शायरा बनो और एचएस फूलका राजनाथ सिंह द्वारा सम्मानित होंगे

फुलका को पिछले तीन दशक से अदालत में 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए सम्मानित किया जाएगा.

नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता एच एस फुलका और कार्यकर्ता शायरा बानू को एक कार्यक्रम में सम्मानित करेंगे.
फुलका को पिछले तीन दशक से अदालत में 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने और बानू को तीन तलाक के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए सम्मानित किया जाएगा. यह कार्यक्रम केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के आवास अशोका रोड पर आयोजित होगा.

गोयल ने बताया, ‘सिख विरोधी दंगा मामले की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए फुलका को और तीन तलाक को अदालत में चुनौती देने वाली शायरा बानू को गृहमंत्री राजनाथ सिंह सम्मानित करेंगे.’ 

शायरा बानू ने उच्चतम न्यायालय से तीन तलाक को खत्म करने के लिए संपर्क किया था. अपने मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए वह इस पर्सनल कानून को चुनौती देने वाली पहली मुस्लिम महिला थी. 

फुलका ने इस महीने की शुरुआत में छोड़ दी थी आप 
फुलका ने इस महीने की शुरुआत में बिना कारण बताए आप से इस्तीफा दे दिया था. वह गोयल से उनके जन्मदिन पर चार जनवरी को भी शुभकामनाएं देने के लिए मिले थे. ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. 

फुलका आप से इस्तीफा देने की वजहों के बारे में बात करने से इनकार करते रहे हैं. उन्होंने पंजाब में मादक पदार्थ के खतरों से लड़ने और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के राजनीतिकरण के खिलाफ गैर-राजनीतिक संगठन बनाने की इच्छा जाहिर की थी.

हालांकि फुलका आप और कांग्रेस के बीच किसी भी तरह के गठबंधन के विरुद्ध थे. हालांकि दोनों पार्टियों के बीच चुनाव से पूर्व गठबंधन की बात चल रही है जबकि दोनों ही आधिकारिक तौर पर इससे इंकार कर रहे हैं. 

सूत्रों का दावा है कि राजीव गांधी से भारत रत्न छीनने की मांग पर आम आदमी पार्टी के रुख से भी फुलका नाराज थे. फुलका ने अपने अगले राजनीतिक कदम की घोषणा नहीं की है. हालांकि उन्होंने साफ कहा है कि वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. 

3.5 करोड़ की कमाई के साथ द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर ने की अछि शुरुआत

नई दिल्ली: बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर और अक्षय खन्ना की फिल्म ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ शुक्रवार (11 जनवरी) को सिनेमाघरों में रिलीज हो हुई. सच्‍ची घटना पर आधारित इस फिल्‍म को दर्शकों ने काफी पसंद किया है और यही वजह है कि इस ने पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर हंगामा मचा दिया है. यह फिल्म भारतीय नीति विश्लेषक संजय बारू की किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर, द मेकिंग एंड एनमेकिंग ऑफ मनमोहन सिंह’ पर आधारित है. उन्होंने इसे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के जीवन में हुई घटनाओं के आधार पर लिखा था. संजय बारू उनके मीडिया सलाहकार भी रहे हैं. हंसल मेहता ने इस किताब पर फिल्म बनाई है और डायरेक्शन विजय रत्नाकर गुट्टे ने किया है

बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार इस फिल्म ने अपने रिलीज के पहले दिन लगभग 3.5 करोड़ रुपये की कमाई करने में सफलता हासिल की है. गौरतलब है कि अपने ट्रेलर के रिलीज के बाद से ही यह फिल्म विवादों में घिर चुकी थी. फिल्म को लेकर कई नेताओं के बयान भी सामने आए थे. यहां तक कि ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ के ट्रेलर पर प्रतिबंध लगाने की याचिका भी दिल्ली हाइकोर्ट में दायर की गई थी, जिसे बाद में कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ की कहानी की बात की जाए तो यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के बीच रिश्तों पर आधारित है या यह कह लें कि यह फिल्म न्यूक्लियर डील को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के बीच जो विवाद थे उसी पर आधारित है. राजनीति में दिलचस्प रखने वालों लोगों के लिए ये एक जबरदस्त फिल्म है, लेकिन राजनीति से दूर रहने वालों को शायद ही यह फिल्म ज्यादा समक्ष में आए.

