राष्ट्रपति का ओएसडी बताकर नौकरी लगाने का झांसा देने के मामले में फर्जी आईएएस गिरफ्तार

धर्मपाल वर्मा, जयपुर-:

फर्जी आईएएस नीरज के गिरफ्तारी प्रकरण में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. फर्जी आईएएस से राजभवन के अफसर भी परेशान चल रहे थे. वह कई विभागों में अक्सर राज्यपाल का एडीसी बनकर मिलता था और ठगी की वारदातों को अंजाम देता था. इस बारे में राजभवन ने पुलिस में भी शिकायत दी थी.

राजस्थान पुलिस के शिकंजे में एक ऐसा शख्स आया है कि 12वीं कक्षा में तीन बार फेल होने के बाद फर्जी आईएएस बनकर लोगों को ठग रहा था। किसी को उच्च पद पर लगवाने का झांसा देता ​तो किसी को सरकारी नौकरी का। राजधानी जयपुर की अशोक नगर पुलिस ने इस फर्जी आईएएस को पकड़कर पूछताछ की तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई।

क्या है फर्जी आईएएस का राजभवन कनेक्शन, एक्सक्लूसिव रिपोर्ट:-

पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का एडीसी:

राष्ट्रपति का ओएसडी बनकर नौकरी लगाने के नाम पर 6 लाख रुपए ठगने वाला युवक नीरज वैष्णव न केवल फर्जी आईएएस बनकर लोगों से मिलता था, बल्कि राजधानी में वह कई मामलों में लोगों से पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का एडीसी बनकर भी मिलता था. इस बारे में जब राजभवन के अफसरों को सूचना मिली तो उन्होंने पुलिस में भी शिकायत दे दी थी. ठगी करने वाले नीरज वैष्णव को शहर की अशोक नगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस बारे में राजभवन से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस युवक की करतूतों से राजभवन के अफसर भी परेशान चल रहे थे.

अफसरों के साथ फोटो:

दरअसल पूर्व में एक-दो मौकों पर आरोपी युवक नीरज राजभवन में प्रवेश कर गया था. उसने वहां पर राजभवन के अफसरों के साथ फोटो भी खिंचवा लिए थे. पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के परिसहाय यानी एडीसी रहे मेजर अभिमन्यू सिंह के साथ उसने फोटो खिंचवा लिए थे. मई 2018 में मेजर अभिमन्यू सिंह का जयपुर से राज्यपाल के एडीसी पद से मेरठ में आर्मी हैडक्वार्टर, मेरठ छावनी में तबादला हो गया था. अभिमन्यू सिंह के जयपुर से तबादले के बाद नीरज जिस किसी विभाग में जाता था, वह खुद को राज्यपाल का एडीसी मेजर अभिमन्यू सिंह ही बताता था. कई लोगों ने जब इस बारे में शक होने पर राजभवन में सूचना दी तो पूर्व एडीसी अभिमन्यू सिंह ने पुलिस को पत्र लिखकर उनके नाम का दुरुपयोग किए जाने की लिखित शिकायत दी थी।

फर्जी आईएएस से परेशान थे राजभवन के अफसर:

पूर्व एडीसी मेजर अभिमन्यू सिंह ने 7 मार्च 2019 को पुलिस को लिखा पत्र

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ और डीसीपी साउथ जयपुर को लिखा पत्र

लिखा, मैं पूर्व में जयपुर में राज्यपाल का एडीसी था, और अब मेरठ छावनी में कार्यरत हूं

मुझे राजभवन जयपुर से सूचना मिली है कि एक व्यक्ति मेरे नाम का दुरुपयोग कर रहा

लिखा, कई विभागों में जाकर राज्यपाल का एडीसी बनकर मिल रहा है

खुद को मेजर अभिमन्यू सिंह बताकर अनुचित लाभ लेने का प्रयास कर रहा है

जबकि मेरा इस व्यक्ति से दूर-दूर तक कोई सम्बंध नहीं है

सोशल मीडिया पर उसने कई प्रमुख लोगों के साथ खुद की फोटो लगाई हुई है

इसलिए अनुरोध है कि सम्बंधित आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए

जिससे वह सरकारी एवं गैरसरकारी संस्थाओं में धोखाधड़ी व आपराधिक वारदात नहीं कर सके

6 लाख ठगने की लिखित शिकायत:

मेजर अभिमन्यू सिंह ने पुलिस को यह पत्र 7 मार्च 2019 को लिखा था. हालांकि पुलिस पूर्व एडीसी के इस पत्र के बाद भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी थी. अब जबकि पीड़ित संजीव चन्द्रावत ने उसके खिलाफ नौकरी लगाने के नाम पर 6 लाख रुपए ठगने की लिखित शिकायत दी, तब आरोपी को पकड़ा जा सका है. पुलिस ने पूर्व में इस मामले में जब राजभवन में पूछताछ की थी तब राजभवन के मौजूदा एडीसी ने पुलिस को यही बताया था कि आरोपी का राजभवन से कोई सम्बंध नहीं है और वह पूर्व एडीसी का नाम बताकर दुरुपयोग कर रहा है.

जांच में सामने आया कि 20 वर्षीय नीरज एक साल पहले भी बजाज नगर इलाके में गिरफ्तार हो चुका है। 12 कक्षा में 3 बार फेल होने के बाद आरोपी ने पढ़ाई छोड़ दी और उसके बाद लोगों को ठगी का शिकार बनाने लगा। आरोपी खुद को राष्ट्रपति भवन में कार्यरत आईएएस अधिकारी बताता था। शहर के फाईव स्टार होटलों में लोगों को मिटिंग के लिए बुलाकर उन्हें झांसे में लेता था। फिर ठगी को अंजाम देता था।

कुलमिलाकर इस फर्जी आईएएस के गिरफ्तार होने के बाद राजभवन के अफसरों ने भी चैन की सांस ली है.

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