स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिकः ज्ञान चंद गुप्ता
- युवा संकल्प लें तो कुछ भी कर सकते हैं: ज्ञान चंद गुप्ता
- अपराधों को रोकने के लिए केवल कानून बनाने से काम नहीं चलेगा बल्कि बच्चों को संस्कार सीखाने होंगे
- स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने स्वामी विवेकानंद जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस के कार्यक्रमों में की बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की
- राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर आयोजित मैराथन में 8 हजार से अधिक युवाओं ने लिया भाग
- झूमते नाचते व देशभक्ति की भावना से सरोबार होकर आईटीबीपी व पुलिस सहित युवा छात्र-छात्राओं ने लिया मैराथन में भाग
- युवा शक्ति के साथ संवाद कार्यक्रम में प्रदेशभर के युवाओं से रूबरू हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल
पंचकूला, 12 जनवरी:
हरियाणा विधान सभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि युवा वर्ग में असीमित शक्ति है जिसके बल पर वह जो संकल्प कर ले, उसे पूरा कर सकता है। युवा शक्ति के कारण ही आज भारत देश को युवा सुपर पावर कहा जाता है। गुप्ता आज पीडब्लयूडी स्थित सभागार में स्वामी विवेकानंद जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों में आयोजित कार्यक्रमों से जुड़े युवा शक्ति के साथ सीधा संवाद किया। इससे पूर्व सुबह शालीमार ग्राउंड में रन फॉर यूथ-यूथ फॉर नेशन के तहत मैराथन का भी आयोजन किया गया जिसमें स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने हजारों युवाओं की दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
युवाओं की टोलियां अल भोर से ही बड़ी उत्साहित नजर आ रही थी। गुप्ता स्वयं भी इस मैराथन में दौड़े। सडकों के दोनों ओर युवाओं के झुंड देष भक्ति की भावना से सरोबार थे। राष्टड्ढ्रीय युवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों के दौरान उपायुक्त मुकेष कुमार आहूजा, पुलिस आयुक्त सौरभ सिंह, युवा एवं खेल निदेषक भूपेन्द्र सिंह, पुलिस उपायुक्त कमलदीप गोयल एसडीएम धीरज चहल व सीटीएम सुषील कुमार भी मौजूद रहे।पीडब्लयूडी के सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि ज्ञान चंद गुप्ता ने उपस्थितगण को स्वामी विवेकानंद जयंती की बधाई देते हुए इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने पर सरकार की सराहना की।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद को आधुनिक भारत का निर्माता बताते हुए कहा कि देश का वास्तविक विकास केवल युवा शक्ति द्वारा ही संभव हो सकता है। भारत को विश्वगुरु बनाने की बात हो या ड्रग मुक्त करने की अथवा संकल्प से सिद्धी के अभियान को सफल बनाने की, हर कार्य में युवा शक्ति की भूमिका सर्वोपरि है। युवा शक्ति देश की सबसे बड़ी पूंजी है जिसके कारण ही आज भारत को युवा सुपर पावर कहा जाता है। युवा वर्ग ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में न केवल स्वयं सक्रिय भूमिका निभाई बल्कि जन-जन को भी इस संग्राम में जोड़ा। हमारे युवाओं ने ब्रिटिश शासकों की नींद हराम कर दी थी। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति राष्ट्र को प्रकृति का अमूल्य उपहार है जो देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब युवा स्वयं पर नियंत्रण रखने की कला में माहिर हो और चरित्रवान बने। चरित्र के साथ वह संकल्प करके निडरता के साथ आगे बढ़ेगा तो कोई भी शक्ति उसके आगे नहीं टिक सकेगी। उन्होंने कहा कि आज हमें स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं पर चलने की आवश्यकता है जिन्होंने युवाओं से आह्वाहन किया था कि उठो, जागो और तब तक चलते रहो जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए। उन्होंने युवाओं से नशे व कुरीतियों से दूर रहने का आह्वाहान किया।
गुप्ता ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं आज 120 साल बीत जाने की बाद भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। आध्यात्मिक मूल्यों के अभाव व चरम उपभोगतावाद ने दुनिया को स्वार्थी बना दिया है। पूरा विश्व वैमनस्य के दौर से गुजर रहा है। आतंकवाद व अलगाववाद ने मानवता को छलनी कर दिया है। आज भी दुनिया शांति और प्रेम के लिए भारत की ओर टकटकी लगाए है। उन्होंने युवाओं का आह््वान करते हुए कहा कि वे स्वामी विवेकानंद के ब्रंाड एम्बैसडर बनकर आतंकवाद और नैराष्य में डूबे विश्व नई राह दिखाएं। उन्होंने कहा कि भारत में विश्व का केंद्र बनने की सारी खूबियां हैं । उन खूबियों का कारण इसके संस्कार, इसकी शिक्षाएं ,और इसका वो रास्ता है जो भारत के संतो के द्वारा दिखाया गया है। वही संस्कार आज भी भारत के युवाओं में विद्यमान हैं। आज की इस मैराथन का उद्ेदष्य उन्हीं भावों को और अधिक मजबूती प्रदान करना है। आज के इस मैराथन से हमारे महान संस्कारों को नई उर्जा मिली है। इस उर्जा को दिल में हमेशा जलाए रखना है।
गुप्ता ने कहा कि राष्ट्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए हमें अपने बच्चों को मानसिक व सांस्कृतिक रूप से भी उन्नत करना होगा। आज हम शैक्षणिक रूप से तो बच्चों को टॉप पर देखना चाहते हैं लेकिन उन्हेें अपनी पुरातन संस्कृति से जोडने की ओर अधिक ध्यान नहीं देते हैं। अपराधों को रोकने के लिए केवल कानून बनाने से काम नहीं चलेगा बल्कि बच्चों को संस्कार सीखाने होंगे। इस प्रकार के आयोजन भी युवा पीढ़ी में नए संस्कार रोपने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने प्रदेश व केंद्र सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने की बात कही।
इस अवसर पर खेल एवं षिक्षा जगत में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वालेे छात्र-छात्राओं सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति एवं संबिधत अधिकारी उपस्थित थे।