उद्धव का NPR लागू करने का बयान क्या जुमला ही रह जाएगा?
महाराष्ट्र में NPR लागू होगा कह कर उद्धव ठाकरे फंस गए लगता है. कांग्रेस आवर एनसीपी कि बैसाखियों पर टिकी उद्धव ठाकरे कि सरकार कि दुविधा है कि जब तक कांग्रेस आलाकमान कि मंजूरी नहीं मिल जाती तब तक उद्धव का हर बयान जुमला ही रहेगा. वैसे भी भीमा कोरेगांव कि जांच को लेकर एनसीपी उनसे नाराज़ है आवर अब वह NPR लागू करवा कर कांग्रेस कि नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेंगे. उद्धव ने सिर्फ बयान दिया था कोई अधिसूचना जारी नहीं कि थी जो शायद अब हो भी न.
उद्धव ठाकरे का कहना है कि एनपीआर अगर आमतौर पर हर दस साल में हो तो यह जनगणना जैसा ही है. इसे प्रदेश में लागू करने में हर्ज नहीं है. हालांकि एनपीआर के संबंध में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की है. वहीं मुंबई स्थित केंद्रीय जनगणना कार्यालय एनपीआर लागू करने की पूरी तैयारी कर चुका है. इस मामले में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि हमारी पार्टी संसद और संसद के बाहर सीएए का विरोध कर चुकी है और हमारी भूमिका कायम है.
चंडीगढ़:
महाराष्ट्र में राष्ट्रीय जनसंख्या सूची यानी एनपीआर (NPR) लागू करने की सरकारी अमले की तैयारियों पर ब्रेक लग सकता है. इसको लेकर महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में सहयोगी दलों के बीच तनातनी बढ़ने के बाद मामला ठंडे बस्ते में जाता नजर आ रहा है.
एनपीआर लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार मुश्किल में फंस गई है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार द्वारा सीएए और एनपीआर पर विरोध जताने के बाद अब प्रदेश सरकार NPR लागू करने को लेकर दुविधा में है, कि आखिर वो क्या करे. सीएम उद्धव ठाकरे एनपीआर और सीएए के हक में हैं. लेकिन गठबंधन वाली राज्य सरकार इसे लागू करने पर आखिरी फैसला अभी तक नहीं ले पाई है.
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 1 मई से 15 जून तक सूचनाएं इकट्ठा करने की अधिसूचना जारी की है और महाराष्ट्र के सरकारी अफसरों ने सूबे में इसकी तैयारी भी कर ली है. हालांकि सीएम उद्धव ठाकरे की हरी झंडी मिलनी अभी बाकी है.
इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के मंत्री असलम शेख का कहना है कि महाराष्ट्र में एनपीआर लागू नहीं होगा. कांग्रेस का कहना है कि एनपीआर के प्रावधानों पर उसका विरोध है और इस संबंध में उसके सभी मंत्री ठाकरे सरकार से बात करेंगे और इसे लागू नहीं होने देंगे. अब इस मामले में गठबंधन सरकार में तनातनी मच गई है.
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उद्धव ठाकरे का कहना है कि एनपीआर अगर आमतौर पर हर दस साल में हो तो यह जनगणना जैसा ही है. इसे प्रदेश में लागू करने में हर्ज नहीं है. हालांकि एनपीआर के संबंध में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने अभी तक अधिसूचना जारी नहीं की है. वहीं मुंबई स्थित केंद्रीय जनगणना कार्यालय एनपीआर लागू करने की पूरी तैयारी कर चुका है. इस मामले में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि हमारी पार्टी संसद और संसद के बाहर सीएए का विरोध कर चुकी है और हमारी भूमिका कायम है.
बता दें कि सूबे में एनपीआर लागू करने की तैयारी में मुंबई में प्रधान जनगणना अधिकारी के कार्यालय में बीती 6 फरवरी को एक उच्च स्तरीय बैठक हुई, जिसमें प्रदेश भर के सभी जिलों के कलेक्टर भी शामिल हुए थे.
महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की प्रधान सचिव और केंद्र व राज्य कार्यालय की समन्वयक वल्सा नायर और जनगणना कार्यवाही संचालनालय की संचालक रश्मि झगडे भी इस बैठक में मौजूद रहीं. अफसरों के मुताबिक सरकारी कर्मचारी और अफसर घर-घर जाकर पहली मई से 15 जून के बीच एनपीआर के लिए जानकारी इकट्ठा करेंगे. और अगले साल 9 फरवरी से 28 फरवरी के बीच देशभर में जनगणना होनी है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत रजिस्ट्रार जनरल ऐंड सेंसस कमिश्नर ने देशभर में अप्रैल से सितंबर तक जनसंख्या सूची को अपडेट करने के लिए एनपीआर लागू करने का निर्णय लिया है. इसके लिए केंद्र सरकार ने 7 जनवरी को अधिसूचना जारी की थी. वहीं अब महाराष्ट्र बीजेपी के नेता राम कदम का कहना है कि अगर ठाकरे सीएए और एनपीआर के खिलाफ नहीं है तो इसे लागू करें और यू टर्न ना लें.
वहीं एनपीआर लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के बड़े नेताओं ने सीधा बयान नहीं जारी किया है. लेकिन कांग्रेस और एनसीपी के मंत्रियों द्वारा पूछे जाने पर उनसे ये कहा गया है कि एनपीआर लागू करने को लेकर अभी फैसला नहीं किया है. अब इस मुद्दे पर सहयोगी दल ठाकरे सरकार ने नाराज दिख रहे हैं.
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इससे पहले पुणे के भीमाकोरेगांव मामले की जांच केंद्र की जांच एजेंसी एनआईए को सौंपने के सीएम उद्धव ठाकरे के फैसले पर शरद पवार नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. अब एनपीआर पर भी ठाकरे सरकार मुश्किल में है.
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