नागरिकता बिल पर पिछले 5-6 दिनों से जो विनाश भारत में देखने को मिल रहा है वह सुनियोजित ढंग से फैलाया जा रहा है। पहले पहल हिंसक प्रदर्शन बंगाल में ममता बेनर्जी के संरक्षण में रेलवे सम्पत्तियों की तोड़फोड़ से शुरू हुआ जिसमें पुलिस अकर्मण्यता का बचाव ममता बेनर्जी ने यह कह कर किया की रेलवे संपत्तियाँ केंद्र की ज़िम्मेदारी हैं न की राज्य की। और फिर ममता खुद मैदान में उतर आई और केंद्र की सत्ता को ही मानने से इंकार करते हे सीधे संयुत राष्ट्र की देख रेख में जनमत संग्रह की मांग रख दी। अब बात करते हैं काँग्रेस की, दिल्ली में चल रहे शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन के हिंसक होने से मात्र एक शाम पहले प्रियंका वाड्रा धरना स्थल पर जा कर अपना समर्थन देने की बात कहतीं हैं और अगले ही दिन शांत छात्र प्रदर्शन हिंसक से विनाशक हो जाता है। सारे प्रकरण में एक बात साफ है की केवल मुस्लिम बहुल इलाके ही में हिंसक प्रदर्शन हुए। अब एक दूसरी बात, भाजपा शासित प्रदेश ही हिंसक प्रदर्शनों की चपेट में हैं, छतीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश या फिर पंजाब जहां कांग्रेस का शासन है, वहाँ के नागरिकों को इस बिल से कोई परेशानी नहीं है यही वह राज्य हैं जहां इस मामले में पूर्ण शांति है। और तो और काश्मीर भी शांत है। इससे इस सारे फसाद में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष काँग्रेस का हाथ होने की संभावना अधिक जान पड़ती है :- चाचा चंडीगढ़िया
सतर्कता के रूप में, इलाके में पुलिस बंदोबस्त भी तैनात किया गया है. अहमदाबाद के लाल दरवाजा सिटी कॉलेज के सामने से बिल का विरोध कर रहे 5 छात्रों को हिरासत में लिया गया है. सभी पांच छात्र एनएसयूआई के कार्यकर्ता है. लाल दरवाजा और सीटी इलाकों में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया है.
दिल्ली(ब्यूरो):
नागरिकता बिल पर गुजरात के बनासकांठा में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया. पुलिसवालों की गाड़ियों को घर लिया. उसे हिलाया. गुस्से में प्रदर्शनकारी ने गाड़ी को धक्का दिया और उसे गिराने की कोशिश की. एक और वीडियो अहमदाबाद का सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसमें प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों से मारपीट कर रहे हैं.
इतनी ही नहीं, गुजरात के कई जिलों में नागरिकता कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वड़ोदरा में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओ द्वारा नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन किया गया है लेकिन खुद पार्टी प्रमुख विनोद शाह को इस बिल के बारे में जानकारी नहीं है. मीडिया ने जब उनसे CAA को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा की मुझे बिल के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वडोदरा के मांडवी इलाके में भी नागरिकता बिल के खिलाफ विरोध देखा गया. मांडवी इलाके में व्यापारियों ने बंद का एलान किया है. व्यापारियों ने इलाके की तमाम दुकाने बंद कर अपना विरोध दिखाया है. वही अन्य क्षेत्रों में बंद का कोई असर नहीं देखा गया है.
अहमदाबाद की बात करें तो वह भी नागरिकता बिल का विरोध किया गया है. विरोध के चलते शहर के ढालगरवाड और त्रण दरवाजा इलाके को संपूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. व्यापारियों द्वारा सम्पूर्ण तोर पर दुकाने बंद की गई हैं. सतर्कता के रूप में, इलाके में पुलिस बंदोबस्त भी तैनात किया गया है. अहमदाबाद के लाल दरवाजा सिटी कॉलेज के सामने से बिल का विरोध कर रहे 5 छात्रों को हिरासत में लिया गया है. सभी पांच छात्र एनएसयूआई के कार्यकर्ता है. लाल दरवाजा और सीटी इलाकों में पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया है.