क्या फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे सकते हैं कमल नाथ?

सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां सरकार बचा ले जाने का दावा कर रही है, वहीं मुख्य विपक्षी बीजेपी लगातार कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आने पर जोर दे रही है. मध्‍य प्रदेश में आज शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्‍ट होना है.

भोपाल: 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज शाम पांच बजे तक मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्‍ट होना है. इस कड़ी में दोपहर दो बजे से विधानसभा का कामकाज शुरू होगा लेकिन सूत्रों का कहना है कि उससे पहले ही मुख्‍यमंत्री कमलनाथ इस्‍तीफा दे सकते हैं. दरअसल संख्‍याबल के खेल में कांग्रेस पिछड़ रही है. ऐसे में कहा जा रहा है कि उससे पहले वह इस्‍तीफा दे सकते हैं. आज दोपहर 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस भी बुलाई गई है. उसके बाद इन कयासों को बल मिला है.

इससे पहले गुरुवार की रात को मप्र विधानसभा के स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर कर लिए. स्पीकर ने 6 मंत्रियों के इस्तीफे पहले ही मंजूर कर लिए थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस से बगावत करने और भाजपा में शामिल होने के बाद 22 विधायकों ने कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ दिया था. इनमें से 19 विधायक बेंगलुरु में ठहरे हैं.

कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद जानिए क्या है विधानसभा का गणित…

असेंबली की स्थिति 

मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या है- 230
इनमें से 2 विधायकों के आकस्मिक निधन से संख्या है- 228
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद संख्या है- 206
इस तरह विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा बैठता है- 104

मौजूदा आंकड़े

भाजपा – 107 विधायक, बहुमत के आंकड़े से 3 ज्यादा.
कांग्रेस – 92  विधायक, 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद.
सपा, बसपा, निर्दलीय-  07 विधायक (सपा- 2, बसपा-1, निर्दलीय- 4).
यानी अगर कांग्रेस+ भी मानें तो आंकड़ा पहुंचता है 99, बहुमत के आंकड़े से 5 कम.

बीते 2 मार्च को शुरू हुआ था सियासी ड्रामा

मध्य प्रदेश में बीते 2 मार्च से कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए थे. सबसे पहले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने 2 मार्च को ट्वीट कर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा नेताओं शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और अरविंद भदौरिया पर कमलनाथ सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. लेकिन असली खेल तब शुरू हुआ था, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस पार्टी से बगावत कर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया. 11 मार्च को सिंधिया ने भाजपा का दामन थामा और उनके नक्शे कदम पर चलते हुए कांग्रेस में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया. 

इसके बाद से ही मध्य प्रदेश के राजनीति ड्रामे का भोपाल में राजभवन, विधानसभा, मुख्यमंत्री आवास के साथ दिल्ली में भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर मंचन होता रहा. आखिरी में सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचने के बाद मध्य प्रदेश के सियासी नाटक का क्लाइमैक्स लिखा गया. अब फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ सरकार बहुमत साबित कर पाए इसकी उम्मीद बहुत कम है. हालांकि सदन में उपस्थित रहने के लिए कांग्रेस और भाजपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है.

फ्लोर टेस्ट आज दोपहर 2 बजे:

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने देर रात कार्यसूची जारी की. कार्य सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम 5 बजे तक सरकार को बहुमत साबित करने का समय दिया है.

भोपाल.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश में सियासी पारा हाई है. राजनीतिक गतिविधियां उफान पर हैं. विधानसभा सचिवालय ने देर रात कार्यसूची जारी की. कमलनाथ सरकार को आज सदन में अपना बहुमत साबित करना है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपने सदस्यों को व्हिप जारी कर चुकी हैं. देर रात विधानसभा सचिवालय ने कार्यसूची जारी की जिसमें 2 बजे का समय मत विभाजन का तय किया है.उससे पहले दोपहर 12 बजे सीएम कमलनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं.

ये है सदन का आंकड़ा

मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीट हैं. इनमें से 2 विधायकों के निधन के कारण 2 सीट खाली हैं. इस तरह कुल 228 विधायक थे.इनमें से कांग्रेस के बागी 22 विधायकों के इस्तीफे स्पीकर ने मंजूर कर लिए हैं. इस तरह अब 206 विधायक शेष हैं. सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायक चाहिए.लेकिन कांग्रेस के पास इस वक्त सिर्फ 92 विधायक हैं. कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायकों की संख्या कुल मिलाकर 7 है.अगर सारा गुणा भाग कर लिया जाए तो भी ये आंकड़ा 99 पर पहुंचता है. यानि बहुमत से 5 कदम दूर.उधर बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. हालांकि वो दावा सिर्फ 106 विधायकों का कर रही है. उसने राज्यपाल के सामने परेड में भी 106 विधायक ही शामिल किए थे. पार्टी ने अपने विधायक नारायण त्रिपाठी का नाम उस सूची में शामिल नहीं किया था. त्रिपाठी जुलाई में दंड विधि संशोधन विधेयक पर कमलनाथ सरकार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर चुके हैं.

