पुलिस ने सील बंद किए ताहिर के घर और फैक्ट्री, पर आआपा का रवैया विरोधाभास वाला

संजय सिंह, खुद केजरीवाल ताहिर हुसैन को लेकर कोई भी बयान दें, कि यदि वह दोषी है तो उसे दंड दो, आआपा का है तो दोगुना दंड दो परंतु इन लोगो की कथनी और करनी में बहुत विरोधाभास है। पूछे जाने पर अरविंद केजरीवाल पत्रकारों पर तंज़ कसने लगे और यह बताना नहीं भूले की पुलिस का महकमा सीधे केंद्र के आधीन है यह सवाल तो अमित शाह से पूछा जाना चाहिए। फिर यह पूछे जाने पर कि आआपा इस बारे में क्या अनुशासनात्मक/दंडात्मक कार्य प्रणाली अपनाएगी, क्या ताहिर हुसैन को जांच तक पार्षद होने से या पार्टी की सदस्यता से निलंबित किया जाएगा या नहीं। इस पर केरीवाल भड़क गए और पत्रकारों पर बिफर गए कि सवाल करने से इंसाफ नहीं मिलेगा। यह काम कानून व्यवस्था का है पुलिस का है। कोई इन्हे याद दिलाये की कन्हैया कुमार की फ़ाइल भी इनके किसी दफ्तर की दराज में खो गयी है साथ ही इनके कुचक्रों के चलते निर्भया के बलात्कारियों और कातिलों की फांसी टलती जा रही है। भरोसा करवाने लायक कोई काम तो हुआ हो।

नई दिल्ली: 

उत्तर पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की गई है. यह एसआईटी दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के तहत काम करेगी. दंगों से जुड़ी सभी एफआईआर को एसआईटी के पास ट्रांसफर किया गया है. बता दें कि दिल्ली पुलिस ने उत्तर पूर्वी जिले में हुए दंगों को लेकर 48 मामले दर्ज किये है. अब ये सारे मामलों की जांच क्राइम ब्रांच यूनिट में बनी SIT करेगी. ताजा हिंसा का कोई मामला सामने नहीं आया और इलाके में शांति बनी हुई है.

इसके अलावा इस हिंसा में आरोपों से घिरे आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद ताहिर हुसैन पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. आज दिल्ली पुलिस की टीम ने खजूरी खास इलाके में ताहिर हुसैन की फैक्ट्री को सील कर दिया. ताहिर हुसैन के घर की छत से दंगाइयों ने पेट्रोल बम, पत्थर फेंके थे और गोलियां चलाई थी.

दरअसल जो ताहिर हुसैन के घर की तस्वीरें सामने आई हैं. उनमें AAP के पार्षद ताहिर हुसैन के घर की छत पर पेट्रोल बम का जखीरा मिला है. इसके अलावा पत्थर से भरे बोरे, गुलेल, ईंटे, केमिकल, एसिड वाली थैलियां और भी हमला करने के हथियार भी बरामद हुए हैं. इसके अलावा अब तक उनके घर की छत से हमला करने के पेट्रोल बम फेंकने के कई वीडियोज़ सामने आ चुके हैं और तो और जिन आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की बेहरमी से हत्या की गई है उनका परिवार भी ताहिर हुसैन और उनसे जुड़े लोगों पर ही आरोप लगा रहा है.

यह भी पढ़ें : ताहिर हुसैन के घर की छत पर मिले पत्थरों के कट्टे और पेट्रोल बमों का जखीरा, ताहिर ने बताया साजिश

हालांकि ताहिर हुसैन का भी पक्ष सामने आया है उनका कहना है कि वो तो खुद दंगे के पीड़ित है जो जान बचाकर कैसे भी वहां से निकले. संजय सिंह भी कह रहे हैं ताहिर तो खुद अपनी जान  बचाकर निकला है. सच क्या है ये तो जांच का विषय है लेकिन इन दंगों का खौफनाक पहलू ये है कि इसमें अब तक 38 लोगों की जान जा चुकी है.

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