कुछ भी खोकर गठबंधन नहीं होगा: अमित शाह

बीजेपी शायद ऐसा कोई दोस्त नहीं चाहती जो चुनावों में साथ रहते हुए माहौल बिगाड़ दे..
तीन राज्यों में मिली हार के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव को लेकर मीटिंग लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है. दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में हुई मीटिंग में उनके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर, गृहराज्यमंत्री हंसराज अहीर, रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे मौजूद थे.

रामराजे शिंदे, नई दिल्ली : बीजेपी ने आने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र के सांसदों की मीटिंग दिल्ली में बुलाई थी. इस मीटिंग में शिवसेना के साथ गठबंधन होगा या नहीं इस सवाल पर अमित शाह ने अपनी भूमिका स्पष्ट कर दी है. उन्होंने साफ कहा, कुछ भी खोकर गठबंधन नहीं होगा. यह बात अमित शाह ने महाराष्ट्र के सांसदों के सामने रख दी है.

दरअसल तीन राज्यों में हारने के बाद बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लोकसभा चुनाव को लेकर मीटिंग लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है. दिल्ली के नए महाराष्ट्र सदन में हुई मीटिंग में उनके अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, रेल मंत्री पीयूष गोयल, कॉमर्स मिनिस्टर प्रकाश जावडेकर, गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर, रक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष भामरे मौजूद थे.

हमारे सूत्र ने बताया कि इस मीटिंग में महाराष्ट्र के अहमदनगर के सांसद दिलीप गांधी ने शिवसेना के साथ गठबंधन होगा या नहीं यह सवाल पुछा. इस पर अमित शाह की ओर से कहा गया कि आप सभी अपने-अपने चुनाव क्षेत्र में काम करो. विधानसभा में शिवसेना के साथ हमारा गठबंधन टूट गया. तब हमने तैयारी की और सबसे ज्यादा सीटें लेकर सत्ता में आ गए. ऐसी ही तैयारी इस बार करनी है. शिवसेना के साथ चर्चा चल रही है, लेकिन कुछ खोकर गठबंधन नही करेंगे’ यह स्पष्ट कर दिया. इसका मतलब शिवसेना ने ज्यादा सीटें मांगी तो उनके दबाव के झुकेंगे नहीं. खुद के बलबूते चुनाव लड़ने की तैयारी करने के लिए अमित शाह ने सभी सांसदों को संकेत दे दिए हैं.

मंत्रिमंडल में मनमुताबिक जगह न मिलना अखरा था…
दरअसल मौजूदा स्थिति में शिवसेना के पास 18 सांसद हैं. बीजेपी के पास 23 सांसद हैं. रामविलास पासवान के पार्टी के सांसद कम होने के बावजूद अच्छी मिनिस्ट्री दी गई है. शिवसेना के सांसद ज्यादा होने के बावजूद केंद्र सरकार में सिर्फ एक ही मिनिस्ट्री है. यही बात शिवसेना को खल गई है. उसके साथ ही 2014 में विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी ने गठबंधन तोड़ा, लेकिन ठीकरा शिवसेना के माथे पर फोड़ दिया. तभी से शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में खटास आ गई. लेकिन अब 3 राज्यों के नतीजों के बाद शिवसेना बीजेपी पर हावी होने का प्रयास कर रही है.

इसलिए बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मीटिंग लेकर सभी सांसदों को प्रोग्राम दिया है. अपने चुनाव क्षेत्र के सभी कार्यकर्ताओं को भोजन पर बुलाकर उनकी समस्या क्या है यह जान लेने का आदेश अमित शाह ने दिया है. इसके लिए 25 जनवरी की डेडलाइन दी है. कार्यकर्ताओं की समस्या सुनकर उसपर काम करने का भी आदेश दिया गया है.

लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी तैयारी तो कर रही है, लेकिन शिवसेना साथ में नही होने का नुकसान बीजेपी के सांसदों में होगा. इसलिए बीजेपी सांसदों में भी नाराजगी दिखाई दे रही है. अमित शाह के बयान के बाद शिवसेना दो कदम पीछे जाएगी क्या और गठबंधन होगा क्या यह देखना दिलचस्प रहेगा.

प्रधान मंत्री मोदी ने पंजाब से फूँका चुनावी बिगुल

नए साल के तीसरे ही दिन पंजाब के गुरदासपुर में बड़ी रैली को संबोधित कर प्रधानमंत्री ने अब पूरी तरह से चुनावी मोड में आने का संकेत दे दिया है. मोदी किसानों के गढ़ में थे, नए साल में उनकी रैली के लिए पंजाब को चुना जाना अपने-आप में इस बात का संकेत है कि बीजेपी और सरकार के एजेंडे में किसान सबसे ऊपर हैं. तीन राज्यों में सरकार बनाने के बाद कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान कर बढ़त लेने की कोशिश की है. लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी ने इस कर्जमाफी को भी छलावा बता दिया है.