देर रात कार्यसूची जारी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मध्य प्रदेश विधान सभा सचिवालय ने देर रात कार्यसूची जारी की. कार्य सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे विश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आज शाम 5 बजे तक सरकार को बहुमत साबित करने का समय दिया है.

आधी रात विधानसभा पहुंचे नेता प्रतिपक्ष

इससे पहले जब विधानसभा की कार्यवाही की कार्यसूची जारी होने में देर हुई तो नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति और अपना पत्र तामील करवाने आधी रात विधानसभा पहुँचे. भार्गव ने विधानसभा स्थित अध्यक्ष और प्रमुख सचिव महोदय के कक्ष में गए. लेकिन दोनों मौजूद नहीं थे. उनकी अनुपस्थिति में गोपाल भार्गव दोनों की टेबल पर अपना पत्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति छोड़कर आए.

शिवराज ने मांगी सुरक्षा

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डीजीपी विवेक जौहरी, विधानसभा सचिव और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखे. डीजीपी को लिखे पत्र में उन्होंने बीजीपी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है. चौहान ने विधानसभा के सचिव और विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार विधानसभा की कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए आग्रह किया है.

कांग्रेस-बीजेपी ने जारी किया व्हिप

मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किए हैं. कांग्रेस ने अपने व्हिप में आज 20 मार्च को होने वाले प्लोर टेस्ट में अनिवार्य तौर पर सदन में रहने और बहुमत के प्रस्ताव पर वोट करने के लिए कहा है. बीजेपी ने अपने विधायकों को सदन में मौजूद रहकर विश्वास प्रस्ताव के विरोध में वोट करने के लिए कहा है.

इन विधायकों के इस्तीफे स्वीकार

विधासभा स्पीकर एन पी प्रजापति ने गुरुवार को कांग्रेस के बागी इन 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए.
राजवर्धन सिंह
मुन्नालाल गोयल
ओ पी एस भदौरिया
गिरिराज दंडोतिया
जगपाल सिंह जग्गी
रणवीर सिंह जाटव
हरदीप सिंह डंग
रघुराज कंसाना
बिसाहू लाल सिंह
एदल सिंह कंसाना
मनोज चौधरी
बृजेंद्र सिंह यादव
कमलेश जाटव
जसवंत जाटव
सुरेश धाकड़
रक्षा संतराम सिरोनिया

आज का राशिफल

Aries

20 मार्च 2020: दोस्तों और भाइयों से सहयोग मिलेगा. नए काम शुरू होंगे और सोचे हुए काम भी पूरे होंगे. संपत्ति के कामकाज पर ध्यान देंगे. आपका पराक्रम बढ़ सकता है. सौदेबाजी में बहुत अच्छी सफलता भी मिलने के योग हैं. आपका दिन परिवार, निजी जीवन और पैसों के मामले में ही बीत सकता है. जरूरी कामों की योजना बन सकती है. अपनी जिम्मेदारियों पर पूरा ध्यान दें. पार्टनर के लिए समय निकालें. सेहत के मामले में सावधानी जरूर रखें.

Taurus

20 मार्च 2020: किसी नकारात्मक मामले में फंसे तो आप कोई महत्वपूर्ण मौका भी गंवा सकते हैं. आज आप न कोई फैसला लें और न ही कोई निष्कर्ष निकालें. स्वभाव में तेजी या थोड़ी उलझन रहेगी. दिन आपके लिए थोड़ी सावधानी भरा रहेगा. आज सोच-समझकर बोलें. आज आप दूसरे की बात भी सुनने का ध्यान रखें. पार्टनर के साथ वाहन चलाते समय सावधानी रखें. सेहत ठीक-ठाक ही रहेगी. अच्छा भोजन भी मिलेगा.

Gemini

20 मार्च 2020: नए काम और नई बिजनेस डील सामने आ सकती है. परेशानियों से निपटने के लिए दिन अच्छा रहेगा. कोई नया ऑफर भी मिल सकता है. सोचे हुए काम शुरू कर दें, आपके काम जल्दी ही पूरे हो जाएंगे. रोजमर्रा के काम पूरे होने में कोई रुकावट नहीं आएगी. आप आगे भी बढ़ेंगे. महत्वपूर्ण मीटिंग और काम करने के लिए दिन शुभ है. समस्याएं भी जल्दी ही खत्म हो जाएंगी.

Cancer

20 मार्च 2020: लव लाइफ में गलतफहमियां हो सकती हैं. किसी मामले में लापरवाही न करें. जॉब और बिजनेस में लापरवाही या जल्दबाजी न करें. सोचे हुए काम पूरे होने में थोड़ा समय लग सकता है. आज किसी भी काम में आपको मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है. कर्क राशि वाले लोग आज सेहत के मामले में लापरवाह न रहें.

