राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पॉक्सो एक्ट के तहत बलात्कार के दोषियों को दया याचिका दायर करने के अधिकार से वंचित करने की बात कही है.
– पॉक्सो एक्ट के तहत बलात्कार के दोषियों को नहीं मिले दया याचिका का अधिकार
– राष्ट्रपति ने संसद से दया याचिका पर पुनर्विचार करने की अपील की है
– नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध में लगता है पॉक्सो एक्ट
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नई दिल्ली(ब्यूरो):
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज कहा कि नाबालिगों को यौन शोषण से बचाने के लिए कड़े POCSO अधिनियम के तहत दोषी पाए गए किसी को भी दया याचिका दायर करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. राजस्थान के सिरोही में एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “महिला सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा है. POCSO अधिनियम के तहत बलात्कार के दोषियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए. संसद को दया याचिकाओं की समीक्षा करनी चाहिए.”
इससे पहले लोकसभा में आज तेलंगाना एनकाउंटर पर सांसदों ने बहस के दौरान कई मुद्दों का जिक्र किया. धीमी न्याय प्रक्रिया पर भी सांसदों ने सवाल उठाए. दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जो भी हुआ वह बिल्कुल कानून के अनुसार हुआ. लोकसभा में एनकाउंटर पर बहस के दौरान मीनाक्षी लेखी ने कहा कि पुलिस के पास हथियार सजाकर रखने के लिए नहीं है. उन्होंने कहा कि, ‘…आप अपराध भी करेंगे और हथकड़ी खोलकर भागने का प्रयास भी करेंगे. पुलिस के पास हथियार सजाकर रखने के लिए नहीं है, वह क्या करती.’ मीनाक्षी लेखी ने कहा कि निर्भया वाले मामले में दिल्ली की सरकार ने फैसला लेने के लिए फाइल महीनों दबाकर रखा. उन्होंने कहा कि एनकाउंटर के बाद जो भी जांच प्रक्रिया होगी उसका पालन होगा.
संसद में रेप की घटनाओें पर हो रही बहस के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन्नाव में रेप पीडि़ता को जिंदा जलाए जाने की घटना पर रोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उन्नाव में पीड़िता 95% तक जल गई, इस देश में क्या चल रहा है? एक तरफ भगवान राम का मंदिर बनाया जा रहा है और दूसरी तरफ सीता मैया को आग लगाई जा रही है. अपराधी ऐसा करने की हिम्मत कैसे जुटाते हैं? अधीर रंजन चौधरी के इस बयान के बाद कांग्रेस के सांसदों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किए और उठकर बाहर चले गए.
इससे पहले हैदराबाद रेप कांड के चारों आरोपियों का आज सुबह एनकाउंटर कर दिया गया. इन चारों पर महिला वेटरनरी डॉक्टर के साथ रेप और उसे मारकर जला देने का आरोप था. पुलिस का दावा है कि ये सभी आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे और इस दौरान पुलिस की ओर से हुई फायरिंग में सभी आरोपी मारे गए हैं. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह एनकाउंटर आज तड़के 3 बजे से 6 बजे के बीच हुआ है. मिली जानकारी के मुताबिक अदालत में चार्जशीट दाखिल करने के बाद पुलिस इन चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले गई थी ताकि ‘सीन ऑफ क्राइम’ (रिक्रिएशन) की पड़ताल की जा सके. लेकिन उनमें से एक आरोपी ने पुलिसकर्मी का हथियार छीन कर भागने की कोशिश करने लगा. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अगर यह आरोपी भाग जाते तो बड़ा हंगामा खड़ा हो जाता इसलिए पुलिस के पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था और जवाबी फायरिंग में चारो आरोपी मारे गए.
गौरतलब है कि 28 नवंबर को इन चार आरोपियों की जिनकी उम्र 20 से 26 साल के बीच थी, महिला डॉक्टर को टोल बूथ पर स्कूटी पार्क करते देखा था. आरोप है कि इन लोगों ने जानबूझकर उसकी स्कूटी पंक्चर की थी. इसके बाद मदद करने के बहाने उसको एक सूनसान जगह पर ले जाकर गैंगरेप किया और बाद में पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया. पुलिस के मुताबिक घटना से पहले इन लोगों ने शराब भी पी रखी थी. रेप और मर्डर की इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा था और इस मामले की सुनवाई के लिए फॉस्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया था.