रैली को संबोधित करना अपने-आप में बड़ा संकेत है

नए साल के पहले दिन न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटर्व्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब सरकार पर किसानों की कर्ज माफ़ी को लेकर सवाल खड़ा किया था. अब इस बयान के दो दिन बाद प्रधानमंत्री खुद पंजाब की धरती पर हैं तो जाहिर है इस पर सियासत तो गरमाएगी ही. लेकिन, उनका पंजाब पहुंचना और वहां रैली को संबोधित करना अपने-आप में बड़ा संकेत है.

दरअसल, करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास, 1984 के दंगों पर केंद्र सरकार की तरफ से बनाई गई एसआईटी और कई दूसरे फैसलों को लेकर अकाली दल औऱ बीजेपी की तरफ से धन्यवाद रैली का आयोजन किया गया है. चुनाव से पहले इन सभी मुद्दों पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया जा सकता है जबकि, अकाली-बीजेपी गठबंधन इन सभी मुद्दों पर फायदा उठा सकता है. लिहाजा इस रैली का आयोजन किया गया है.

गुरदासपुर की रैली के पहले प्रधानमंत्री जालंधर में थे, जहां उन्होंने लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अब ऐसा समय है जब हमें दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए. हमें इस बात पर फोकस करना चाहिए कि कम कीमत में टेक्नालॉजी का प्रयोग खेती में कैसे किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि हमें केवल रिसर्च करने के लिए ही रिसर्च नहीं करनी है बल्कि ऐसी खोज करनी है जिससे पूरी दुनिया उसके पीछे चले.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 की लड़ाई के लिए अपने-आप को तैयार कर लिया है. उनकी तरफ से गुरदासपुर से ही 2019 का शंखनाद हो गया है. सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही मोदी देशभर में 20 राज्यों का दौरा कर लगभग 100 रैलियों या कई दूसरे कार्यक्रमों में शिरकत कर सकते हैं.

गुरदासपुर से हुई शुरुआत अब और रफ्तार पकड़ेगी. सूत्रों के मुताबिक, मोदी 3 जनवरी को जालंधर और गुरदासपुर के बाद 4 जनवरी को नॉर्थ-ईस्ट का दौरा करेंगे. इस दिन उनकी तरफ से मणिपुर और असम में दो रैलियों को संबोधित करने का कार्यक्रम है.

इसके बाद 5 जनवरी को झारखंड और ओडिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का कार्यक्रम है. झारखंड में पलामू जिले के मेदिनीनगर में बड़ी रैली का कार्यक्रम है. जबकि, इसी दिन ओडीशा में भी बारीपदा में प्रधानमंत्री की रैली होगी. इसी महीने की 16 तारीख को फिर प्रधानमंत्री की ओडिशा में एक और रैली होगी. सूत्रों के मुताबिक, इसके अगले ही दिन 6 जनवरी को पश्चिमी यूपी के आगरा में प्रधानमंत्री मोदी की रैली होगी.

प्रधानमंत्री कार्यालय से बातचीत के बाद ही फाइनल किया जाएगा

जनवरी महीने में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में होंगे. सूत्रों के मुताबिक, 22 जनवरी को पीएम वाराणसी में रहेंगे. जबकि 24 जनवरी को प्रयागराज के कुंभ में वो शिरकत करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, दूसरी रैलियों और कार्यक्रमों की तारीखों का ऐलान पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व, राज्य के नेतृत्व और प्रधानमंत्री कार्यालय से बातचीत के बाद ही फाइनल किया जाएगा.

लेकिन, मोदी ने चुनावी साल के पहले दिन ही सबसे पहले हर मुद्दे पर इंटर्व्यू के जरिए अपनी बात सामने रखकर जनता के बीच अपने पक्ष में एक माहौल बनाने की कोशिश कर दी है. अब अपनी रैलियों के माध्यम से इसी कोशिश को आगे बढ़ाने की तैयारी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव के ऐलान से पहले ही होने वाली इन रैलियों और कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी सरकार की पांच साल की उपलब्धियों का बखान करते नजर आएंगे. प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के साथ ही मोदी ने पांच साल के काम के पाई-पाई का हिसाब देने की बात की थी, अब चुनावी साल में मोदी उसी हिसाब को देने की तैयारी कर रहे हैं.

हालांकि, पिछले कई महीनों से अपने कार्यक्रम के दौरान उनकी तरफ से अपनी सरकार के कार्यकाल में हुए कामों और पहले की यूपीए सरकार के कामों की तुलना कर यह दिखाने का प्रयास किया जा रहा है कि इन पांच सालों में कितना बदलाव आया है, लेकिन अब चुनाव से ठीक पहले गुरदासपुर से ऐसी शुरुआत कर मोदी ने 2019 के महासमर का शंखनाद कर दिया है.

2019 चुनावों से पहले यदि राम मंदिर का निर्माण आरंभ नहीं हुआ तो बीजेपी- आरएसएस को लोगों से माफी मांगनी होगी: शिव सेना

सामना के संपादकीय में कहा गया कि मोदी सरकार ने गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की भव्य प्रतिमा बनाई है लेकिन राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सरदार’ वाला साहस नहीं दिखाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि उसे इस बात पर ताज्जुब है कि अगर बीजेपी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो कब होगा.

