स्कूल बंद, बच्चे घरों में, वह क्या खाएँगे ‘मध्याह्न भोजन’ को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित
चलिये आज सर्वोच्च/उच्च न्यायालय की बात करते हैं। शाहीन बाग ने दिल्ली को तरीबन 2 महीने बंधक बना कर रखा फिर दंगे भड़के और जब दंगाइयों के पोस्टर लगे तो 2 दिन में ही न्यायालय स्वत: संगयान ले कर निजीता का हवाला दे कर दंगाइयों को कवच प्रदान करता है। आज जब कोरोना वाइरस के प्रकोप से सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं बच्चे/ विद्यार्थी अपने अपने घरों में हैं तो सर्वोच्च न्यायालय सरकारों को नोटिस भेज आर बंद स्कूलों में मध्याह्न भोजन के वितरण के बाबत चिंतित है, स्कूल बंद होने से बच्चे क्या खाएँगे?
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस के चलते स्कूल बंद होने और बच्चों को मिड-डे मील न मिल पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध नहीं होने का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि स्कूल बंद किए जाने पर बच्चों को मिड डे मील यानी मध्याहन भोजन कैसे उपलब्ध कराया जा रहा है? कोरोना वायरस के चलते देश के कई राज्यों में स्कूल (school) कॉलेज (College) बंद कर दिए गए हैं. दिल्ली में सभी स्कूल और कॉलेज, सभी सिनेमाहॉल 31 मार्च तक बंद रहेंगी.
पंजाब में एहतियातन सभी सरकारी और निजी स्कूल 31 मार्च तक बंद रहेंगे. सिर्फ वे स्कूल खुले रहेंगे, जहां परीक्षाएं चल रही हैं. मध्य प्रदेश में स्कूलों और कॉलेजों में अगले आदेश तक अवकाश घोषित किया गया है.
उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल, कॉलेजों को 22 मार्च तक के लिए बंद करने के निर्देश जारी किए गए है. बिहार में स्कूल-कॉलेज 31 मार्च तक बंद कर दिए गए हैं. उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के 12वीं कक्षा तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को 31 मार्च तक बंद रखने का निर्णय लिया है. इस दौरान केवल बोर्ड परीक्षाएं जारी रहेंगी. इसके अलावा सभी स्कूल बंद रहेंगे.
कोरोनावायरस से संक्रमण की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ के सभी शिक्षण संस्थानों को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है. 10वीं तथा 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं यथावत पूर्व निर्धारित समय-सारिणी के अनुसार सम्पन्न होगी.
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