फिल्म में अभिनय की बात की जाए, तो सभी किरदारों ने जबरदस्त भूमिका निभाई है. डॉ. मनमोहन सिंह की भूमिका में अनुपम खेर और सोनिया गांधी की भूमिका में सुजैन बर्नर्ट के अलावा संजय बारू के किरदार में अक्षय खन्ना ने तो मानो फिल्म में जान फूंक दी हो. फिल्म में अक्षय खन्ना संजय बारू के किरदार में है, जो मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार थे. फिल्म में अक्षय आपको स्टोरी सुनाते नजर आएंगे. अक्षय खन्ना का किरदार फिल्म की जान है. 

मकर संक्रांति को प्रात: आदित्य ह्रदय स्तोत्र का करें पाठ

नई दिल्ली: हिंदू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक मकर संक्रांति पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. हिंदू धर्म में सूर्य की पूजा की जाती है और उन्हें सूर्य देवता के रूप में पूजा जाता है, जो पृथ्वी पर सभी जीवित प्राणियों का पोषण करते हैं. इस बार मकर मकर संक्रांति के पर्व पर एक खास योग बन रहा है. साल 2019 में मकर संक्रांति सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जायेगा.

खत्म होगा मलमास
सूर्य के मकर राशि में आने से मलमास समाप्त होगा, जिससे मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे. सूर्य जब मकर, कुंभ, मीन, मेष, वृष और मिथुन राशि में सूर्य रहता है, तब ये ग्रह उत्तरायण होता है. जब सूर्य शेष राशियों कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक और धनु राशि में रहता है, तब दक्षिणायन होता है. 

ऐसे करें पूजा
मकर संक्रांति पर सुबह जल्दी उठें और स्नान करें.
संभव हो तो तीर्थ स्नान पर स्नान करें, इससे पुण्य की प्राप्ति होती है. 
स्नान के बाद तांबे के लोटे में लाल फूल और चावल डालकर सूर्य को जल चढ़ाएं. 
मंदिर में गुड़ और काले तिल का दान करें. ये शुभ होता है. 
भगवान को गुड़-तिल के लड्डू का भोग लगाएं और भक्तों को प्रसाद वितरित करें. 

आदित्य ह्रदय स्तोत्र का करें पाठ
ज्योतिष के अनुसार, सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर उसकी किरणों से अमृत की बरसात होने लगती है. इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. इसलिए मकर संक्रांति पर सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है. ऐसे में अगर भाषा व उच्चारण शुद्ध हो तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ अवश्य करें क्योंकि यह एक बहुत ही फलदायक रहेगा. 

इस मंत्र का करें जाप
सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप 108 बार करें, लाभ होगा. 

बिष्णुपुर से लोक सभा प्रत्याशी होंगे सौमित्र खान

कोलकाता: तृणमूल को छोड़ बीजेपी में शामिह हुए पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर बाहुबली सांसद सौमित्र ख़ान की शर्त को बीजेपी द्वारा मान लिया गया है और उन्हें उन्हीं के गढ़ बिष्णुपुर से लोकसभा प्रत्याशी के रूप में उतारने का फैसला किया है. बीजेपी सूत्रों द्वारा ही इसका खुलासा हुआ है. बता दें, सौमित्र ख़ान बुधवार को ही बीजेपी में शामिल हुए हैं.

तृणमूल से निकलने के बाद बाहुबली सांसद सौमित्र ख़ान के राजनैतिक भविष्य को लेकर
राजनैतिक माहौल में सरगर्मियां तेज़ हो गईं थी. जिसके बाद बीजेपी में शामिल होने से पहले सौमित्र ने दो शर्ते रखी थीं. पहली शर्त ये थी की उन्हें बिष्णुपुर से लोकसभा का टिकट दिया जाए और दूसरी शर्त यह थी की युवा बीजेपी मोर्चा का अध्यक्ष उन्हें बनाया जाए. हालांकि, सौमित्र की दूसरी शर्त को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मानने से इंकार कर दिया है लेकिन उनकी पहली शर्त मान ली गई है. 

2019 के लोकसभा चुनाव में बिष्णुपुर से सौमित्र ख़ान का नाम तय हो गया है. बीजेपी ने ख़ान को अपने चुनावी क्षेत्र में संपर्क बढ़ाने के लिए कहा है जिसके चलते कहा जा सकता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सौमित्र ख़ान बिष्णुपुर से चुनाव लड़ने के लिए तत्पर हैं. अब सिर्फ घोषणा होने का इंतजार है. मंगलवार रात से सौमित्र खबरों में थे कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है और उनके सहायक का अपहरण करने की कोशिश की जा रही है. जिसके चलते उन्होंने एक फेसबुक लाइव भी किया था और उसके बाद बुधवार को वह बीजेपी में शामिल हो गए. 