पार्टी ने कहा कि अगर राम मंदिर का निर्माण 2019 चुनावों से पहले नहीं हुआ तो यह देश के लोगों को धोखा देने जैसा होगा जिसके लिए बीजेपी और आरएसएस को उनसे माफी मांगनी होगी.

केंद्र और महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी शिवसेना ने हालिया इंटरव्यू में मोदी की टिप्पणी के लिए उनपर हमला बोला है. मोदी ने कहा था कि मंदिर निर्माण पर सरकार कोई भी कदम न्यायिक प्रक्रिया खत्म होने के बाद ही उठाएगी. इस इंटरव्यू को कई टीवी चैनलों ने प्रसारित किया था.

बहुमत वाली सरकार में मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो कब होगा

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, ‘वह (मोदी) राम के नाम पर सत्ता में आए थे हालांकि उनके मुताबिक भगवान राम कानून से बड़े नहीं हैं. अब सवाल यह है कि अगर बहुमत वाली सरकार में मंदिर का निर्माण नहीं होगा तो कब बनेगा.’

संपादकीय में कहा गया कि मोदी सरकार ने गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की भव्य प्रतिमा बनाई है लेकिन राम मंदिर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सरदार’ वाला साहस नहीं दिखाया. साथ ही कहा कि यह इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. इसमें बताया गया कि राम मंदिर के लिए आंदोलन 1991-92 में शुरू हुआ था और सैकड़ों ‘कारसेवकों’ ने अपनी जान गंवाई थी.

हिंदुओं के नरसंहार के लिए बीजेपी से माफी की मांग करते हैं

इसमें पूछा गया, ‘किसने यह नरसंहार किया और क्यों? एक ओर सैकड़ो हिंदू कारसेवक मारे गए, साथ ही मुंबई बम धमाकों में दोनों पक्ष (हिंदू एवं मुस्लिम समुदाय) के सैकड़ों लोग मारे गए. अगर फैसला सुप्रीम कोर्ट को ही करना था तो यह नरसंहार एवं खूनखराबा क्यों?’ उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने आगे पूछा कि क्या बीजेपी- आरएसएस इन हत्याओं और खूनखराबे की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है.

संपादकीय में कहा गया, ‘सिखों के नरसंहार (1984 के सिख विरोधी दंगों के बाद) के लिए जिस तरह से कांग्रेस को माफी मांगनी पड़ी उसी प्रकार हमें भी उन लोगों की भावनाओं को समझना होगा जो हिंदुओं के नरसंहार के लिए (बीजेपी से) माफी की मांग करते हैं.’

जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान

ख़बर: नरेश शर्मा भारद्वाज

पंजाब में PM मोदी का नया नारा- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान, ….
..पंजाब में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि विज्ञान ने देश के विकास में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है। विज्ञान को सामान्‍य लोगों से जोड़ना होगा और देश के उन्‍नति के लिए सस्‍ते व कारगर तकनीक विकसित करनी होगी। उन्‍होेंने सस्‍ती तकनीक और कारगर इस्‍तेमाल का मंत्र दिया। इसके साथ ही उन्‍होंने देश के लिए नया नारा दिया- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान’।……………

पीएम मोदी ने जालंधर में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू ) 106वीं इंडियन साइंस कांग्रेस का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री पहले आदमपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे और वहां से हेलीकाप्‍टर से एलपीयू पहुंचे। उनका यहां पहुंचने पर भव्‍य स्‍वागत किया गया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साइंस को सामान्‍य लोगों से जाेड़ना होगा। हमें दुनिया की लीडरशिप लेने के लिए बहुत कुछ करना है। लोगों के जीवन के सभी पहलुओं को आसान बनाने के लिए काम करना होगा। विज्ञान का देश की प्रगति और लोगों के कल्‍याण में बहुत महत्‍व है। आज जरुरी है कि कम कीमत मेें कारगर तकनीक विकसित किए जाने की जरूरत है।

पंजाब से प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की खास बातें

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरदासपुर ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है. एनडीए सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर बनाने का ऐतिहासिक फैसला किया

पंजाब के गुरदास में प्रधानमंत्री मोदी रैली को संबोधित कर रहे थे यहां बोलते हुए उन्होंने कहा कि गुरदासपुर ने हमेशा देश का नाम रोशन किया है. एनडीए सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर बनाने का ऐतिहासिक फैसला किया.

     जिनका इतिहास हजारों सिख भाई-बहनों की बेरहमी से हत्या का हो. जो आज भी दंगों को आरोपियों को मुख्यमंत्री पद का पुरस्कार दे रहे हों. उन लोगों से पंजाब समेत पूरे देश को सतर्क रहने की जरूरत है.

