा में कोई कदम उठाएगी परंतु ऐसा जान पड़ता है कि सरकार के विवेक और कोरोना जैसी महामारी पर शिक्षा माफिया भारी पड़ रहा है ।
यह तो सर्वविदित है के देश में सर्व शिक्षा अभियान सरकारी स्कूलों में किताबें करवाई जाती हैं किस खासतौर पर यह दुकान है करवाई जा रही ऐसा ना हो कि कहीं फीस वसूलने के लिए प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से निजी स्कूल प्रशासन और सरकार पर दबाव डाल रहे हैं ,ऐसा ना हो कि जल्द ही प्रदेश सरकार स्कूल प्रबन्धनों से प्रभावित होकर बच्चों के प्रति संवेदनहीन हो जाए ।