Wednesday, March 5

पुरनूर, पंचकुला – 31 जनवरी:

पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले कुछ वर्षों में कुछ कमियां दिखाई दे रही है जिसका कारण शहर के वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार एस के जैन शिक्षा और जरूरी प्रशिक्षण की कमी को मानते हैं । पत्रकारिता के लगातार बदलते आयाम विषय पर चर्चा करते हुए जैन ने www.demokraticfront.com से कहा कि अखबार पढ़ने से लेकर अखबार में छपने तक के सफर में उन्होंने मीडिया में बहुत से परिवर्तन देखे। पहले मीडिया का माध्यम केवल अखबारें यानी प्रिंट मीडिया ही हुआ करता था लेकिन समय और तकनीक बदलने के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया ने भी अपने जगह ना केवल बना ली है बल्कि आज की तारीख में मीडिया में इनका स्थान सर्वोपरि है।

लेकिन समकालीन परिवर्तन सकारात्मक होने से ज्यादा नकारात्मक है क्यों कि छोटी बड़ी सभी अखबारें और अन्य मीडिया के माध्यम पैसे को अधिक तरजीह देते हैं जबकि पहले पत्रकारिता पैशन हुआ करता था कि अब मात्र प्रोफेशन बनकर रह गया है ।
पत्रकारिता के गिरते स्तर का एक अन्य कारण बताते हुए जैन ने कहा के आजकल लोग लिखने की बजाय टाइपिंग पर जोर देते हैं इसी वजह से भाषा भावों का स्तर पहले सा नहीं रहा।

एसके जैन ने कहा कि धीरे-धीरे अखबारों से बहुत से कॉलम गायब हो रहे हैं प्रिंट मीडिया में पहले कार्टून का स्थान था कार्टून अपने आप में एक पूर्ण लेख खबर और चित्र का काम करता है ।परन्तु प्रतिभा की कमी कहें या कोई व्यवसायिक कारण यह कॉलम अब इक्का दुक्का अखबारों में ही मिलता है।

जैन ने कहा के पहले अखबारों के मालिक स्वयं पत्रकार हुआ करते थे लेकिन अब मालिक व्यवसायी हैं जोकि मिशन ना लेकर बल्कि आमदनी का ज़रिया मानते हैं वह चाहे किसी भी तरह हो।