हाईकोर्ट ने ‘स्टे’ हटाई, पंचकूला नगर निगम के चुनाव जल्द होने के आसार
डिवीजनल कमिश्नर की रिपोर्ट पर थी स्टे, हाईकोर्ट ने कहा- सरकार 6 महीने में फैसला ले रिपोर्ट पर जुलाई 2018 के बाद पब्लिक की तरफ से निगम में कोई नुमाइंदगी नहीं है। निगम के कमिश्नर को ही प्रशासक की शक्तियां मिली हुईं और वे ही निगम का कामकाज देख रहे हैं
पंचकूला:
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला नगर निगम को लेकर अंबाला के डिवीजनल कमिश्नर द्वारा सरकार को दी रिपोर्ट पर स्टे ऑर्डर, सोमवार को डिस्पोज ऑफ कर दिया है। यानी, जो स्टे थी, अब हट गई है।
प्रेस ख़बर की जानकारी के अनुसार, पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचकूला नगर निगम को अलग निगम बनाते हुए, कालका व पिंजौर को मिलाकर अलग नगर परिषद का दर्जा देने संबंधी जो रिपोर्ट सरकार को दी थी, उसे पिंजौर से निगम के पार्षद रहे सतिंदर सिंह टोनी द्वारा हाईकोर्ट में चैलेंज किया गया, जिस पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दी थी। सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सक्षम अदालत ने वही स्टे हटा दी। बताया गया है कि अदालत ने हरियाणा सरकार को डायरेक्शंस दी हैं कि 6 महीने के भीतर फैसला करे कि अंबाला के डिवीजनल कमिश्नर की रिपोर्ट पर क्या एक्शन लेना है।
कुल मिलाकर, सोमवार को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से स्टे हटने के बाद अब पंचकूला नगर निगम के चुनाव जल्द होने के आसार बन गए हैं। जानकारों का कहना है कि हरियाणा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट-1994 के तहत सरकार को जो अधिकार/शक्तियां प्राप्त हैं, के प्रावधानों के तहत जल्द ही सरकार उचित फैसला लेगी। सरकार के स्तर पर फैसला जो भी होगा, चुनाव संबंधी प्रक्रिया पूरा करने में 6-7 महीने का समय लग सकता है।
इस लिहाज से साल 2020 के अंत तक निगम के चुनाव होने की संभावना देखी जा सकती है। गौरतलब है कि पंचकूला नगर निगम, जिसके पहले चुनाव वर्ष 2013 में हुए थे, का कार्यकाल जुलाई 2018 में पूरा हो चुका है। उसके बाद से निगम के कमिश्नर को ही प्रशासक की शक्तियां मिली हुईं और वे ही निगम का कामकाज देख रहे हैं। यानी, जुलाई 2018 के बाद पब्लिक की तरफ से निगम में कोई नुमाइंदगी नहीं है।
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