अंजलि वर्मा, जालंधर:
अर्पण जैन व उनके भाई पर अजय चड्ढा द्वारा ठगी के आरोप लगाए गए वह सब पुलिस की रिपोर्ट के हिसाब से बेबुनियाद साबित हुए है। जालन्धर पुलिस के साल 2017 की एक एसीपी इन्वेस्टीगेशन की रिपोर्ट के हिसाब से देखा जाए तो नियो फिटनेस के मालिक अजय चड्ढा व राजेश सहगल द्वारा जो शिकायत अर्पण जैन पर दी गई थी उनमें कोई सचाई नही पाई गई, साल 2017 पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक जो दुबई का बिज़नेस कार्ड अजय चड्ढा द्वारा बतौर सबूत पुलिस को दिया गया था वह भी जाली तैयार किया गया है।
वही इसी रिपोर्ट की माने तो नियो फिटनेस के अजय चढा द्वारा पुलिस में अपने दिए बयानों में कहा गया था कि उन्होंने तीन लाख रु अर्पण जैन को 30-06-2016 को दिए थे जोकि 2017 की एसीपी जसवीर सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक उस वक्त अर्पण जैन का विदेश में होना साबित हुआ है। इस रिपोर्ट में एसीपी इन्वेस्टिगेशन द्वारा डीए लीगल से ओपिनियन मांग कर बनती कानूनी कार्यवाही की मांग की गई है।
उक्त रिपोर्ट के बाद कई सवाल खड़े होते है:
क्या नियो फिटनेस के मालिक द्वारा जैन बंधुओ को बदनाम करने के लिए ये षड्यंत्र रचा जा रहा है?
नियो फिटनेस के मालिक अजय चड्ढा द्वारा जैन बंधुओं को आखिर क्यों बदनाम करने की कोशिश की जा रही है?
नियो फिटनेस के मालिक अजय चड्ढा का जैन बंधुओ को बदनाम करने के पीछे क्या मकसद हो सकता है?
जैन बंधुओ को बदनाम करने के लिए अजय चढा ने शहर के एक निजी वेब पोर्टल का सहारा क्यों लिया!
दोस्तो ये था आज का “द स्टोरी ऑफ जैन ब्रदर्स” का भाग 2। भाग तीन में आपको बताएंगे कि डीए लीगल की रिपोर्ट में किस किस पर मामला दर्ज करने और किन किन धाराओं में मामला दर्ज करने को कहा गया है।
तीसरे भाग हम आपको ये भी बताएंगे कि नियो फिटनेस के मालिक अजय चड्ढा व उनके साथी अर्पण जैन व उनके भाई को क्यों इस तरीके से बदनाम कर रहे है इसके पीछे उनकी क्या मंषा है?