मौलाना साद का मरकज़ एक बड़े षड्यंत्र का सूत्रधार हो सकता है
- मरकज के खातों में आई थी काफी रकम, बैंक ने किया था अलर्ट
- हवाला के जरिए ट्रांसफर का शक, क्राइम ब्रांच 17 दिन बाद भी मौलाना तक नहीं पहुंच सकी
- मरकज के लेन-देन के मामले की जांच ईडी और इनकम टैक्स को सौंपी जा सकती है
- जांच एजेंसी मौलाना समेत सात आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार हाथ-पांव मार रही है
जमातियों के जरिये देश में कोरोना फैलाने के बाद से मौलाना साद फरार है लेकिन पुलिस के शिकंजे से दूर रहना उसके लिए ज्यादा दिनों तक संभव नहीं हो पाएगा. पुलिस ने मौलाना साद के जुर्मों का हिसाब करना शुरू कर दिया है. मौलाना साद ने सिर्फ देश में कोरोना वायरस फैलाया बल्कि इसके लिए हवाला के जरिये विदेशों से फंडिंग हासिल की. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, मरकज कार्यक्रम से पहले मौलाना साद के एकाउंट में बड़ी रकम आई.
नई दिल्ली(ब्यूरो):
मौलाना साद ने सिर्फ देश में कोरोना वायरस फैलाया बल्कि इसके लिए हवाला के जरिये विदेशों से फंडिंग हासिल की. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, मरकज कार्यक्रम से पहले मौलाना साद के एकाउंट में बड़ी रकम आई. मौलाना साद के चार्टर एकाउंटेंट से एक बैंक ने पूछताछ की थी. 2005 के बाद हवाला के जरिये मरकज के खाते में बड़ी रकम आई. सऊदी अरब और बाकी देशों से खाने-पीने के नाम पर कैश आना शुरू हुआ. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मरकज को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है. निजामुद्दीन मरकज में ज्यादातर फंडिंग हवाला के जरिये हो रही थी.
जमातियों के जरिये देश में कोरोना फैलाने के बाद से मौलाना साद फरार है लेकिन पुलिस के शिकंजे से दूर रहना उसके लिए ज्यादा दिनों तक संभव नहीं हो पाएगा. पुलिस ने मौलाना साद के जुर्मों का हिसाब करना शुरू कर दिया है. हम आपको पुलिस की कार्रवाई के बारे में बताएंगे लेकिन उससे पहले जमात के हवाला कनेक्शन पर बड़े खुलासे जानिए:
सबसे बड़ा खुलासा ये है कि मरकज कार्यक्रम से पहले मौलाना साद के खाते में बड़ी रकम आई. 2005 के बाद हवाला के जरिये मरकज के खाते में इतनी बड़ी रकम आई थी. सऊदी अरब और बाकी देशों से खाने-पीने के नाम पर कैश आना शुरू हुआ. सूत्रों के मुताबिक निजामुद्दीन मरकज में ज्यादातर फंडिंग हवाला के जरिये हो रही थी. ये खुलासे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आए हैं. निजामुद्दीन के एक बैंक अधिकारी ने मौलाना साद के चार्टर एकाउंटेंट से पूछताछ भी की है.
साद के खिलाफ ED ने दर्ज किया केस
तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी केस दर्ज कर लिया है. साद के खिलाफ ये केस मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दर्ज किया गया है. बुधवार को ही दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया था. इससे पहले, तबलीगी जमात के मौलाना साद की मुश्किलें पहले से ही बढ़ती हुई नजर आ रही थीं. बुधवार को ही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम निजामुद्दीन मरकज पहुंची थी. क्राइम ब्रांच ने मरकज से दो रजिस्टर और CPU भी बरामद किए. दिल्ली पुलिस ने
– मौलाना साद और जमात के बाकी आरोपियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है.
– इस धारा के तहत कम से कम दस साल या उम्रकैद तक की सज़ा का प्रावधान है.
इससे पहले, मौलाना साद पर महामारी कानून के तहत केस दर्ज किए गए थे. इस बीच मौलान साद के ससुराल तक कोरोना वायरस पहुंच गया है. यूपी के सहारनपुर में साद की ससुराल है, जहां पर उसके दो रिश्तेदार कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. साद के ये दोनों रिश्तेदार लॉकडाउन से पहले निजामुद्दीन के एक होटल में रुके थे.
कुल मिलाकर मौलाना साद की मुश्किलें हर ओर से अब बढ़ती ही नजर आ रही हैं. शुरुआत से ही पहले पुलिस की चेतावनी को नजरअंदाज करना और फिर अब नोटिस के बाद भी पुलिस से छिपना ये बता रहा है कि मरकज की आंड़ में कैसे मौलाना साद कोरोना के जरिए देश में साजिश रचने का काम कर रहा था.
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