Leo

20 मार्च 2020: आज आपके सोचे हुए कुछ काम पूरे नहीं हो पाएंगे. कई तरह के विचारों में आज आप उलझ सकते हैं. आप अपने पैसे संभाल कर रखें. लेन-देन और निवेश के मामले में सोच-समझकर फैसला लें. मन में कोई समस्या या परेशानी रहेगी. कड़वी बातें न करें. आज कोई प्लान न बनाएं, पुराने काम निपटा लें, संभलकर रहें. काम में मन नहीं लगने से परेशानी बढ़ सकती है. सेहत के मामले में दिन अच्छा है.

Virgo

20 मार्च 2020: बिजनेस में कुछ नई योजनाओं पर काम शुरू हो सकता है. पार्टनर से सहयोग और सुख मिलेगा. लव लाइफ के लिए दिन अच्छा रहेगा. आज सोचे हुए कुछ काम पूरे हो जाएंगे. आपकी मुलाकात महत्वपूर्ण लोगों से हो सकती है. अचानक कोई तरीका आपके दिमाग में आ सकता है. आज अपने काम पर ध्यान दें. अधूरे काम समय पर निपट सकते हैं, धैर्य रखें. आपकी सेहत अच्छी रहेगी. मन भी प्रसन्न रहेगा.

Libra

20 मार्च 2020: आज का दिन आपके लिए अच्छा है. आप परिस्थितियों का फायदा उठाकर अपने काम पूरे कर सकते हैं. कामकाज में भी आपका मन लगेगा. आज आपको अचानक कुछ अच्छे अवसर मिल सकते हैं. आप उनका फायदा उठाने के लिए तैयार रहें. अचानक मन में बदलाव आ सकते हैं जो कि आपके लिए फायदेमंद रहेंगे. जीवनसाथी से संबंधों में अनुकूलता रहेगी. पार्टनर से सरप्राइज मिलने के योग हैं. आपकी सेहत अच्छी रहेगी.

Scorpio

20 मार्च 2020: नौकरी और बिजनेस में अचानक फैसले लेने पड़ेंगे, नुकसान भी हो सकता है. कन्फ्यूजन बढ़ सकता है. किसी अनचाहे नुकसान के लिए तैयार रहें. फालतू खर्चा होने के भी योग हैं. कार्यक्षेत्र में परेशानी और असुविधा हो सकती है. कोई परेशानी भरी स्थिति है तो आप उससे बहुत सावधानी से ही निपटें. परेशान करने वाले लोग आज आपके आसपास ही रहेंगे. न चाहते हुए भी दो तरफा बातें करनी पड़ सकती है. सेहत में उतार-चढ़ाव आ सकता है.

Sagittarius

20 मार्च 2020: आर्थिक मामले सुलझ जाएंगे. दाम्पत्य जीवन सुखद हो सकता है. आप समझौते और विनम्रता से उलझे हुए मामले निपटा सकते हैं. रूटीन कामों से धन लाभ हो सकता है. कर्जा लेने का मन बना सकते हैं. आपकी बड़ी परेशानियां भी खत्म हो सकती है. संतान से सहयोग मिल सकता है. नए लोगों से मुलाकात हो सकती है. नौकरी-धंधे की रुकावटें खत्म हो जाएंगी. सेहत के मामले में आपको सावधान रहना होगा.

Capricorn

20 मार्च 2020: आर्थिक मामले सुलझ जाएंगे. दाम्पत्य जीवन सुखद हो सकता है. आप समझौते और विनम्रता से उलझे हुए मामले निपटा सकते हैं. रूटीन कामों से धन लाभ हो सकता है. कर्जा लेने का मन बना सकते हैं. आपकी बड़ी परेशानियां भी खत्म हो सकती है. संतान से सहयोग मिल सकता है. नए लोगों से मुलाकात हो सकती है. नौकरी-धंधे की रुकावटें खत्म हो जाएंगी. सेहत के मामले में आपको सावधान रहना होगा.

Aquarius

20 मार्च 2020: ऑफिस में खुद को नियंत्रण में रखें, पद लाभ का योग बन रहा है. कार्यक्षेत्र की परेशानियां खत्म हो सकती हैं. आज आपकी योजनाएं सफल हो सकती हैं. आगे के कामों की योजनाएं बनाना आज आपके लिए बहुत आसान रहेगा. रुके हुए काम पूरे करने के लिए दिन अच्छा है. आपको योग्यता और अनुभव से काम करना होगा. आपकी समस्याएं निपट सकती हैं. सेहत के मामले में संभलकर रहें. रक्त विकार होने के योग हैं.