     आरोपियों को बचाने के लिए फाइलें दबा दी गई थीं. उन्हें सजा दिलाने के लिए एनडीए ने एसआईटी का गठन किया. केंद्र की एनडीए सरकार किसान, जवान, नौजवान की आशंकाओं को साकार करने के लिए पूरी क्षमता से जुटी है. कांग्रेस सिर्फ झूठ और धोखाधड़ी की राजनीति कर रही है.

     इस फैसले की वजह से लगभग दो दर्ज फसलों का समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना दर्ज हुआ है. इस फैसला का पूरा लाभ किसानों तक पहुंचे. जो दशकों तक किसानों के दर्द का इलाज नहीं ढूंढ पाए, वो अब फिर झूठे वायदों से किसान की आंख में धूल झोंकने में जुटे हैं.

     किसान तो भला-भोला होता है. कांग्रेस के सारे पाप जानते हुए भी किसान ने कांग्रेस पर भरोसा किया. भरोस की सजा आज भी देश का किसान भुगत रहा है. किसानों पर 6 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था. 2008-09 किसानों को कर्ज माफी का वादा किया तो 6 लाख करोड़ का कर्ज देश के किसान पर था, लेकिन कर्ज माफी सिर्फ हुई 5 हजार करोड़. बाकी सारे किसान इंतजार करते रह गए.

     डेढ़ साल बाद सच्चाई क्या है. कांग्रेस के लोग जनता को गुमराह करने के लिए कागज लेकर संसद पहुंच गए थे. उसमें उन्होंने जो लिखा है उसका दावा कर रहे थे. पंजाब के लोगों को तो कांग्रेस ने खुद स्वीकार कर लिया कि हमने कुछ नहीं किया है. 1.5 साल में 3400 करोड़ का कर्ज माफ. 3400 करोड़ का कर्ज माफ पंचवर्षीय योजना है क्या?

     वंदे मातरम पर कांग्रेस रोक लगा रही है. एक बूंद बू्ंद पानी के लिए किसान तरस रहा है. रावी का पानी जो आप सभी के पंजाब के हक का था. बिना इस्तेमाल के पाकिस्तान जा रहा है. हमारी सरकार को ये मंजूर नहीं है. एनडीए सरकारी की नीति रही है. हमारा पानी हमारा रहेगा.

     किसानों की फसल बर्बाद न हो. इसके लिए व्यापक स्तर पर काम हो रहा है. पंजाब में 17 नए कोल्ड स्टोरेज या तो तैयार हो चुके हैं या तैयार होने वाले हैं. ऐसे अनेक प्रयासों से ही अकेले पंजाब में हजारों युवाओं को सीधा रोजगार मिला है. मैं पंजाब और देश के किसानों को ये बताना चाहता हूं कि एनडीए सरकार ने एग्रीकल्चर पॉलिसी मंजूर की है उससे भी किसानों को बहुत लाभ होगा.

     पंजाब की 11 लाख से ज्यादा बहनों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया जा चुका है. यहां के युवाओं को 28 लाख मुद्रा लोन दिए गए हैं. केंद्र सरकार अपनी तरफ से कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ योजनाओं को लेकर राज्य सरकार को और गति लाने की जरूरत है.

     पंजाब की 11 लाख से ज्यादा बहनों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया जा चुका है. यहां के युवाओं को 28 लाख मुद्रा लोन दिए गए हैं. केंद्र सरकार अपनी तरफ से कोशिश कर रही है, लेकिन कुछ योजनाओं को लेकर राज्य सरकार को और गति लाने की जरूरत है.

     मंदिर हो, लंगर हो, भंडारे हो. सेवा के भाव से पूरी श्रद्धा के साथ यहां जुड़ता है. ये परंपरा सदियों से चली आ रही है. इन सभी योजनाओं को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. पंजाब में कांग्रेस की सरकार आने के बाद विकास की रफ्तार रुक गई है.

