Tuesday, February 4

नई दिल्ली:

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बेबुनियाद आरोप लगाने के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. ये एफआईआर एक अधिवक्ता ने दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-20 कोतवाली में बीती देर रात (शनिवार-रविवार) को दर्ज कराई. 

एफआईआर दर्ज कराए जाने की पुष्टि रविवार सुबह खुद शिकायतकर्ता सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत उमराव ने की. प्रशांत उमराव मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और फिलहाल पूर्वी दिल्ली जिले के कड़कड़ूमा इलाके में रहते हैं. उन्होंने अलग-अलग धाराओं के तहत शिकायत दर्ज कराई है.

https://twitter.com/ippatel/status/1244096834974265351

तड़के करीब ढ़ाई बजे नोएडा कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज करवाने वाले शिकायतकर्ता वकील प्रशांत उमराव के मुताबिक, धारा 505 (2) गैर-जमानती है. इसमें 3 साल तक की सजा का प्रावधान है. जबकि धारा 500 मानहानि की है. यह जमानती तो है, मगर अगर अपराध सिद्ध हो गया तो इसमें भी दो साल की कैद का प्रावधान है, जबकि आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत तीन साल की सजा हो सकती है.

शिकायतकर्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राजेंद्र नगर (दिल्ली) विधानसभा सीट से हाल ही में विधायक निर्वाचित हुए राघव चड्ढा पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. राघव ने रविवार को रात के वक्त अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट डाली थी, जिसमें उन्होंने सीधे-सीधे यूपी के मुख्यमंत्री योगी​ आदित्यनाथ का नाम लेकर उनकी मानहानि की कोशिश की थी.

https://twitter.com/VISHUU101/status/1244132782084931584

बता दें कि आम आदमी पार्टी के विधायक ने अपने ट्विटर हैंडल पर आरोप लगाया था कि, योगी दिल्ली से वापस लौट रहे लोगों से कह रहे हैं कि वे दिल्ली गए ही क्यों थे? योगी दिल्ली से वापस हो रहे लोगों को दौड़ा दौड़ाकर पिटवा रहे हैं. शिकायतकर्ता ने राघव चड्ढा की इस भड़काऊ और यूपी सीएम की छवि खराब करने वाली पोस्ट का स्क्रीनशॉट ले लिया और इसी के आधार पर एफआईआर दर्ज कराई है.

वहीं राघव चड्ढा ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है. शिकायतकर्ता प्रशांत उमराव ने कहा कि  एफआईआर दर्ज कराने से पहले मैंने अपनी शिकायत उत्तर प्रदेश पुलिस और राज्य पुलिस महानिदेशक को भी ट्विटर के जरिये भेजी थी. साथ ही शनिवार-रविवार देर रात अपनी शिकायत गौतमबुद्ध नगर जिले के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह को भी मेल पर भेज दी. मैंने जो शिकायत मेल की थी, उसी के आधार पर नोएडा पुलिस आयुक्त ने यह एफआईआर दर्ज की है.