Pisces

20 मार्च 2020: बिजनेस में कुछ नया करने के चक्कर में आपकी परेशानी बढ़ सकती है. मन में जो उठापटक चल रही है उस वजह से आज काम में कहीं मन नहीं लगेगा. आज आप नौकरी और बिजनेस में जल्दबाजी न करें. जोखिम लेने से भी बचें. किसी बात को लेकर प्रोफेशनल लाइफ में आपकी टेंशन बढ़ सकती है. किए गए काम का कोई रिजल्ट न मिलें तो परेशान न हों. सेहत के मामले में दिन ज्यादा अच्छा नहीं है, भोजन समय पर कर लें.

आज का पंचांग

विक्रमी संवत्ः 2076, 

शक संवत्ः 1941, 

मासः चैत्र, 

पक्षः कृष्ण पक्ष, 

तिथिः द्वादशी (तिथि की वृद्धि है जो शनिवार को प्रातः 07.56 तक है), 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रः श्रवण सांयः 05.05 तक, 

योगः शिव प्रातः 11.52 तक, 

करणः कौलव, 

सूर्य राशिः मीन, 

चंद्र राशिः मकर, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.29, 

सूर्यास्तः 06.28 बजे।

नोटः आज पापमोचनी एकादशी व्रत है। (वैष्णव) आज महाविषुव दिन है।

नोटः आज अरूणोदयकाल 06.20 से पंचक प्रारम्भ हो रहे हैं, पंचक काल में तृण, काष्ठ, धातु का संचय व भवन निर्माण और नवीन कार्य तथा यात्रा आदि कर्म वर्जित होते हैं। पंचक काल में शव दाह का भी निषेध होता है। चूंकि शव को इतनी लंबी अवधि हेतु रोकना देश काल परिस्थिति के अनुसार मुश्किल हैं, अतः योग्य वैदिक ब्रह्मण की सलाह लेकर पंच पुतलों का दाह और पंचक नक्षत्रों की शांति विधि पूर्वक करानी चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि मृतक व्यक्ति के परिवार व संबंधियों में से ही पाॅच व्यक्तियों के अकालमृत्यु होने की आशंका बनी रहती है।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर शुक्रवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।

हरियाणा महिला काँग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति जल्द होने की संभावना : रंजीता मेहता

सारिका तिवारी, पंचकुला:

हरियाणा महिला कांग्रेस कि स्थाई अध्यक्ष की नियुक्ति पर बात करते हुए महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय संयोजक एवं राजस्थान महिला कांग्रेस प्रभारी रंजीता मेहता ने कहा कि स्थाई अध्यक्ष के नियुक्ति के लिए पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है और हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की स्थाई अध्यक्ष की नियुक्ति अब जल्दी ही हो जाएगी । पूछे जाने पर क्या वह स्वयं भी महिला कांग्रेस अध्यक्ष के पद के लिए रेस में हैं तो उन्होंने इस बात से इंकार नहीं किया कि वे हमेशा पार्टी द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारियां निभाती रही हैं पार्टी के फैसलों को सर झुका कर मानती रही हैं और आगे भी ऐसा ही करेंगी।

उन्होंने कहा कि सुमित्रा चौहान महिला कांग्रेस को बुलंदियों तक ले गई थी उनके जाने के बाद कहीं ना कहीं असुरक्षा की भावना महिला कार्यकर्ताओं में पनपने लगी उसी वजह से जल्दी से जल्दी कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति आवश्यक हो गई थी। बातचीत के दौरान ने कहा पार्टी का फ़ैसला उनके लिए सर्वोपरी है। हालांकि विधानसभा के दौरान उन्होंने पूरी तैयारी कर रखी थी और उनका टिकट लगभग तय था परंतु पार्टी ने चंद्रमोहन को पंचकूला से उम्मीदवार बनाया उन्होंने यह फैसला भी सिर झुका कर स्वीकार किया।

उन्होंने आगे बताया पंचकूला में अब मेयर के चुनाव होने वाले हैं जिसके लिए अगर पार्टी उन्हें उम्मीदवर बनाएगी तो वह चुनाव ज़रूर लड़ेंगी क्योंकि वह पहले भी विधान सभा की तैयारी कर चुकी हैं इसलिए मेयर का चुनाव लड़ना उनके लिए आसान रहेगा ।

दीपेंद्र हुड्डा के राज्यसभा सांसद बनने पर हर्ष प्रकट करते हुए रंजीता ने कहा कि अपनी योग्यता के बल पर पांचवी बार सांसद बने हैं और पार्टी के सभी नेता और सदस्य उनके साथ हैं ,खासतौर पर उन्होंने कहा शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बहन भाई की जोड़ी ने हरियाणा काँग्रेस को ऊंचाइयों तक पहुंचाया है । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते शैलजा आशीर्वाद दीपिन्द्र हुड्डा के साथ है।

