Saturday, February 1

नई दिल्‍ली : 

बागपत में इंसानियत को शर्मसार कर देनी वाली घटना सामने आई है. यहां एक डॉक्टर ने चंद रुपयों की खातिर जन्म लेते ही एक साल तक एक मां से उसके दुधमुंहे बच्चे को दूर रखा और जब वह मां पैसा इकट्ठा कर बच्चा लेने पहुंची तो उसे वहां से भगा दिया.

पीड़ित मां का आरोप है कि डॉक्टरों ने बच्चा देने से इंकार कर दिया और उसके बच्चे को बेच दिया. इसकी शिकायत दंपति ने पुलिस से की है. हालांकि पुलिस की मानें तो मामला संज्ञान में आया है और पुछताछ में डॉक्टरों द्वारा दंपत्ति की मर्जी से बच्‍चा बेचे जाने की बात आई है. फिलहाल इस प्रकरण की जांच के आदेश पुलिसाधिकारी ने दे दिए है.

यह पूरा मामला बड़ौत शहर स्थित ऊषा नर्सिंग होम का है. यहां सितंबर 2018 में बिजरौल गांव की रहने वाली शिखा नाम की एक गर्भवती महिला की डिलीवरी हुई थी और उसने एक लड़के को जन्म दिया था, लेकिन शिखा का आरोप है कि डॉक्टरों ने डिस्चार्ज करने के लिए 40 हजार का बिल बनाया, लेकिन वे लोग बेहद गरीब थे और जिसके लिए उन्होंने इतना रुपया देने में इंकार दिया. पीड़िता के मुताबिक, इसके बाद डॉक्टर ने उनके सामने शर्त रखी की वो धीरे-धीरे उनका पैसा चुका दे और बच्चा ले जाए और तब तक बच्चा उनके पास रहेगा और रजामंदी की बात कहकर उनके अंगूठे एक पेपर पर लगवा लिए.

वहीं, उनका कहना है कि वो लोग बेहद गरीब है, जिस कारण वो धीरे-धीरे करके 30 हजार रुपये चुका चुके थे और आज बचे हुए 10 हजार रुपये लेकर बच्चा लेने पहुंचे तो डॉक्टरों ने उन्हें बच्चा देने से इनकार कर दिया और यह कहकर भगा दिया कि उन्होंने बच्चा बेच दिया है.

वहीं, उनका कहना है कि वो लोग बेहद गरीब है, जिस कारण वो धीरे-धीरे करके 30 हजार रुपये चुका चुके थे और आज बचे हुए 10 हजार रुपये लेकर बच्चा लेने पहुंचे तो डॉक्टरों ने उन्हें बच्चा देने से इनकार कर दिया और यह कहकर भगा दिया कि उन्होंने बच्चा बेच दिया है.

वहीं इस बाबत जब आरोपित डॉक्टर से बात की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है. इसके बाद पीड़ित दंपत्ति ने थाने में डॉक्टर के खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराते हुए बच्चा दिलाने की गुहार लगाई है. 

एएसपी की मानें तो डॉक्टर ने पूछताछ में बताया कि दंपत्ति ने बच्चा मुजफ्फरनगर में बेचा है, जबकि दंपत्ति इनकार कर रहा है. इसलिए जांच की जा रही है और अगर बच्चा बेचा गया होगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.