विक्रमी संवत्ः 2077,
शक संवत्ः 1942,
मासः वैशाख़,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः दशमी रात्रि 08.04 तक है,
वारः शुक्रवार,
नक्षत्रः धनिष्ठा रात्रि 1.36 तक,
योगः शुभ 05.58 तक,
करणः वणिज,
सूर्य राशिः मेष,
चंद्र राशिः मकर,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.58,
सूर्यास्तः 06.44 बजे।
नोटः आज दोपहर 12.18 से पंचक प्रारम्भ हो रहे है। पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं।पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है।चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पाॅच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।