सामाजिक समरसता की जागरूकता हेतु माता मनसा देवी श्राइन से लड़कियों की यात्रा शुरू

पंचकूला 3 जनवरी।

हरियाणा की शहरी स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन ने श्री मनसा देवी मंदिर पंचकूला से प्रदेश में सामाजिक समरसता लाने के लिए जागरूक करने हेेतू चलाई जा रही सामाजिक समरसता यात्रा को झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने की।
इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह से रूबरू होते हुए शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्रीमती कविता जैन ने कहा कि मातृभूमि से वरदान सदैव अमर करने के लिए सामाजिक समरसता लाने के लिए चलाई यात्रा प्रदेश के अधिकांश जिलों का दौरा कर लोगों में चेतना लाने का कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि इंडियन मीडिया सेंटर -हरियाणा द्वारा आपसी भाईचारे को बढावा देने के लिए सामाजिक समरसता जागरूकता रैली का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मीडिया की ताकत किसी से छिपी नही है। चाहे कोई भी क्षेत्र हो आज के दौर मेें मीडिया एक शक्ति के रूप में उभरा है। चाहे देश के आजादी के आन्दोलन की बात रही हो या देश को नई दिशा की ओर ले जाने की बात रही हो, मीडिया ने हमेशा से ही बडी सराहनीय भूमिका निभाई है। देश और प्रदेश में लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मीडिया हमेशा से ही आगे रहा है। पत्रकारिता हमेशा से ही समाज एक महत्वपूर्ण अंग रही है
स्थानीय शहरी निकाय मंत्री ने कहा कि सामाजिक समरसता एक ऐसा विषय है जिसकी चर्चां करना एवं इसे ठीक प्रकार से कार्यान्वित करना आज समाज एवं राष्ट्र की मूलभूत आवश्यकता है। इसके लिए हमें सबसे पहले सामाजिक समरसता के अर्थ के अच्छे से जानना बहुत जरूरी है। संक्षेप में इसका अर्थ है सामाजिक समानता। यदि व्यापक अर्थ देखें तो इसका अर्थ है जातिगत भेदभाव एवं अस्पृश्यता को जड़मूल से उन्मूलन कर लोगों में परस्पर प्रेम एवं सौहार्द बढ़ाना तथा सभी को अपने समान समझना। सृष्टि में सभी मनुष्य एक ही ईश्वर की संतान है और उनमें एक ही चौतन्य विद्यमान है, इस बात को हृदय से स्वीकार करना बहुत ही आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि यदि देखा जाये तो पुरातन भारतीय संस्कृति मेें कभी भी किसी के साथ भेदभाव स्वीकार नहीं किया गया है। हमारे वदों में भी जाति या वर्ण के आधार पर किसी भेदभाव का उल्लेख नहीं है।गुलामी के सैंकड़ों में आक्रमणकारियों द्वारा हमारे धार्मिक ग्रन्थों में कुछ मिथ्या बातें जोड़ दी गई जिससे उनमें कई विभूतियां आ गई जिसके कारण आज भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शास्त्रों में जाति के आधार पर नहीं बल्कि धर्म के आधार पर वर्ण व्यवस्था बतायी गई है। समय के साथ साथ इन व्यवस्थाओं में अनेक विकृतियां आती गई जिसके परिणामस्वरूप अनेक कुरीतियों वं कुप्रथाओं का जन्म हुआ। इन सबके कारण जातिगत भेदभाव छूआछूत आदि की प्रवृति बढती गई।
पंचकूला के विधायक एवं मुख्य सचेतक ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि किसी भी राज्य के सम्पूर्ण विकास का मापन राज्य के वंचितों पीडि़तों के विकास के आधार पर होता है। सच्चा सर्वागीण विकास वही है जिसमें अंतिम छोर पर निवास करने वाले छोटे से छोटे आदमी तक विकास का फल पहुंचे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारे देश का शासन ऐसा ही कल्याणकारी राज्य कहा जाता है। उनके जीवन कार्य का केन्द्र बिन्दु समाज के अंतिम पायदान पर खड़ा सामान्य आदमी ही है।
श्री गुप्ता ने कहा कि पिछले चार वर्षो के कार्यकाल के दौरान वर्तमान प्रदेश सरकार ने भी सभी वर्गो के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक उत्थन के जितना कार्य किया है इससे पहले किसी भी सरकारों ने नहीं किया। सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वायदों से अधिक किया है। संत शिरोमणी रविदास, महर्षि वाल्मिकी कबीर दास तथा डा. बीआर अम्बेडकर जैसे महापुरूषों की जंयतियों को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पहली बार सरकारी तौर मनाने का निर्णय लेकर इन महापुरूषों को सच्ची श्रद्वांजलि दी है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां पर इन जयंतियों को सरकारी तौर पर मनाया जाता है।
श्री माता पूजा स्थल बोर्ड के मुख्य प्रशासक एस पी अरोड़ा, बोर्ड की गैर सरकारी सदस्य श्रीमति शारदा प्रजापति, नगर निगम के कार्यकारी अधिकारी जनरैल, इंडियन मीडिया सेंटर हरियाणा के महा सचिव नरेन्द्र सिंह संयोजक जंगशेर राणा सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

10:00 am to 4:00 pm are new school times in punjab

Considering foggy conditions in the State, The Punjab Education Department has issued an order to change the timings of all the Govt, private, aided and recognised Primary, Middle, High and Senior Secondary Schools in the state.

Disclosing this, Punjab Education Minister Mr. O.P. Soni said that to ensure that our children are kept safe from intense fog and harsh weather conditions, we have decided to change the school timings with immediate effect. The new timings would be from 10 am to 4 pm for all the Primary schools and 10 am to 4:15 pm for all the Middle, High and Senior Secondary Schools. The changed timings will be immediately effective till further orders.

Police File

DATED

03.01.2019

Special drive against consuming liquor at public place was carried out at different parts of the city in which total 03 cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered.

