चंडीगढ़, 16 अप्रैल (जंगशेर राणा):
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा ने किसानों की फसल खरीद, स्कूल फीस वसूली और बिजली बिलों के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार द्वारा बगैर किसी विचार-विमर्श के थोपे जा रहे फैसले जहां आम लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं वहीं महामारी के प्रकोपमें मुसीबत भी खड़ी कर रहे हैं।
गुरुवार को चंडीगढ़ में जारी एक बयान में कुमारी शैलजा ने कहा कि फसल खरीद के लिए सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों पर नई-नई शर्तें थोपी जा रही है। पहले ही देरी से शुरू हो रही सरसों की खरीद के लिए सरकार ने सिर्फ पांच दिन का समय दिया है। वह भी केवल उन किसानों के लिए जो कि मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकृत हैं। जो किसान मंडी पहुंच रहे हैं, उनमें से कई की फसल खरीद कम मात्रा में की जा रही है और कई को बिना फसल बिक्री के ही वापस लौटाया जा रहा है।
शैलजा ने कहा कि प्रदेश के लाखों अभिभावक भी इस सरकार के जनविरोधी फैसलों की चपेट में हैं। सरकार ने प्राईवेट स्कूलों को एक महीने की स्कूल फीस वसूलने की अनुमति देकर लाखों अभिभावकों और विद्यार्थियों के लिए मुसीबतें पैदा कर दी हैं। हाल ही में सरकार ने तीन माह तक फीस जमा न करवाने से छूट दी थी।
इस फैसले को सरकार ने किसके दबाव में बदला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोगों को बिना मीटर रीडिंग लिए ही पिछली रीडिंग की औसत से बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। एक तरफ यह सरकार राहत देने की बात करती है तो दूसरी तरफ जनता को भारी भरकम बिल भेजकर भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है।