पंजाब ब्यूरो
दोस्तो जैसे कि आप सब लोग जानते है कि पंजाब में जय वीरू की जोड़ी ने आतंक मचा रखा है आज उसी कड़ी में एक और कड़ी जुड़ गई है , ये जय और वीरू की जोड़ी एक ऐसी जोड़ी है जो सरकार से सेक्युटिरी हासिल करने के लिए कुछ भी कर सकते है जी हां ये लोग सेक्युटिरी प्राप्त करने के लिए लाखों हिंदुओ के आस्था को भी दांव पर लगाने में कोई पेरजेह नही करते।
आज की हमारी जो कहानी है वो शिवसेना हिंद के नाम पर किस तरह सेक्युटिरी लेने के लिए पुलिस प्रशासन और सरकार की आंखों में धूल झोंकते है जय वीरू, क्या कभी इस और कि प्रशाशनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी व पंजाब के मोजूदा सीएम ने कभी धेयान दिया है? फिलहाल इसका उत्तर है ना है क्योंकि कभी किसी अधिकारी और सरकार ने इस और धेयान ही नही दिया या फिर कही न कही सरकारी अधिकारी व सरकार भी इनके साथ मीले हुए है! अब ये तो अधिकारी या पंजाब के मौजूदा सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ही बता सकते है।
कैसे और क्यों ली जाती है जय और वीरू द्वारा सेक्युटिरी?
असल मे जय वीरू आये दिन ख़लीस्थानियो व खालिस्तानी समर्थों के खिलाफ इनका मीडिया में बयान देना भी एक साजिश के तहत है जिसका मुख्य मकसद सिफ और सिर्फ सेक्युटिरी प्राप्त करना है। जी हां दोस्तो आप सही पढ़ रहे है, ये लोग इतने शातिक है कि आम जनता तो दूर पुलिस और सरकार आंख में मिनटों में धूल झोंक देते है ऐसे लोगो को आम जनता एक नट वर लाल भी कहती है! सेक्युटिरी लेने के लिए ये लोग पुलिस के टॉ ट तक बन जाते है! और हिन्दु देवी देवताओं के नाम पर सब कुछ करते है जिससे लाखों करोड़ों हिंदुओ की आस्था के साथ पिछले लंबे समय से खेला जा रहा है यहाँ पर हम आपसे पूछना चाहते है क्या सेक्युटिरी लेने के लिए करोड़ो हिंदुओ की आस्था के साथ खिलवाड़ करना क्या सही है?? इसका जवाब अब ही दे सकते है।
कैसे ली जाती है जय और वीरू द्वारा सेक्युटिरी आपको बताते है, पहले ये एक साजिश के तहत आतंकवादियो/ख़लीस्थानियो के खिलाफ बयान बाजी करते है और फिर ऐसे लोगो का केस लड़ रहे वकीलों के साथ साठ गांठ करते है और फिर माहौल खराब करने वाली घटना को अंजाम देकर पुलिस प्रशासन व सरकार पर सेक्युटिरी देने का दबाव बनाते है।
दोस्तो हमारी मंशा किसी को आहत करने की कतेहि नही जो सच है वो हम तमाम जनता के सामने लाना चाहते है ताकि सेक्युटिरी के नाम पर जनता के होने वाले टैक्स के पैसों के दुरुपयोग पर सरकार रोक लगा सके और आम जनता का पैसा फालतू के कामो की बजाए जनता हित मे लग सके।