तृणमूल कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होते ही सौमित्र ने तृणमूल पर आरोपों की झड़ी लगा दी. बुधवार दोपहर को बीजेपी सदर दफ्तर में बैठकर उन्होंने आरोप लगाते हुए बंगाल में कहा, ‘अभी दीदी-भतीजे का राज चल रहा है. युवाओ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है’ और इसके बाद से ही तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष तथा डायमंड हारबर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने सौमित्र ख़ान को चैलेंज दे दिया और कहा अगर हिम्मत है तो चुनाव में जीत कर दिखाएं. इसके जवाब में सौमित्र ख़ान ने कहा की बिष्णुपुर की जनता ही इसका फैसला करेगी. 

ख़ान ने कांग्रेस से की थी राजनीतिक जीवन की शुरुआत
सौमित्र ख़ान ने अपने राजनितिक जीवन की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी जिसके बाद वो तृणमूल में शामिल हो गए और विधायक भी बने. फिर तृणमूल की तरफ से उन्हें लोकसभा की टिकट भी मिला और साल 2014 में बांकुड़ा के बिष्णुपुर लोकसभा से वह पहली बार सांसद बने लेकिन सूत्रों की माने तो पिछले कुछ दिनों से ही सौमित्र और तृणमूल के बीच सम्बन्धो में खटास आ गई थी. बीजेपी में शामिल होने के लिए चुपके चुपके बातचीत भी चल रही थी और अंत में बुधवार को उन्होंने तृणमूल को छोड़ BJP का हाथ थाम लिया.

चाचा यादव पर बोलो बुआ तो बअउआ मुसकुराते रहे

लखनऊ : यूपी की राजनीति में शनिवार का दिन बड़ा अहम रहा. अब तक एक दूसरे की विरोधी रही बसपा और सपा ने अगले चुनावों में गठबंधन का निर्णय किया है. इसके लिए दोनों दलों के नेताओं ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की घोषणा की. दोनों पार्टियां यूपी में 38-38 सीटों पर चुनाव  लड़ेंगीं. 4 सीटें उन्होंने अभी छोड़ रखी हैं. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों के निशाने पर बीजेपी और पीएम मोदी रहे. लेकिन मायावती ने एक समय इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव पर भी इशारों इशारों में हमला किया.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने साझा प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश के चाचा शिवपाल की पार्टी का मजाक उडाते हुये कहा कि ‘भाजपा का पैसा बेकार हो जायेगा क्योंकि वह ही शिवपाल की पार्टी चला रही है.’ दरअसल ये कहा जाता है कि शिवपाल की पार्टी को बीजेपी का समर्थन हासिल है. जब मायावती अपने अंदाज में शिवपाल पर चुटकी ले रही थीं, उस समय अखिलेश मंद मंद मुस्करा रहे थे.

प्रसपा ने भाजपा के आरोप को बताया निराधार
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने शनिवार को इस आरोप को ‘झूठा एवं निराधार’ बताया कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रसपा प्रमुख शिवपाल सिंह यादव को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है. प्रसपा के मुख्य प्रवक्ता सी पी राय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘ मायावती द्वारा यह आरोप लगाया गया कि भाजपा द्वारा शिवपाल यादव को आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है, यह आरोप झूठा एवं निराधार है.’

उन्होंने कहा, ‘यह सभी को पता है कि कौन लोग आर्थिक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और कौन सी पार्टी में टिकट बेचे जाते हैं.’ राय ने कहा कि प्रसपा पर भाजपा से मिले होने का आरोप लगाया गया है, यह आरोप पूर्णतया तथ्यहीन व बेबुनियाद हैं. आम जनमानस और मीडिया को यह पता है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के साथ मिलकर बार-बार किसने सरकार बनाई है.

उन्होंने कहा कि अखिलेश का जब जन्म भी नहीं हुआ था, उसके पहले से ही उत्तर प्रदेश में शिवपाल भाजपा और साम्प्रदायिक शक्तियों के खिलाफ सबसे मुखर रहे हैं. राय ने कहा कि अखिलेश को यह समझना चाहिए कि इसके पूर्व भी मायावती पिछड़ों, दलितों और मुसलमानों का वोट लेकर भाजपा की गोद में बैठ चुकी हैं. ऐसे में कहीं ऐसा न हो कि इतिहास फिर से स्वयं को दोहराए और मायावती चुनाव के बाद भाजपा से जा मिलें.