रंजीता मेहता ने चिंता जताते हुए कहा कि शिक्षा सदन के पास पीजीटी संस्कृत के अभ्यार्थी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर अमरण अनशन पर बैठे हैं परंतु हरियाणा सरकार उनकी अनदेखी कर रही है ,जबकि यह समय बहुत ही संवेदनशील है ।एक ओर कोरोना वायरस को देखते हुए लगभग सभी संस्थान बन्द कर दिए गए हैं दूसरी ओर अनशन पर बैठे अभ्यर्थियों की सुध लेने के लिए सरकार का कोई नुमाइंदा नहीं पहुंचा जोकि बहुत शर्मनाक बात है। इतना ही नहीं खट्टर सरकार को दोगला बताते हुए रंजीता ने कहा के एक और हरियाणा के मुख्यमंत्री ने सभी समारोह रद्द करने के लिए कहा जबकि वे स्वयं 13, 14 और 15 मार्च को विभिन्न कार्यक्रमों में मौजूद थे।

शिक्षकों के प्रति असंवेदनशील है खट्टर सरकार

सारिका तिवारी, पंचकूला 19 मार्च:

पिछले 6 साल से अपनी अपनी नियुक्ति की बाट जोह रहे पीजीटी संस्कृत शिक्षक अपनी मांग को लेकर पिछले 5 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं लेकिन प्रदेश सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। एक और कोरोना वायरस की दहशत की वजह से सभी शिक्षण संस्थान ,मॉल ,रेस्टोरेंट बंद कर दिए गए हैं दूसरी ओर अपनी मांगों को लेकर अपने घर से दूर अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ आमरण अनशन पर बैठे शिक्षकों में महिलाएं भी हैं जिनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती जा रही हैं। अगर सरकार ने समय रहते इस पर ध्यान ना दिया तो परिस्थिति बद से बदतर हो सकती है। मौजूदा हालात में सरकार एक ऒर एक जगह पर लोगों के इकट्ठा होने पर सरकार पाबंदी लगा रही है तो दूसरी और इन हड़ताली अभ्यार्थियों के प्रति संवेदनहीनता सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर खड़ी हो सकती है।

रोहतक से आए अभ्यार्थी विनोद कुमार ने सरकार की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा एक तरफ संसद में 3 केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय खोलने के लिए विधेयक लाया गया है दूसरी ओर राज्य सरकार का संस्कृत के प्रति रवैया इस सरकार का दोगलापन दर्शाता है। वर्ष 2015 से शुरू हुई नियुक्ति प्रक्रिया का परीक्षा परिणाम1 जनवरी 2019 को घोषित किया गया जिसमें 523 विद्या अभ्यार्थी चयनित किए गए लेकिन अभी तक उन्हें ज्वाइन नहीं करवाया गया। आपको बता दें इन 523 चयनित अभ्यर्थियों में 400 महिला पीजीटी है जिन्हें अपने अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जोकि सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को मुंह चढ़ा रहा है।

आज हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम स्वंय संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को संक्रमित होने से बचाएंगे: प्रधान मंत्री मोदी

उन्होंने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील करते हुए जनता कर्फ्यू की मांग की है। उन्होने याद दिलाया कि जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ था, जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे, जितने आज कोरोना की बीमारी से हैं। निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतत रहना बहुत आवश्यक है। अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में हर किसी की चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है।

पीएम मोदी का पूरा भाषण

प्यारे देशवासियो,

पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है। आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ राज्यों या देशों तक सीमित रहता है। लेकिन इस बार यह संकट ऐसा है, जिसने विश्वभर में पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ था, जब द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था तब भी इतने देश युद्ध से प्रभावित नहीं हुए थे, जितने आज कोरोना की बीमारी से हैं।

पिछले 2 महीने से हम निरंतर दुनियाभर से आ रहे कोरोना वायरस से जुड़ीं चिंताजनक खबरें देख रहे हैं, सुन रहे हैं। इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया। सभी ने सावधानियां बरतने का भरसक प्रयास भी किया है। लेकिन बीते कुछ दिनों से ऐसा लग रहा है, माहौल बन रहा है कि हम संकट से बचे रहेंगे। निश्चिंत हो जाने की यह सोच सही नहीं है। इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना, सतत रहना बहुत आवश्यक है।

आपसे मैंने जब भी और जो भी मांगा है, देशवासियों ने निराश नहीं किया है। ये आपके आशीर्वाद की कीमत है कि हम सभी मिलकर अपने निर्धारित लक्ष्यों की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। आज हम 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आए हैं। मुझे आपसे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए, आने वाला कुछ समय चाहिए।

अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में हर किसी की चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है। दुनिया के जिन देशों में कोरोना का वायरस और उसका प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है, वहां अध्य्यन में एक और बात सामने आई है। इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक जैसे बीमारी का विस्फोट हुआ है। इन देशों में संक्रमितों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। भारत सरकार इस वैश्विक महामारी के फैलाव के ट्रैक रेकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखी हुई है। हालांकि, कुछ देश ऐसे भी हैं, जिन्होंने जरूरी फैसले भी किए और अपने लोगों को ज्यादा से ज्यादा आइसोलेट करके स्थिति को संभाला है।

