Sunday, December 22

यूपी में मुख्यमंत्री के आदेश पर बलवा करने वालों की पहचान करके उनसे ही नुकसान की भरपाई की बात कही गई थी. जिसके बाद जिलाधिकारियों ने इस आदेश का पालन करते हुए कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों की पहचान कर उनकी संपत्ति को सील कर दिया. 

नई दिल्ली:

दिल्ली में अब किसी भी प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से भरपाई करवाई जाएगी. दिल्ली पुलिस ने इसके लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई है. गौरतलब है कि नागरिकता कानून को लेकर बीते महीने देश के कई शहरों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. यूपी में मुख्यमंत्री के आदेश पर बलवा करने वालों की पहचान करके उनसे ही नुकसान की भरपाई की बात कही गई थी.

जिसके बाद जिलाधिकारियों ने इस आदेश का पालन करते हुए कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों की पहचान कर उनकी संपत्ति को सील कर दिया.

अब खबर है कि दिल्ली पुलिस भी ऐसा ही कुछ करने की कोशिश में लगी है. दिल्ली पुलिस राजधानी में एक क्लेम कमिश्नर की नियुक्ति के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची है. बता दें कि बीते महीने दिल्ली के कई इलाकों में नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. दिल्ली के जामिया नगर, सीलमपुर और दरियागंज में नागरिकता कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे.

15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान कई असामाजिक तत्वों ने डीटीसी की बसों में आगजनी और कई वाहनों में तोड़फोड़ की थी. इसके बाद 17 दिसंबर को सीलमपुर-जाफराबाद में सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान भी सार्वजनिक सपंत्ति को नुकसान पहुंचाने की खबर आई थी. पुलिस के मोर्चा संभालने तक हिंसा पर उतरी भीड़ दो पुलिस बूथ, दो बसें, तीन मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर चुकी थी. सबसे ज्यादा पथराव सीलमपुर और जाफराबाद थाना क्षेत्र में हुआ था.


इसके अलावा नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के दरिया गंज इलाके में 20 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन में आगजनी और दंगा करने के मामले में पुलिस 15 लोगों को आरोपी बनाया था. पुलिस का कहना था कि ये लोग पुलिस पर पत्थरबाजी , कार जलाने जैसी हरकतों में शामिल थे.