 In continuation of a special drive against consuming liquor at public place, yesterday, the drive was carried out at different parts of the city. Under this drive total 03 different cases U/S 68-1(B) Punjab Police Act 2007 & 510 IPC got registered in different police stations of Chandigarh in which total 05 persons were arrested while consuming liquor at public   place. All later on bailed out. The detail of police Stations in which cases U/S 68-1 (B) Punjab Police Act 2007 & 510 got registered:- PS-3= 2 cases, PS-49 = 1 case.

This drive will be continuing in future, the general public is requested for not breaking the law.

Dowry

A lady resident of Sector-23, Chandigarh alleged that her husband & other resident of Village-Naya Gaon, Distt.-Mohali, Punjab harassed complainant to bring more dowry. A case FIR No. 07, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

A lady resident of Sector-29, Chandigarh alleged that her husband & others all resident of Distt.-Hoshiarpur, Punjab harassed complainant to bring more dowry. A case FIR No. 08, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

A lady resident of Sector-56, Chandigarh alleged that her husband resident of Distt.-Mandi, HP harassed complainant to bring more dowry. A case FIR No. 09, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

A lady resident of Village-Dhanas, Chandigarh alleged that her husband & others all resident of Sector-56, Chandigarh harassed complainant to bring more dowry. A case FIR No. 10, U/S 406, 498-A IPC has been registered in PS-Women, Chandigarh. Investigation of case is in progress.

Accident

A case FIR No. 04, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-03, Chandigarh on the statement of Deepak Deswal, R/o # 315, near Bus Stand, Village- Khuda Ali Sher, Chandigarh who alleged that driver of Swift car No. CH-01BJ-0649 namely Vijay Kumar R/o # 2351, Sector-25/D, Chandigarh hit to complainant’s father (cyclist) near Bougainville Garden, Sector-03, Chandigarh on 28.12.2018. Cyclist person namely Suraj Bhan got injured and admitted in PGI, Chandigarh.  Alleged person arrested and bailed out. Investigation of the case is in progress.

A case FIR No. 03, U/S 279, 337 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh on the statement of Murari Lal R/o # 5877, Sector-56/D, Chandigarh who alleged that driver of car No. PB-01C-0991 namely Bir Singh R/o Village-Rapad, Gharoh, Tehsil-Nurpur, Distt.-Kangra, HP hit to complainant’s Activa scooter No. CH-01BP-7452 near Sector-39/40/55/56 chowk, Chandigarh on 12.12.2018. Complainant’s got injured and admitted in Govt. Hospital, Phase-6, Mohali, Punjab.  Later he referred to PGI, Chandigarh on 15.12.2018. Alleged person arrested and bailed out. Investigation of the case is in progress.

MV Theft

Rohit Janagal R/o # 2344/D, Block No.30, Sector-63, Chandigarh reported that unknown person stolen away complainant’s motor cycle No. PB-09AG-6998 while parked near his residence in between 17.12.2018 to 19.12.2018. A case FIR No. 02, U/S 379 IPC has been registered in PS-49, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Snatching

Kishan Chand R/o # 101, Village-Buterla, Sector-41/B, Chandigarh alleged that 2 unknown persons occupant of white Activa scooter sped away after snatching complainant’s mobile phone near lake, Sector-42, Chandigarh on 02.01.2019. A case FIR No. 02, U/S 356, 379, 34 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Burglary

A lady resident of Sector-25, Chandigarh reported that unknown person stolen away One DVR (of CCTV Camera), One digital Watch from # 855, Sector-38/A, Chandigarh on night intervening 31/01.01.2018. A case FIR No. 02, U/S 380, 457 IPC has been registered in PS-39, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

Missing/Abduction

A person resident of Sector-52, Chandigarh reported that his son age about 14 years has been missing/abducted from near his residence since 29.12.2018. A case FIR No. 03, U/S 363 IPC has been registered in PS-36, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

A person resident of Maloya Colony, Chandigarh reported that his wife age about 25 years and son age about 15 days have been missing/abducted from his residence since 02.01.2019. A case FIR No. 01, U/S 363 IPC has been registered in PS-Maloya, Chandigarh. Investigation of the case is in progress.

कर्जमाफ़ी के बहाने अब केंद्र पर ठीकरा फोड़ने की तैयारी

बीजेपी से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सत्ता छीन लेने के बाद कांग्रेस अति उत्साह में है. दूसरी तरफ, राजस्थान में हार की समीक्षा के बाद बीजेपी अब नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे में उलझी है. लेकिन जीत और हार की लाइन के आरपार दोनों तरफ से बयानों के तीर दे दना दन छोड़े जा रहे हैं. नई सरकार ये दिखाने की कोशिश कर रही है कि पिछली सरकार ने कुछ काम नहीं किया. पिछली सरकार के लोग ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि नए वाले काम छोड़कर सिर्फ ‘चाटुकारिता’ कर रहे हैं.

कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ये आरोप लगाती रही है कि वे 60 साल के कांग्रेस राज और विशेषकर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के योगदान को जानबूझकर कमतर दिखाने की कोशिश करते हैं. लेकिन राजस्थान में सत्ता में आने के बाद यही खेल कांग्रेस भी करती नजर आ रही है.