भारत जैसे 130 करोड़ की आबादी वाले देश, वह देश जो विकास के लिए प्रत्यनशील है, उस पर कोरोना का यह संकट सामान्य बात नहीं है। आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम इस वैश्विक महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, यह मानना गलत है। इसलिए इसका मुकाबला करने के लिए 2 बातें बहुत महत्वपूर्ण हैं। पहला संकल्प और दूसरा संयम।

आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम नागरिक के तौर पर अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे। केंद्र और राज्य सरकारों के दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालने करेंगे। हमें संकल्प लेना होगा कि हम खुद संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को संक्रमित होने से बचाएंगे। हम स्वस्था तो जगत स्वस्थ। ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। इस बीमारी से बचने के लिए दूसरी अनिवार्यता है- संयम। संयम का तरीका क्या है- भीड़ से बचना, सोशल डिस्टेंसिंग। यह बहुत ही ज्यादा आवश्यक और कारगर है। हमारा संकल्प और संयम इस वैश्विक महामारी के प्रभाव को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है।

इसलिए अगर आपको लगता है कि आप ठीक हैं, आपको कुछ नहीं होगा तो आप ऐसे ही मार्केट में घूमते रहेंगे और कोरोना से बचे रहेंगे तो यह सोच नहीं है। ऐसा करके आप अपने साथ और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे। इसलिए मेरा सभी देशवासियों से आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। जितना संभव हो सके, आप अपना काम हो सके तो अपने घर से ही करें। जो सरकारी सेवाओं में हैं, अस्पताल से जुड़े हैं, जनप्रतिनिधि हैं, मीडिया से जुड़े हैं, इनकी सक्रियता तो जरूरी है लेकिन बाकी बचे लोगों को खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए। हमारे परिवार में जो भी 60-65 साल से ज्यादा उम्र के लोग हों, वे आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें। मैं इसे दोहरा रहा हूं।

हो सकता है कि वर्तमान पीढ़ी कुछ पुरानी बातों से परिचित नहीं होगी। जब हम छोटे थे और जब युद्ध जैसी स्थिति होती थी तो गांव-गांव ब्लैकआउट कर दिया जाता था। शीशे पर भी कागज लगा दिया जाता था। लाइट बंद रखी जाती थी। रोज रात भर चौकी किया करते थे। युद्ध न हो तो भी साल में एक दो बार तो इसका ड्रिल भी करता था प्रशासन। इसलिए मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं। यह है जनता कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू। इस रविवार यानी 2 दिन के बाद 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है। इस जनता कर्फ्यू के दरम्यान कोई भी नागरिक घरों से बाहर मत निकले, न सड़क पर जाए, न मोहल्ला में जमा हो। हां, जो आवश्यक कार्यों से जुड़े हुए हैं, उन्हें तो बाहर निकलना ही पड़ेगा। लेकिन एक नागरिक के नाते न हम जाएं और न हम देखने के लिए जाएं। 22 मार्च को हमारा यह प्रयास, हमारा आत्मसंयम देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक मजबूत प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की सफलता, उसका अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करेगी। सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वे जनता कर्फ्यू का पालन कराने का नेतृत्व करें।

कोरोना वाइरस: सरकार ने लिए कुछ बड़े फैसले

‘इन्क्यूबेशन पीरियड और कोरोना महामारी’ की गम्भीरता को समझिए: साहसी बनिए पर सिर्फ़ हम ही बुद्धिमान है ऐसा समझने की गलती मत कीजिए, WHO, अमेरिका, यूरोप, प्रधानमन्त्री कार्यालय, IIM, IIT अन्य सभी को बेवकूफ़ मत समझिए जो स्कूल, कॉलेज, मॉल बन्द करवा रहे है।

नई दिल्ली: 

कोरोना वायरस पर भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. 22 मार्च से विदेशी विमानों के भारत आने पर रोक लगा दी गई है. यानी 22 मार्च से कोई इंटरनेशनल फ्लाइट भारत में लैंड नहीं करेगी. यहां से कोई फ्लाइट बाहर जा नहीं सकती. इसके अलावा, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को घरों के भीतर ही रहने के लिए राज्य सरकारें एडवाइजरी जारी करेंगी. दस वर्ष से कम उम्र के बच्चों को घर से बाहर न जाने की सलाह दी गई है. 

पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, रेलवे और नागरिक उड्डयन द्वारा छात्र, दिव्यांग और रोगी श्रेणी के यात्रियों को छोड़कर सभी छूट प्राप्त यात्राओं को निलंबित कर दिया गया है. सभी राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया है कि वे निजी क्षेत्र को कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देना सुनिश्चित करें.