बीएसपी और एसपी के नेताओं के प्रति मेरे मन में अगाध श्रद्धा है, वे जो करना चाहते हैं उन्हें करने का अधिकार है: राहुल गांधी

हालांकि एसपी-बीएसपी के इस गठबंधन में दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी गई हैं. जबकि अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ना तय किया गया है. हालांकि कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है.

बीएसपी-एसपी गठबंधन पर चहुं ओर से प्रतिक्रियाएँ आ रहीं हैं कांग्रेस की ओर से आने वाली प्रतिक्रियाएँ संभावित ही हैं। बसपा सुप्रीमो ने जहां अपनि पत्रकार वार्ता में कांग्रेस पर दोषारोपण करते हुए कई बातें कहीं और अपना विरोध जताया वहीं उन्होने अमेठी और रायबरेली की सीट पीआर गठबंधन द्वारा की भी प्रत्याशी न उतरे जाने की बात कह अपने गठबंधन के कुछ रोशदान खुले रखने की ओर संकेत दिया है। जहां आज कांग्रेस के दिग्गजों में भरी निराशा व्याप्त थी वहीं राहुल गांधी के शब्द बहुत नपे तुले और संजीदा थे।

एसपी और बीएसपी लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. दोनों पार्टियों ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान किया है. इस गठबंधन पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि एसपी और बीएसपी जो करना चाहते हैं, उन्हें वो करने का अधिकार है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी यूएई के दौरे पर है. दुबई में उन्होंने कहा ‘कांग्रेस पार्टी के पास उत्तर प्रदेश के लोगों को देने के लिए बहुत कुछ है. बीएसपी और एसपी के नेताओं के प्रति मेरे मन में अगाध श्रद्धा है, वे जो करना चाहते हैं उन्हें करने का अधिकार है.’

राहुल गांधी ने कहा ‘बीएसपी और एसपी ने एक राजनीतिक निर्णय लिया है. यह हम पर है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए. हम अपनी पूरी क्षमता के साथ लड़ेंगे.’

दुबई में पाकिस्तान को लेकर राहुल गांधी ने कहा  ‘मैं पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध के समर्थन में हूं, लेकिन मैं पाकिस्तानी के जरिए निर्दोष भारतीयों पर की जा रही हिंसा को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा.’

दूसरी तरफ एसपी-बीएसपी के गठबंधन में दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी गई हैं. जबकि अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ना तय किया गया है. हालांकि कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है.

वहीं इस गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किए जाने के बारे में मायावती ने कहा कि कांग्रेस के सालों के शासन के दौरान गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ. उन्होंने कहा कि सरकार बदलती है लेकिन नीतियां नहीं बदलती. पहले भी रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार होता था और अब भी हो रहा है.

शायद यह अंतिम शब्द नहीं है: चिदंबरम

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पी चिदंबरम ने कहा- शायद यह अंतिम शब्द नहीं है, चुनाव के दृष्टिकोण के अनुसार कुछ पुनर्विचार होगा

अखिलेश माया के 38-38 के फार्मूले पर जहां भाजपा खेमे में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है वहीं कांग्रेस में तो बिलकुल हताशा वाली स्थिति है। एक के बाद एक कांग्रेस के दिग्गज नेता ब्यान दे रहे हैं की यह अंतिम वाक्य नहीं है। भाजपा और खासकर मोदी को सत्ता से दूर रखने के लिए जब सभी दलों का यही मत है तो चुनाव लड़ने को लेकर कोई कैसे अलग रह सकता है? कुछ को उम्मीद है की गठबंधन तो चुनावों के पश्चात भी तो किए जा सकते हैं तो फिर निराश क्यों हुआ जाये। परंतु प्रतक्ष्य: चेहरे उतरे हुए और वाणी धीमी है।

साल 1993 में एक साथ चुनाव लड़ने के 25 साल बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने शनिवार को एकबार फिर से आगामी लोकसभा चुनाव साथ में लड़ने का ऐलान कर दिया. एसपी मुखिया अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो ने लखनऊ में सांझा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस बात का ऐलान किया. एसपी और बीएसपी आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी गई हैं जबकि अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ना तय किया गया है. हालांकि कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है.

