विधानसभा चुनावाें में साल दर साल भाजपा से अलग हाेती गई सहयोगी दलों की राह
2005 में सहयोगी दल को 18, 2009 में 14, 2014 में 8 व 2019 में सीटाें पर नहीं हुआ समझाैता
प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक बड़ा बयान दिया है. पीके ने कहा है कि जेडीयू को बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। यह भाजपा से किनारा करने के संकेत हैं, वैसे भी 2014 चुनाव जीतने के बाद ही से मोदी प्रशांत की दोस्ती में खटास आ चुकी है, यह नहीं बंगाल विजय का सपना देखने वाली भाजपा के लिए पीके और ममता की दोस्ती भी मुश्किल खड़ी कर सकती हैभाजपा ने यदि आपण रणनीति नहीं बदली तो सभी राज्य धीरे धीरे भाजपा मुक्त हो जाएँगे।
नयी दिल्ली(ब्यूरो):
जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चर्चित रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक बड़ा बयान दिया है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि जेडीयू को बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. प्रशांत किशोर ने कहा है कि विधानसभा चुनावों में जेडीयू हमेशा से बीजेपी से बहुत बड़ी पार्टी रही है और इसी के आधार पर आगे भी रहेगी. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में जेडीयू हमेशा से बड़े भाई की भूमिका में रही है.
प्रशांत किशोर ने ये भी कहा कि विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ा जाना चाहिए. इतना ही नहीं, जेडीयू उपाध्यक्ष ने साफ कर दिया कि बिहार में जेडीयू की सरकार है. बीजेपी उसकी सहयोगी पार्टी है.
प्रशांत किशोर ने कहा, ‘अगर 2010 के विधानसभा चुनाव को देखा जाए जिसमें जेडीयू और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तो यह अनुपात 1:1.4 था. अगर इसमें इस बार मामूली बदलाव भी हो, तो भी यह नहीं हो सकता कि दोनों दल समान सीटों पर चुनाव लड़ें. जेडीयू अपेक्षाकृत बड़ी पार्टी है जिसके करीब 70 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास करीब 50 विधायक हैं.
प्रशांत किशोर के बयान को जेडीयू ने सही ठहराया है. जेडीयू नेता श्याम रजक ने कहा है कि, आगामी विधानसभा चुनाव में जेडीयू की बड़ी भूमिका में होगी. हालांकि ये अभी तय नहीं हुआ है. उधर, बीजेपी नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि प्रशांत किशोर कोई पार्टी के अधिकारी नहीं हैं. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि, हम बिहार में मिलकर चुनाव लड़ेंगे. इसके बाद कुछ कहने की जरूरत नहीं है.