Monday, February 3

दिल्ली हिंसा का असर दिखने लगा है, अब दिल्ली में भी काश्मीर जैसे हालात बन गए हैं। एक समुदाय विशेष के शांति दूतों द्वारा 80 पीड़ित परिवारों ने रात को पुलिस थाणे में शरण ली और अब वही 80 परिवार अपने रिशतेदारों के यहाँ शरण लेने को मजबूर हैं। दिल्ली के कई इलाकों के हाल अब काश्मीर से होते जान पड़ते हैं। लोग अपने पुरखों के मकान/जायदाद मात्र जान और इज्ज़त बचाने के लिए छोड़ कर जा रहे हैं। मस्जिदों से हिंदुओं को दिल्ली छोड़ कर जाने के फरमान की बातें सुनने में आ रहीं हैं।

नई दिल्ली.

 दिल्ली के गोकुलपुरी में सोमवार और मंगलवार की रात इलाके में रह रहे कई परिवारों के लिए तांडव की रात लेकर आया. गोकलपुरी इलाके के गंगा नगर मोहल्ले में रह रहे 80 परिवार 35 सालों से अपने घरों में रह रहे थे. लेकिन दिल्ली के इस इलाके में हिंसा भड़कने के बाद कुछ असमाजिक तत्वों ने इनके घरों पर हमला कर दिया, लेकिन पुलिस के सही समय पहुंचने पर इन लोगों की जान बची. बाद में पुलिस इस मोहल्ले से सभी 80 परिवार को सुरक्षित निकालकर दयालपुर थाने ले गई.

इन्हीं परिवार में से बचाकर दयालपुर थाने लाए गए एक शख्स का कहना है कि हम लोग सभी गोकुलपुरी के गंगा नगर में पिछले 35 सालों से रह रहे हैं. कभी कोई दिक्कत नही हुई, लेकिन सोमवार और मंगलवार को जैसे ही मौजपुर और बाबरपुर इलाकों में दंगा भड़की, अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. इसके नतीजे में दूसरे लोगों ने हमारे घरों पर हमला कर दिया. किसी तरह हम लोग अपने अपने घरों में कैद हो गए. पुलिस को फोन कर सहायता मांगी. इन लोगों का कहना है कि अगर पुलिस समय पर नहीं पहुंचती तो हम लोग आज जिंदा नहीं बचते.

पुलिस ने मंगलवार की रात लगभग 100 लोगों को थाने में शरण दी थी, जो बुधवार को मेट्रो के शुरू होते ही अपने अपने सगे सबंधी के घर चले गए. ऐसे ही एक परिवार को गाजियाबाद से ले जाने आए एक अन्य शख्स कहते हैं कि मुझे मेरे भाई ने मंगलवार सुबह ही माहौल ठीक न होने की बात कही थी, लेकिन हालत ठीक नहीं होने की वजह से नहीं आ पाया. वह कहते हैं कि शुक्रिया पुलिस का जिन्होंने मेरे परिवार की जान बचाई.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “इन परिवार में से अधिकतर कल शाम को ही अपने अपने करीबी के घर चले गए. जो रहना चाहते थे उनके लिये खाने पीने की व्यवस्था की गई. अब धीरे धीरे स्थिति ठीक हो रही है. पुलिस हर जगह है. इसलिए जो जाना चाहते हैं, धीरे-धीरे कर अपने रिश्तेदारों के घर जा रहे हैं.”

इस बीच कल देर रात से दिल्ली के इन हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस और अर्ध सैनिक बलों का फ्लैग मार्च जारी है. खुद पुलिस के आला अधिकारी सड़कों पर पेट्रोलिंग करते दिख रहे हैं.