‘श्री राम जनमभूमि तीर्थक्षेत्र’ ट्रस्ट के गठन की तैयारियां शुरू
प्रधानमंत्री ने संसद में कहा, “आज सुबह हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को ध्यान में रखते हुए इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. मेरी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार श्रीराम जन्मस्थली पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए और इससे संबंधित अन्य विषयों के लिए एक वृहद योजना तैयार की है.” “सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है. ये ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मस्थली पर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा.”
नई दिल्ली:
राम मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव लोकसभा में पारित होने के बाद अब भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया. पीएम ने कहा कि यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण से जुड़े हर फैसले लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे, जिनमें एक दलित और एक महिला सदस्य को भी जगह दी जाएगी. ट्रस्ट में शामिल किए जाने वालों में जो नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं, उनमें रामजन्मभूमि न्यास से लेकर विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हुए लोगों की चर्चाएं हैं.
कैबिनेट ने राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी है. बुधवार को लोकसभा में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए योजना तैयार कर ली है. उन्होंने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कैबिनेट की बैठक में इस दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. पीएम ने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार ने योजना तैयार कर ली है. राम मंदिर ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ होगा. पीएम ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने के लिए राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए सरकार को राम मंदिर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने ट्रस्ट के गठन के लिए नौ फरवरी तक की तारीख तय की थी. मंदिर निर्माण की पूरी रुपरेखा तैयार करने और उसे क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी ट्रस्ट की होगी.
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