क्या फ्लोर टेस्ट से पहले इस्तीफा दे सकते हैं कमल नाथ?
सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां सरकार बचा ले जाने का दावा कर रही है, वहीं मुख्य विपक्षी बीजेपी लगातार कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आने पर जोर दे रही है. मध्य प्रदेश में आज शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट होना है.
भोपाल:
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज शाम पांच बजे तक मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना है. इस कड़ी में दोपहर दो बजे से विधानसभा का कामकाज शुरू होगा लेकिन सूत्रों का कहना है कि उससे पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ इस्तीफा दे सकते हैं. दरअसल संख्याबल के खेल में कांग्रेस पिछड़ रही है. ऐसे में कहा जा रहा है कि उससे पहले वह इस्तीफा दे सकते हैं. आज दोपहर 12 बजे प्रेस कांफ्रेंस भी बुलाई गई है. उसके बाद इन कयासों को बल मिला है.
इससे पहले गुरुवार की रात को मप्र विधानसभा के स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे भी मंजूर कर लिए. स्पीकर ने 6 मंत्रियों के इस्तीफे पहले ही मंजूर कर लिए थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया की कांग्रेस से बगावत करने और भाजपा में शामिल होने के बाद 22 विधायकों ने कमलनाथ सरकार का साथ छोड़ दिया था. इनमें से 19 विधायक बेंगलुरु में ठहरे हैं.
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद जानिए क्या है विधानसभा का गणित…
असेंबली की स्थिति
मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या है- 230
इनमें से 2 विधायकों के आकस्मिक निधन से संख्या है- 228
कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद संख्या है- 206
इस तरह विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा बैठता है- 104
मौजूदा आंकड़े
भाजपा – 107 विधायक, बहुमत के आंकड़े से 3 ज्यादा.
कांग्रेस – 92 विधायक, 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद.
सपा, बसपा, निर्दलीय- 07 विधायक (सपा- 2, बसपा-1, निर्दलीय- 4).
यानी अगर कांग्रेस+ भी मानें तो आंकड़ा पहुंचता है 99, बहुमत के आंकड़े से 5 कम.
बीते 2 मार्च को शुरू हुआ था सियासी ड्रामा
मध्य प्रदेश में बीते 2 मार्च से कमलनाथ सरकार पर संकट के बादल छाए थे. सबसे पहले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने 2 मार्च को ट्वीट कर भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया था. इसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा नेताओं शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा और अरविंद भदौरिया पर कमलनाथ सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था. लेकिन असली खेल तब शुरू हुआ था, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च को कांग्रेस पार्टी से बगावत कर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया. 11 मार्च को सिंधिया ने भाजपा का दामन थामा और उनके नक्शे कदम पर चलते हुए कांग्रेस में इस्तीफे का दौर शुरू हो गया.
इसके बाद से ही मध्य प्रदेश के राजनीति ड्रामे का भोपाल में राजभवन, विधानसभा, मुख्यमंत्री आवास के साथ दिल्ली में भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर मंचन होता रहा. आखिरी में सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंचने के बाद मध्य प्रदेश के सियासी नाटक का क्लाइमैक्स लिखा गया. अब फ्लोर टेस्ट में कमलनाथ सरकार बहुमत साबित कर पाए इसकी उम्मीद बहुत कम है. हालांकि सदन में उपस्थित रहने के लिए कांग्रेस और भाजपा ने अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है.