आधे केंद्रीय कर्मचारियों को घर से ही काम करना होगा. इस मामले में सरकार ने निर्णय लिया है कि बी और सी ग्रुप के सभी केंद्रीय कर्मचारी वैकल्पिक रूप से ऑफिस आएं. रेलवे में करीब 200 ट्रेनें रद्द, रेल टिकट पर मिलने वाले ज्यादातर कन्सेशन या रियायत बंद कर दी गई है. एयर ट्रेवल पर मिलने वाले रियायत बंद कर दी गई है.

सरकार ने लिए कुछ अन्य बड़े फैसले

यूरोपीय यूनियन समेत दुनिया के जिन भी देशों में भारतीय गए हैं और कोरोना के चलते वहां ठहरने पर मजबूर हैं वह बेफिक्र रहें, भारत सरकार उनका वीजा बढ़ाने के लिए अनुरोध कर रही है. विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि हम यूरोपीय यूनियन समेत तमाम देशों के नागरिकों को यही सहूलियत दे रहे हैं, उनसे भी हम उम्मीद करते हैं कि वह भी वीजा खत्म होने के बावजूद यदि लोग रह गए हैं तो उनका वीजा बढ़ाएंगे. कोरोना के चलते आप विदेशों में फंसे हैं और आपका वीजा एक्सपायर हो गया है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं. भारत सरकार उसके लिए तमाम देशों से अनुरोध कर रही है. 

मध्य प्रदेश सियासी संकट : सर्वोच्च न्यायालय का आदेश, कल यानि 20 मार्च को ही होगा शक्ति परीक्षण

कोर्ट ने कहा है कि कल शाम 5 बजे तक विधानसभा में बहुमत परीक्षण होना चाहिए. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि बाहर गए 16 विधायकों पर सदन में आने का कोई दवाब नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट पर बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि मध्यप्रदेश में कल यानि 20 मार्च को विधानसभा में बहुमत परीक्षण होगा. कोर्ट का आदेश है कि उसी दिन फ्लोर टेस्ट हो हाथ उठा कर मतदान हो और उसकी वीडियोग्राफी भी हो. कोर्ट ने कहा कि 16 विधायक अगर बहुमत परीक्षण में आना चाहते है तो कर्नाटक DGP और मध्यप्रदेश DGP सुरक्षा मुहैया कराए.

नई दिल्ली. 

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को ही फ्लोर टेस्ट करवाया जाए.  इससे पहले लगातार कांग्रेस की तरफ से वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी फ्लोर टेस्ट न करवाने की मांग कर रहे थे.

वीडियो रिकॉर्डिंग होगी

सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान आदेश दिया कि सदन में हाथ उठाकर वोटिंग होगी और इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी. फ्लोर टेस्ट शाम पांच बजे से पहले पूरा करना होगा.

बागी विधायक सदन आना चाहें तो सुरक्षा दें

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि यदि बागी विधायकों को सदन में आने में किसी भी तरह का खतरा या डर है तो मध्यप्रदेश और कर्नाटक के डीजीपी उन्हें सुरक्षा प्रदान करवाएं और यह सुनिश्चित करें कि उन्हें किसी भी प्रकार का कोई खतरा न हो.

कांग्रेस लगातार कर रही थी फ्लोर टेस्ट का विरोध

इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर की ओर से पक्ष रख रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि विधायकों के इस्तीफे पर फैसला करना स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में है. उन्होंने इस दौरान दलील दी कि बीजेपी की याचिका उनके अधिकार क्षेत्र में दखल है. इसके साथ ही सीएम कमलनाथ का पक्ष रख रहे वकील कपिल ‌सिब्बल ने कहा कि किस तरह की राजनीति है कि हम उनके (कांग्रेस विधायकों के) पास नहीं जा सकते, ना उनसे मिल सकते हैं. सिब्बल ने कहा कि   दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भर रहे हैं. यह केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है और उन्होंने वहां से उड़ान भरने की अनुमति दी है. कोई भी उनसे मिलने में सक्षम नहीं है. क्या यह स्वतंत्र शख्स की परिभाषा है?

क्यों विधायकों को नहीं आने दिया

कपिल सिब्बल ने कोर्ट में सवाल किया कि क्या राज्यपाल अपनी शक्ति का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए कर सकते हैं क्योंकि विपक्षी दल का कहना है कि हमारे साथ सत्तारूढ़ दल का सदस्य है, इसलिए सरकार बहुमत खो चुकी है! सिब्बल का तर्क है कि यदि बागी विधायक स्वतंत्र है, तो उन्हें विधानसभा में आने और मौजूदा सरकार (कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस के खिलाफ) वोट देने से क्या रोक रहा है? सिब्बल ने कहा कि जैसा बीजेपी और बागी विधायक चाहते हैं, उस तरह अगर वह कानून की व्याख्या करे तो वह संवैधानिक ढांचे को ध्वस्त करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. लंच के बाद सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह एक अनूठा मामला है जहां पहली बार एक राज्यपाल एक फ्लोर टेस्ट के लिए कह रहा है; किसी भी पक्ष ने अब तक बहुमत का दावा नहीं किया.

