पिछले कुछ सालों की तुलना में इस साल बच्चों की मौत कम हुई: CM गहलोत

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की खामोशी पर भी लोगों ने उन्हें कोसना शुरू कर दिया है। लोगों की बढ़ती नाराजगी देखते हुए आखिरकार अशोक गहलोत ने कहा है कि, “नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है, उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस साल शिशुओं की मौत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है।” अशोक गहलोत के इस बयान पर लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी काफी आलोचना की है। लोगों ने अशोक गहलोत के पुराने बयानों से उन्हें जवाब दिया है।

नई दिल्ली(ब्यूरो):

राजस्थान के कोटा अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के अंतिम दो दिन में कम से कम 8 और शिशुओं की मौत हो गई। इसके साथ ही इस महीने अस्पताल में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 से अधिक हो गई है। इसपर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की चुप्पी पर लोग अब सवाल उठाने लगे हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार की खामोशी पर भी लोगों ने उन्हें कोसना शुरू कर दिया है। लोगों की बढ़ती नाराजगी देखते हुए आखिरकार अशोक गहलोत ने कहा है कि, “नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है, उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस साल शिशुओं की मौत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है।”

अशोक गहलोत के इस बयान पर लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी काफी आलोचना की है। लोगों ने अशोक गहलोत के पुराने बयानों से उन्हें जवाब दिया है।

श्याम किशोर नाम के एक यूजर ने अशोक गहलोत के इस बयान पर लिखा कि, पूरा लाज शर्म घोल के पी गए हो क्या? मतलब कोई जिए या मरे कोई लेना देना नहीं है। इंसान बन जाइए, समाज पर उपकार हो जाएगा।

वहीं गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हुई बच्चों की मौत और राजस्थान में हुई बच्चों की मौत पर कांग्रेस के दोहरे चरित्र पर एक यूजर ने लिखा कुछ ऐसा ट्वीट किया।

देखिए ट्विटर पर अशोक गहलोत के बयान पर कैसे रिएक्शन आए..

शुभम राय ने लिखा..

इसके अलावा बीरेंद्र सिंह ने लिखा कि..

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