निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों को फांसी पर लटकाने की तय तारीख एक बार फिर टल गई
पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था. उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद दोषियों को इस घिनौने अपराध के लिए मृत्युदंड दिया था। अब दिल्ली की अदालत ने 31 दिसंबर को 16 दिसंबर, 2012 के सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में चार दोषियों की मौत की सजा को अगले आदेश तक के लिए टाल दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषियों द्वारा 1 फरवरी को उनके निष्पादन पर रोक लगाने की याचिका पर आदेश पारित किया।
नई दिल्ली.
निर्भया गैंगरेप और हत्या के (Nirbhaya Case)दोषियों को फांसी पर लटकाने की तय तारीख एक बार फिर टल गई है. पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है. अब उन्हें 1 फरवरी को फांसी नहीं दी जाएगी. ये दूसरी बार है जब दोषियों की फांसी टाली गई है. इससे पहले 22 जनवरी सुबह 7 बजे दोषियों को फांसी देने की तारीख तय हुई थी.
बता दें कि दोषी विनय की ओर से गुरुवार कोर्ट में याचिका दाखिल कर राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने का आधार बताकर फांसी पर रोक लगाने की मांग की गई थी. न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने तिहाड़ जेल प्रसाशन को ऑर्डर की प्रति प्राप्त करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगाई जाए.
निर्भया के वकील ने दी थी ये दलील
वहीं, सुनवाई के दौरान तिहाड़ के वकील ने कहा कि विनय इंतजार कर सकता है, लेकिन बाकी तीन दोषियों को कल फांसी दी जाये. तिहाड़ के वकील ने कहा कि जिसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, उसे छोड़कर बाकी तीन को कल यानी 1 फरवरी को फांसी दी जाय. तिहाड़ जेल की ओर से पेश हुए वकील इरफान अहमद ने कहा कि केवल एक दोषी की (विनय शर्मा) दया याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है.उन्होंने कहा कि इसमें कोई अवैधता नहीं है.
निर्भया के वकील ने कोर्ट में कहा कि नियम कहता है कि जेल प्रशासन इस संबंध में सरकार को संदेश भेजकर पूछेगा कि क्या फांसी रोकी जाए. अगर कोई जवाब नहीं मिलता तो फांसी को रोका जा सकता है. इसके लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है.
कुछ दोषियों ने नहीं इस्तेमाल किया है कानूनी उपाय
बता दें दोषी पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर ‘अनिश्चितकालीन’ स्थगन लगाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि दोषियों में कुछ के द्वारा कानूनी उपायों का इस्तेमाल किया जाना बचा हुआ है.निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ब्लैक वारंट जारी किया था जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया. इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी.
तिहाड़ जेल ने किया था विरोध
अब तक की स्थिति में दोषी मुकेश ने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है. इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल करना भी शामिल है. उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को ठुकरा दी थी. मुकेश ने फिर दया याचिका ठुकराए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसने बुधवार को उसकी यह अपील खारिज कर दी.
वहीं, सुनवाई के दौरान तिहाड़ के वकील ने कहा कि विनय इंतजार कर सकता है, लेकिन बाकी तीन दोषियों को कल फांसी दी जाये. तिहाड़ के वकील ने कहा कि जिसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, उसे छोड़कर बाकी तीन को कल यानी 1 फरवरी को फांसी दी जाय. तिहाड़ जेल की ओर से पेश हुए वकील इरफान अहमद ने कहा कि केवल एक दोषी की (विनय शर्मा) दया याचिका लंबित है और अन्य को फांसी दी जा सकती है.उन्होंने कहा कि इसमें कोई अवैधता नहीं है.
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