विश्व हिन्दू परिषद अंतर्राष्ट्रीय महामंत्री #श्री मिलिंदजी_परांडे
नई दिल्ली. दिसंबर 15, 2019.
विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के विरुद्ध भड़के हिंसक प्रदर्शनों को छद्म-धर्म निरपेक्षतावादियों द्वारा निहित स्वार्थों से प्रेरित एक देश-विरोधी निंदनीय कृत्य बताया है. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय महा-मंत्री श्री मिलिंद परांडे ने आज कहा कि विदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने तथा पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अफ़गानिस्तान के धार्मिक उत्पीडन के शिकार शरणार्थियों को भारत में शरण देने से किसी भी भारतीय को कोई हानि नहीं है. इसके बावजूद कुछ छद्म-धर्म निरपेक्षतावादियों तथा निहित स्वार्थी राजनैतिक दलों द्वारा अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की नीति के अंतर्गत जनता को भड़का कर जो हिंसक प्रदर्शन कराए जा रहे हैं वे सर्वथा निंदनीय व खतरनाक हैं. उन्होंने राज्य सरकारों से अपील की कि वे सभी अराजक तत्वों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही कर जान-माल व राष्ट्रीय संपत्ति के नुकसान के साथ किसी भी प्रकार की हिंसा को अविलम्ब रोकें.
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के नाम पर किसी को भी रेलवे स्टेशन, बसों, सरकारी सम्पत्ति, मीडिया या सुरक्षा बालों पर हमला करने की छूट नहीं दी जा सकती. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राज्यों की सरकारें देश की संसद व राष्ट्रपति द्वारा अधिकृत नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर इन हिंसक प्रदर्शनों में केवल मूक दर्शक बनी हुई हैं जबकि, संवैधानिक रूप से सभी को इस अधिनियम का पालन करने हेतु आगे आना चाहिए.
विहिप महामंत्री श्री परांडे ने यह भी कहा कि घुसपैठियों तथा शरणार्थियों के अंतर को ठीक से समझने की आवश्यकता है. जहां एक ओर वसुधैव कुटुम्बकम की नीति के तहत पीड़ित शरणागत की रक्षा करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है, वहीँ दूसरी ओर बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठिये देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन कर भारतीय मुसलमानों की भी छवि खराब करते हैं अत: राजनैतिक दलों सहित सभी भारतीयों को इन्हें बाहर का रास्ता दिखाने में सरकारों की मदद करनी चाहिए.
विश्व हिन्दू परिषद ने राज्य सरकारों तथा पुलिस प्रशासन से राष्ट्रीय सम्पत्ति के साथ जान-माल की कठोरता से रक्षा करने तथा देश भर में शांति एवं सुव्यवस्था बनाये रखने की अपील भी की है.