डील डील- शेम शेम ए नारों के बीच पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राज्य सभा सांसद की शपथ ली

भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के शपथ के दौरान विपक्ष ने ‘डील’ चिल्ला कर नारेबाजी की और सदन से वॉक आउट कर गए। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां जस्टिस गोगोई के मनोनयन को न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर हमला बता रहीं हैं।

नई दिल्ली: 

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आज संसद में राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ले ली। विपक्षी सदस्यों के शोर शराबे के बीच भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। हालांकि, इसके बाद विपक्षी दलों के सांसदों ने सदन से वॉक आउट किया। पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पत्नी के साथ राज्यसभा सासंद सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए संसद भवन पहुंचे थे। शपथ लेने से पहले रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य के तौर पर नोमिनेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मधु पूर्णिमा किश्वर ने याचिका लगाकर चुनौती दी थी। मधु किश्वर ने बिना किसी कानूनी प्रतिनिधि के इस बिना पर यह याचिका दायर कि है कि संविधान का मूल आधार ‘ज्यूडिशयरी की स्वतंत्रता’ है और इसे लोकतंत्र का स्तंभ माना गया है।

दरअसल, उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने पर गोगोई जैसे ही शपथ लेने निर्धारित स्थान पर पहुंचे, वैसे ही विपक्षी सदस्यों ने शोर शराबा शुरू कर दिया। इस पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसा व्यवहार सदस्यों की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। इसके बाद गोगोई ने सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने सदन का वॉक आउट भी किया। गौरतलब है कि पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को हाल ही में राष्ट्रपति ने राज्यसभा के सदस्य के रूप में मनोनित किया था । 

दूसरी तरफ जस्टिस रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई है. समाजसेवी मधु किश्वर ने एक याचिका दाखिल करके गुहार लगाई है. किश्वर की याचिका में रिटायरमेंट के बाद जजों के किसी पद को स्वीकार करने, कूलिंग ऑफ पीरियड तय करने को लेकर गाइडलाइन तय करने की भी मांग की गई है.

रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य के तौर पर नोमिनेशन के खिलाफ याचिका में कहा गया है कि देश के नागरिकों का विश्वास ज्यूडिशियरी की मजबूती है। ऐसे में कोई भी ऐसा कार्य जिससे ज्यूडिशियरी की स्वतंत्रता पर विपरीत असर पड़ता हो, जैसा कि मौजूदा हाल में है जब पूर्व चीफ जस्टिस को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया गया है, यह ज्यूडिशियरी की स्वतंत्रता पर आघात है। 

इससे पूर्व मंगलवार को पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को राज्यसभा में नामित करने के फैसले पर उनके पूर्व सहयोगी जस्टिस ने ही सवाल उठाए थे. इन सवालों के पीछे उनके अयोध्या और राफेल मामलों पर सुनाए गए फैसले हैं. आपको बता दें कि रंजन गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल रहे हैं जिन्होंने उस समय के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके पर पक्षपात के आरोप लगाए थे. इसके बाद रंजन गोगोई एक तरह से नायक बनकर सामने आए क्योंकि माना जा रहा था कि इसके बाद वह देश का प्रधान न्यायाधीश बनने का मौका खो सकते हैं. इन चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस एक तरह से मोदी सरकार को भी लपेट रही थी और यह पीएम मोदी के आलोचकों के लिए एक तरह से हथियार साबित हुई।

जस्ट‍िस गोगोई के राज्यसभा में नामित होने के लेकर उनके पूर्व सहयोगियों ने भी सवाल उठाए. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा है कि भारत के एक पूर्व मुख्य न्यायाधीश द्वारा राज्यसभा के सदस्य के रूप में नामांकन की स्वीकृति ने निश्चित रूप से न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आम आदमी के विश्वास को हिला दिया है. जस्टिस गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर नेक सिद्धांतों से समझौता किया है. 

जन गोगोई को नामित किए जाने के बाद कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, कपिल सिब्बल और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए तो पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने उम्मीद जताई थी कि गोगोई इस प्रस्ताव को ठुकरा देंगे। हालांकि, रंजन गोगोई मीडिया से बातचीत में पहले ही कह चुके हैं कि राष्ट्रपति के प्रस्ताव को उन्होंने स्वीकार कर लिया है।

पूर्व जज जस्टिस रंजन गोगोई के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले जस्टिस कुरियन जोसेफ़ ने उनको राज्यसभा भेजे जाने पर एतराज़ किया है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर आम आदमी के भरोसे को हिला दिया है. जस्टिस गोगोई ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता से समझौता किया है. हमने जस्टिस गोगोई के साथ बताया था कि न्यायपालिका ख़तरे में है इसलिए मैंने रिटायरमेंट के बाद कोई पद न लेने का फ़ैसला किया.