गहलोत रो रहे खाली खजाने का रोना

किसान कर्ज़ माफ़ी पर सत्ता में पहुंची कांग्रेस ने शुरुआती 10 दिन में इसका ऐलान तो कर दिया. लेकिन अब इससे बचने के बहाने बनाने भी शुरू कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एकबार फिर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पर राजस्थान की राजकोषीय स्थिति को बिगाड़ देने का आरोप लगाया है. गहलोत के मुताबिक 2013 में जब उन्होने सीएम ऑफिस छोड़ा था, तब राज्य पर 1.39 लाख करोड़ का कर्ज़ था. लेकिन 5 साल बाद जब लौटे हैं तो उन्हे ये कर्ज़ 3 लाख करोड़ रुपए का बताया गया है. उन्होने पूछा है कि 66 साल में जितना कर्ज़ नहीं हुआ, उससे ज्यादा 5 साल में ही कैसे हो गया. सितंबर, 2018 में 8 हजार करोड़ की किसान कर्ज़ माफी को भी उन्होने नई सरकार पर डाल देने का आरोप लगाया है.

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गहलोत पिछले 10 दिन में दसियों बार राजस्थान के खाली खजाने का रोना रो चुके हैं. शायद कोशिश हो कि आने वाले लोकसभा चुनाव तक अगर किसानों की कर्ज़ माफ़ी वास्तविक रूप में नहीं हो पाती है तो उनसे सवाल पूछने से पहले ही जनता के दिमाग में ये बात बैठ जाए कि सरकार तो खुद ही तंगहाली से जूझ रही है.

कर्ज माफ़ी की गेंद केंद्र पर डालने की कोशिश

खाली खजाने और सरकार पर भारी कर्ज़ की बार-बार दुहाई के साथ ही एक कोशिश और शुरू कर दी गई है. कोशिश है कि किसानों की कर्ज़ माफ़ी का मुद्दा केंद्र के पाले में डाल दिया जाए. अभी तक कर्ज माफी की सिर्फ घोषणा हुई है. उसका रोडमैप पेश नहीं किया गया है. अभी किसी को भी ये नहीं पता कि 2 लाख रुपए तक का कर्ज़ कैसे माफ होगा, किसका माफ होगा, कब तक माफ होगा और इसकी पूर्ति कहां से की जाएगी.

फिलहाल, सरकार इस मामले का खाका खींचने के लिए एक समिति बनाने की बात कह रही है. अब इस तरह के बयान सामने आ रहे हैं कि किसानों का कर्ज़ राज्य क्यों माफ करें. इसे केंद्र की मोदी सरकार को माफ करना चाहिए. गहलोत ने मीडिया से कहा कि यूपीए सरकार ने 72 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया था. उसी तर्ज पर अब केंद्र सरकार को ही राज्यों के किसानों की कर्ज माफी को वहन करना चाहिए.

केंद्र पर दबाव बनाने के लिए अगले हफ्ते कांग्रेस एक किसान रैली का आयोजन भी कर रही है. किसानों को धन्यवाद के नाम पर बुलाई जा रही इस रैली की अध्यक्षता राहुल गांधी करेंगे. राहुल गांधी ने चुनाव जीतने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा भी था कि वे केंद्र सरकार पर पूरे देश के किसानों की कर्ज़ माफ़ी का दबाव बनाएंगे.

कांग्रेस पर काम नहीं चाटुकारिता के आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी बयानों के तीर छोड़ने में गहलोत से पीछे नहीं हैं. राजे ने सोशल मीडिया पर ट्वीट के जरिए कांग्रेस पर सिर्फ गांधी परिवार की चाटुकारिता में ही बिजी रहने के आरोप लगाए हैं. राजे के मुताबिक उनके विधानसभा इलाके में एक किसान की ठंड से मौत हो गई. मेवाड़ में एक किसान ने सर्दी से फसल खराब हो जाने पर खुदकुशी कर ली. जबकि सैकड़ों किसानों ने खेतों में खड़ी प्याज की फसल पर इसलिए ट्रैक्टर चला दिया क्योंकि मौजूदा भाव पर उसे मंडी में ले जाने की लागत ही नहीं निकल सकती.

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वसुंधरा राजे ने आरोप लगाया है कि सरकार अचानक मिली सत्ता के मद में चूर है और कर्ज़ माफी के ऐलान के बाद किसानों के मुद्दे से आंखें मूंद ली हैं. वैसे, सरकार की मंशा पर अब बुद्धिजीवी लोग भी अंगुली उठाने लगे हैं. कर्ज़माफी के सीधे-सीधे मुद्दे को हल करने के बजाय समिति बनाने जैसे सरकारी कदम उसे उलझाते हुए से लग रहे हैं.

