आआपा की जीत के साथ भाजपा ने खोया एक और राज्य
हार हार होती है, हार को स्वीकार करना आपकी मजबूरी है आपकी रणनीति का आपकी क्षमताओं की विफलता का लौह स्तंभ है उसे आप कैसे भी शब्दों का मुल्ल्म्मा चढ़ा लें दिल्ली से भाजपा आने वाले 5 सालों के लिए बाहर है। जिस मक़ाम के लिए भाजपा पिछले 22 सालों से प्रयासरत है उसे आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार जीती, अरविंद केरिवल तीसरी बार लगातार मुख्यमन्त्री बने लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी की रणनीति वही थी देश के बांटने वालों का, टुकड़े – टुकड़े गैंग का रक्षण और शाहीन बाग का प्रायोजित कार्यक्रम। जिसे दिल्ली का उप मुख्यमंत्री खुद कहता है की वह शाहीन बाग में बैठे लोगों का समर्थन करता है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के कारणों का विश्लेषण हो रहा है मीडिया का 1 वर्ग दावा कर रहा है कि केजरीवाल को उसके कामों की कारण सफलता मिली है लेकिन सच्चाई यह है कि केजरीवाल की सांप्रदायिक राजनीति की जीत है। ऐसा कहने के पीछे कुछ ठोस कारण भी हैं। दरअसल पिछले 5 साल में केजरीवाल ने जो राजनीति की उसमें हिंदुओं को मुफ्त बिजली और मुफ्त पानी मिला लेकिन दूसरी तरफ मुसलमानों को वह मिला जो वह चाहते रहे यही कारण है कि एक बार इस बार मुस्लिम इलाकों में आम आदमी पार्टी को लगभग 100 फ़ीसदी वोट मिले हैं। यह तो साफ था के बीजेपी को मुस्लिम वोट नहीं मिलने वाले लेकिन उन्होंने कांग्रेस को भी झटका दे दिया और लगभग सारे वोट आम आदमी पार्टी के खाते में गए इसका कारण समझने के लिए पिछले 5 साल के केजरीवाल के कामों पर नजर डालनी होगी।
मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति
अरविंद केजरीवाल की यह नीति पहली बार तब खुलकर सामने आई थी जब मार्च 2016 में दिल्ली के विकासपुरी इलाके में डेंटिस्ट डॉक्टर पंकज नारंग कि उनके घर में घुसकर परिवार के सामने हत्या कर दी गई हत्या रे पड़ोस की झुग्गी बस्ती में रहने वाले बंगलादेशी मुसलमान थे। लिहाजा अरविंद केजरीवाल ने उनके परिवार से मिलना तो दूर इस हत्याकांड के विरोध में एक औपचारिक बयान देना तक जरूरी नहीं समझा ऐसा करके उसने दिल्ली में जगह-जगह पहले बंगलादेशी मुसलमानों और उनकी सरपरस्ती कर रहे कट्टरपंथियों को एक संदेश दे दिया इसके बाद ऐसे मुद्दों पर उनका यह रवैया लगभग हर समय बना रहा केजरीवाल ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए जो दूसरा सबसे बड़ा दांव खेला था मस्जिद को उठाना हर महीने की सैलरी इमाम ही नहीं मस्जिद के अन्य कर्मचारी के वेतन का भी ऐलान किया गया। इसके अलावा नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक पर भी केजरीवाल कहीं ना कहीं मुस्लिम समुदाय और पाकिस्तान परस्ती वाला रहा दूसरी और हिंदू समुदाय इसी बात से खुश होता रहा क बिजली का बिल आधा हो गया और पानी मुफ्त।
हिंदू मुफ्त खोरी के चक्कर में भ्रमित रहा
केजरीवाल ने वोटिंग से ठीक पहले हनुमान मंदिर जाकर दर्शन किए उसे पता था कि हिंदुओं को भ्रमित करने के लिए उसका यह दाव काफी था इतने भर से कई लोगों को यकीन हो गया कि वह हिंदू विरोधी एजेंडे पर काम नहीं करेगा और इसीलिए शाहीन बाग और बाकी गलत काम भुला दिया गए। इसके अलावा केजरीवाल ने दिल्ली में अपना इकोसिस्टम बनाने में भी जोरदार कामयाबी हासिल की जानते हैं। ऐसे कुछ और कारण:
- केजरीवाल ने दिल्ली में सबसे कम समय में अपना इकोसिस्टम बनाया
- अपने लोगों को हर जगह बिठाया
- सरकारी सिस्टम से लेकर मीडिया तक में हर चैनल और अखबार में
- एलपी कवर करने वाले उनका कार्य करता ही है।
- एलपी कवर करने वाले रिपोर्टरों को मालामाल किया गाड़ी फ्लाइट सब कुछ दिया
- एपीके लोग दिल्ली में कॉलेजों स्कूलों अस्पतालों में की कमेटी में बिठाए गए
- फुल पेज विज्ञापनों से पूरे 5 साल मीडिया का मुँह बंद किया।
- इसमें वह भी शामिल हैं जिन्हें हम राष्ट्रवादी चैनल या अखबार समझते हैं।
- जिन रिपोर्टरों ने एपी के खिलाफ कुछ किया उन्हें नौकरी से निकलवा या
- गंदे पानी का मामला सामने आया तो चैनलों ने केजरीवाल को क्लीन चिट भी
- एलजी और केंद्र के झगड़ों में भी केजरीवाल को पीड़ित के तौर पर दिखाया गया
- विपक्षी होने के बावजूद मीडिया ने बीजेपी के खिलाफ दुष्प्रचार किया।
- कल चल एकेडमी और इवेंट के नाम पर कलाकारों की ब्रिगेड तैयार की गई
- ट्रैफिक और डीटीसी मार्शल जैसे काम देकर कार्यकर्ताओं को उपकृत किया गया
- जनता को मुफ्त बिजली पानी और इलाज के नाम पर खरीद लिया गया।
- व्यापारियों से 200000 का चंदा लेकर टैक्स चोरी की खुली छूट प्रदान की गई
- आरडब्ल्यूए के पदाधिकारियों को भी अलग-अलग तरीके से उपकृत किया गया।
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