एसपी-बीएसपी गठबंधन पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा- शायद यह अंतिम शब्द नहीं है, चुनाव के दृष्टिकोण के अनुसार कुछ पुनर्विचार होगा. सही मायने में यूपी में व्यापक आधार वाला गठबंधन बनाया जाएगा. अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस पार्टी अपने बल पर चुनाव लड़ेगी.

‘भले ही हमारा मुश्किल वक्त चल रहा है, लेकिन हमें नजरअंदाज करना बड़ी भूल होगी.’अभिषेक मनु सिंघवी

भले ही माया- अखिलेश का गठबंधन हो गया हो परंतु इतिहास गवाह है की राष्टवादी ताकतों को रोकने के लिए और सत्ता प्राप्ति हेतु कांग्रेस चुनाव पश्चात भी गठजोड़ कर सकती है, जनता को पुन: चुनाव में न धकेलने की बात कह कर।

2019 के लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में गठबंधन का ऐलान हो चुका है. अखिलेश यादव और मायावती ने 2019 के रण को जीतने के लिए एक दूसरे पर भरोसा दिखाया है. हालांकि, महीनों से खबरें महागठबंधन की भी थीं. लेकिन दोनों पार्टियों ने कांग्रेस को किनारे लगा दिया और अब एक साथ मैदान में कूद रही हैं, जाहिर है कांग्रेस अलग-थलग पड़ गई है.

एसपी-बीएसपी गठबंधन पर कांग्रेस को लगता है कि अगले चुनावों में उसे नजरअंदाज करना बड़ी भूल होगी. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संभावित गठबंधन पर सवाल पूछे जाने पर शुक्रवार को कहा कि ‘भले ही हमारा मुश्किल वक्त चल रहा है, लेकिन हमें नजरअंदाज करना बड़ी भूल होगी.’

सूत्रों के मुताबिक, सिंघवी ने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों का सबसे बड़ा उद्देश्य केंद्र में बीजेपी और उसकी तानाशाही सरकार को हटाना होना चाहिए. उन्होंने आगे ये भी जोड़ा कि चूंकि सबका यही मानना है तो उन्हें लगता है कि भविष्य में उनका सामंजस्यपूर्ण गठबंधन जरूर होगा.

इसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव बक्शी ने भी कहा कि पार्टी लोकसभा चुनावों में अकेले ही लड़ने को तैयार थी. उन्होने कहा कि ‘हमारे पास लोकसभा में अकेले 45 सीटें हैं, जो किसी भी क्षेत्रीय पार्टी से ज्यादा हैं.’ उन्होंने ये भी कहा कि लोकसभा चुनावों में महागठबंधन किसी राष्ट्रीय चेहरे के इर्द-गिर्द होना चाहिए.

बता दें कि हाल ही में मायावती और अखिलेश ने दिल्ली में मुलाकात की थी, जिसके बाद इन संभावनाओं को तूल मिल गया था कि एसपी और बीएसपी लोकसभा चुनावों में गठबंधन कर रही हैं.

इसके बाद शुक्रवार को खबर आई कि माया और अखिलेश शनिवार को दोपहर 12 बजे जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं. इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि इस पीसी में गठबंधन का ऐलान हो सकता है.

वहीं ये भी कहा जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग पर बात बन गई है. खबर है कि दोनों पार्टियां 38-38 सीटों पर कैंडीडेट खड़ा करेंगी. खबर ये भी है कि वो राहुल गांधी और सोनिया गांधी के गढ़ अमेठी और रायबरेली पर अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगी और न ही अपना दल के उम्मीदवार के खिलाफ अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगी.

38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे माया-अखिलेश

1993 में एक साथ चुनाव लड़ने के 25 साल बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने शनिवार को एकबार फिर से आगामी लोकसभा चुनाव साथ में लड़ने का ऐलान कर दिया. एसपी मुखिया अखिलेश यादव और बीएसपी सुप्रीमो ने लखनऊ में सांझा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इ बात का ऐलान किया. एसपी और बीएसपी आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. दो सीटें छोटी पार्टियों के लिए छोड़ी गई हैं जबकि अमेठी और रायबरेली की दो सीटें कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ना तय किया गया है. हालांकि कांग्रेस इस गठबंधन में शामिल नहीं है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती के साथ एसपी मुखिया अखिलेश यादव ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान मायावती ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन से गुरु-चेला (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह) की नींद उड़ जाएगी.

