Sunday, December 22

विनीत ढांडा द्वारा दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि अफवाह फैलाने वाली राजनीतिक पार्टियों पर चुनाव आयोग एक्शन ले और दुष्प्रचार में शामिल मीडिया संस्थानों के खिलाफ सूचना प्रसारण मंत्रालय कार्रवाई करे. आपको बता दें कि दरियागंज हिंसा मामले में शामिल 15 आरोपियों की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी है.

विनीड ढांडा
साभार ANI

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है. इसे लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों को दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दे. याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत ढांडा ने दायर की है.

याचिका में यह भी कहा गया है कि अफवाह फैलाने वाली राजनीतिक पार्टियों पर चुनाव आयोग एक्शन ले और दुष्प्रचार में शामिल मीडिया संस्थानों के खिलाफ सूचना प्रसारण मंत्रालय कार्रवाई करे. आपको बता दें कि दरियागंज हिंसा मामले में शामिल 15 आरोपियों की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी है. 

नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के दरिया गंज इलाके में 20 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन में आगजनी और दंगा करने के मामले में पुलिस ने 15 लोगों को आरोपी बनाया था. तीस हजारी की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सोमवार को इन सभी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. लेकिन मंगलवार को इनमें से 6 आरोपियों ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी है. आज इस मामले में सुनवाई होनी है.

पुलिस का कहना था कि ये लोग पुलिस पर पत्थरबाजी, कार जलाने जैसी हरकतों में शामिल थे. सोमवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सभी 15 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था, ‘पुलिसकर्मियों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था, उन्हें उनकी ड्यूटी करने से रोका गया. पुलिस पर हमला किया गया उनपर पत्थरबाजी हुई. पुलिसकर्मियों को चोटें आई, किसी भी तरह से हिंसा को सही साबित नहीं किया जा सकता है. जो भी आरोप लगे हैं वह गंभीर प्रकृति के हैं. इसलिए जमानत का कोई आधार नहीं है.’