2013 में बीजेपी सरकार ने आते ही बॉर्डर इलाके में रॉबर्ट वाड्रा की खरीदी जमीनों की जांच की बात कही थी. 2013 में इस तरह के बयान भी आए थे कि गहलोत सरकार के आखिरी 6 महीनों के काम की समीक्षा की जाएगी. तब कांग्रेस ने इस पर बड़ा हंगामा किया था. लेकिन अब कांग्रेस सरकार ने बीजेपी के फैसलों की समीक्षा के लिए मंत्री समूह गठित कर दिया है. इस समूह में स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, ऊर्जा मंत्री बी डी कल्ला और खाद्य-आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा शामिल हैं.

समस्या सुलझाने के बजाय बना दिए मंत्री समूह

यूपीए सरकार में दर्जनों मंत्री समूह (GoMs और EGoMs) बने हुए थे. 2014 में मोदी सरकार ने आते ही इन्हे खत्म कर दिया था. तर्क था कि ये काम को सुलझाने के बजाय उसकी गति को धीमा करते हैं. लेकिन पुराने ढर्रे पर चलते हुए गहलोत सरकार ने 3 मंत्री समूह (GoM) बना दिए हैं. कहा गया है कि ये मंत्री समूह कांग्रेस के चुनावी वादों को तेजी से पूरा करने के तरीकों पर सिफारिशें देंगे.

दिक्कत ये है कि एक-एक मंत्री कई-कई समूहों में शामिल है. क्या ये उसपर कार्यभार नहीं बढ़ाएगा. मंत्री के पास अपने विभाग का ही वर्कलोड कम नहीं होता. उस पर उसे एकाधिक मंत्री समूहों में शामिल करना काम के दबाव को कई गुना बढ़ा सकता है. इस तरह वास्तव में अपने पोर्टफोलियो के साथ एक मंत्री कितना न्याय कर पाएगा ?

ऊर्जा मंत्री बी.डी कल्ला, बीजेपी के फैसलों की समीक्षा करने वाले मंत्री समूह के अलावा उस समूह में भी शामिल हैं जिसे संविदाकर्मियों को नियमित करने पर राय देने के लिए बनाया गया है. इस समूह में कुल 5 मंत्री हैं. इसके अलावा, राज्यपाल के अभिभाषण के लिए भी 3 सदस्यीय मंत्री समूह बनाया गया है. इस समूह में शामिल रघु शर्मा दूसरे मंत्री समूह में भी हैं.

ऐसा लग रहा है कि किसानों का मुद्दा सिर्फ चुनाव जीतने के लिए ही बना है. विपक्ष में रहते कांग्रेस बीजेपी पर असंवेदना के आरोप लगाती थी. लेकिन अब सरकार बनने के बाद भी किसान वैसी ही समस्याएं झेल रहे हैं. फर्क बस ये आया है कि अब वही आरोप बीजेपी नेता लगा रहे हैं. गेहूं के किसानों को यूरिया नहीं मिल रहा है, प्याज के किसान फसल उखाड़ रहे हैं. मूंग के किसान हाईवे जाम कर रहे हैं और मूंगफली के किसान मंडियों के बाहर इंतजार में बैठे हैं. कुल मिलाकर सरकार बदलने के बावजूद किसान वैसे ही बेहाल हैं, जैसे पहले थे.

AJL Plot Allotment: CBI court grants bail to Bhupinder Singh Hooda and Motilal Vora


Bhupinder Singh Hooda (File Photo)

PANCHKULA: 

 CBI court on Thursday granted bail to former Haryana Chief Minister Bhupinder Singh Hooda and senior Congress leader Motilal Vora in AJL Land allotment case.

In the last hearing, the special  CBI Judge Jagdeep Singh had issued notice to former CM Haryana Hooda and Vora and had directed them to appear in person on January 3.

On Thursday, both Hooda and Vora had appeared in Panchkula CBI court. The court has now fixed February 6 as next date of hearing

On December 1 last year, the CBI had filed chargesheet against Hooda, Motilal Vora and Associated Journals Ltd (AJL), publisher of the National Herald newspaper, in special CBI court in Panchkula, for allegedly illegal re-allotment of land to AJL, in Panchkula in 2005.

The chargesheet was filed in the court of special CBI Judge Jagdeep Singh under sections 120 B and 420 of IPC and Sections 13 (I) (d) read with 13 (2) of prevention of corruption act.

As per the allegations, an industrial plot at Panchkula was illegally re-allotted to Associated Journal Ltd (AJL), which is reportedly controlled by senior congress leaders including Gandhi family through Young India Ltd. Founded by former prime minister, Jawahar Lal Nehru, AJL runs National Herald newspaper. The allegations are that by abusing his position and against the legal opinion of authorities and advice of Legal Remembrancer for re-advertising the said plot, the plot was re-allotted to AJL by the then CM cum Chairman Haryana Urban Development Authority (HUDA), Bhupinder Singh Hooda in 2005 at original rates plus interest. Allotment of plot caused loss to exchequer and wrongful enrichment to the company.

The CBI then filed an FIR under Sections 409, 420 and 120-B of the Indian Penal Code on the written requests of the Haryana government, the notification of the Union Government and on the complaint of vigilance bureau. The FIR was registered by the CBI on April 6, 2017.