गठबंधन कितना लंबा चलेगा, इस सवाल पर मायावती ने कहा कि गठबंधन स्थायी है. यह सिर्फ लोकसभा चुनाव तक नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में भी चलेगा और उसके बाद भी चलेगा. मायावती ने कहा कि बीजेपी ने इस गठबंधन को तोड़ने के लिए एसपी प्रमुख अखिलेश यादव का नाम जानबूझकर खनन मामले से जोड़ा.

बीजेपी की घिनौनी हरकत से एसपी-बीएसपी गठबंधन होगा मजबूत

उन्होंने कहा, ‘बीजेपी को मालूम होना चाहिए कि उनकी इस घिनौनी हरकत से एसपी-बीएसपी गठबंधन को और ज्यादा मजबूती मिलेगी.’ गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किए जाने के बारे में मायावती ने कहा कि कांग्रेस के वर्षों के शासन के दौरान गरीबी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई. उन्होंने कहा कि सरकार बदलती है लेकिन नीतियां नहीं बदलती. पहले भी रक्षा सौदे में भ्रष्टाचार होता है और अब भी हो रहा है.

मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कम से कम दो बार जोर देकर 1995 गेस्ट हाउस कांड का जिक्र किया और कहा कि उनकी पार्टी ने जनहित और देशहित में उसे भूलाकर एसपी के साथ गठबंधन करने का फैसला लिया है. अखिलेश ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने उत्तर प्रदेश को ‘जाति प्रदेश’ बना दिया है, और तो और बीजेपी ने भगवानों को भी जाति में बांट दिया. एसपी मुखिया ने यह आशंका भी जताई कि बीजेपी दंगा फसाद करा सकती है.

उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी का गठबंधन केवल चुनावी गठबंधन नहीं है बल्कि यह गठबंधन बीजेपी के अत्याचार का अंत भी है. ‘बीजेपी के अहंकार का विनाश करने के लिए बीएसपी और एसपी का मिलना बहुत जरूरी था.’ अखिलेश ने कहा, ‘मायावती का सम्मान मेरा सम्मान है. अगर बीजेपी का कोई नेता मायावती का अपमान करता है तो एसपी कार्यकर्ता समझ लें कि वह मायावती का नहीं बल्कि मेरा अपमान है.’

पाठक सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए सम्मानित

शहीद सुशील कुमार शर्मा फाउंडेशन द्वारा आज डेमोक्रेटिकफ्रंट॰कॉम के कानूनी सलाहकार और संविधान विशेषज्ञ ‘दिनेश पाठक’ को सम्मानित किया गया दिनेश पाठक को वीएचपी के विधि प्रकोष्ठ के प्रमुख होने का गौरव भी प्राप्त है

जयपुर,

शहीद का सम्मान देश हित मे कुर्बान होने वाले सभी जांबाज़ों को मिलना चाहिए। कुछ लोग देश हित के लिए अपनी कुर्बानी देने से पीछे नही रहते।उनके परिजनों की देखभाल करने वाला कोई नहीं होता, हमें ऐसी व्यवस्थाये करानी होगी, जिससे आमजन देश हित मे ततपरता दिखाये। यह कहना है शहीद सुशील कुमार शर्मा फाउंडेशन के राजस्थान प्रदेश संयोजक यतेन्द पाण्डेय का। पाण्डेय शहीद सुशील कुमार शर्मा फाउंडेशन द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के बार सभागार में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपना उदबोधन दे रहे थे।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल उपमन रहे। अध्यक्षता महासचिव संगीता शर्मा रही। वक्ताओं ने विवेकानंद जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए, उनके द्वारा किये गये कार्यों से शिक्षा लेकर देश उत्थान की बात कही।इस अवसर पर अनिल उपमन,संगीत शर्मा, दिनेश पाठक, अनिल चतुर्वेदी, मनीष शर्मा, का सम्मान किया। इस अवसर पर फाउंडेशन के अम्रत भारद्वाज भरतपुर ,मौहम्मद नासिर दौसा, सोन् सैनी सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे।

स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपना उदबोधन दे रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल उपमन रहे। अध्यक्षता महासचिव संगीता शर्मा रही। वक्ताओं ने विवेकानंद जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए, उनके द्वारा किये गये कार्यों से शिक्षा लेकर देश उत्थान की बात कही।इस अवसर पर अनिल उपमन,संगीत शर्मा, दिनेश पाठक, अनिल चतुर्वेदी, मनीष शर्मा, का सम्मान किया। इस अवसर पर फाउंडेशन के अम्रत भारद्वाज भरतपुर ,मौहम्मद नासिर दौसा, सोन् सैनी सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे।