पूनम महाजन ने कहा कि जो महिलाओं का सम्मान नहीं करते हैं, उनको बोलने का कोई अधिकार नहीं है. निर्मला सीतारमण पर जिस प्रकार की टिप्पणी उन्होंने की, उसका मैं खंडन करती हूं. उन्होंने कहा कि निर्मला सीतारमण ने बताया कि वह क्या काम कर रही हैं. मैं अधीर रंजन को कहना चाहती हूं कि निर्बल तो आप हैं. एक ऐसी पार्टी जिसकी अध्यक्ष महिला है, जो देश के लिए काम नहीं कर रही है सिर्फ परिवारवाद का काम कर रही है उसके लिए आप खड़े हैं. लेकिन देश की महिलाओं की सुरक्षा के लिए आप काम नहीं कर रहे हैं.
राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस स्तर पर कांग्रेस नेता ने भाषा का इस्तेमाल किया है, उस स्तर पर हमें नहीं जाना है
नई दिल्ली:
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ‘निर्बला’ कहने के बाद उठे हंगामे के बीच आज बीजेपी सांसद पूनम महाजन ने अधीर रंजन पर पलटवार किया. पूनम महाजन ने कहा कि कल तेलंगाना की डॉक्टर के रेप और हत्या के मामले में सभी सांसद एकजुट थे. कुछ समय बाद जिनके नाम में ‘धीर’ है वैसे अधीर रंजन जी के अपने धीर क बांध फूट गया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर उन्होंने जो टिप्पणी की वो सबसे बुरा हुआ. इसके साथ ही पूनम महाजन ने अधीर रंजन से कहा, ”निर्बल तो आप हैं दादा जोकि एक ही परिवार की महिला के लिए आप खड़े हैं और उसी के सम्मान और सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं.”
इससे पहले बीजेपी सांसदों ने पीएम मोदी, अमित शाह और निर्मला सीतारमण के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए अधीर रंजन से माफी की मांग की. इससे पहले बीजेपी की संसदीय दल की बैठक मंगलवार को दिल्ली में संपन्न हुई. बैठक में कांग्रेस में लोकसभा के नेता अधीर रंजन चौधरी के पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का भी मुद्दा उठा. बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस स्तर पर कांग्रेस नेता ने भाषा का इस्तेमाल किया है, उस स्तर पर हमें नहीं जाना है. राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें आक्रामक रहना चाहिए लेकिन गरिमा के साथ. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी बैठक में सांसदों की सदन में गौरमौजूदगी को लेकर चिंतित हैं. पीएम मोदी चाहते हैं संसद में सांसदों को मौजूद रहना चाहिए.
क्या कहा था अधीर रंजन चौधरी ने?
बता दें रविवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने एक विवादित ब्यान देते हुए पीएम मोदी और अमित शाह को घुसपैठिए कहा था. अधीर रंचन चौधरी ने कहा, ‘एनआरसी नाम लेकर एक ऐसा माहौल पैदा हो गया कि जो हमारे देश के वास्तविक नागरिक हैं वे भी सोचने लगे हैं कि हमारा क्या होगा. आम जन सारे कागजात लेकर नहीं बैठे रहते, गरीब, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के लोगों को रोटी की चिंता रहती है, कागजात के बारे में सोचने का उनके पास समय नहीं है.’